वक्रतुण्ड महाकाय , कोटि सुर्य सम प्रभ : ।
निर्विघ्नं कुरू मे देव , सर्व कार्येषु सर्वदा ।। 🙏🙏
।। श्रीगणेश वन्दना ।।
प्रथम पुजब तोहे गणपति , गौरी के नंदन हे ।
आहे शंकर सुत वरदायक , सुनु प्रभु वंदन हे ।।
प्रथम पुजब तोहे गणपति...............।।
मुसक पीठ पर शोभित , सेनुर के चंदन हे ।
आहे ऋधि सिद्धि केर स्वामी , सकल दुख भंजन हे ।।
प्रथम पुजब तोहे गणपति...............।।
मोदक प्रिय मुद मंगल , गज मुख आनन हे ।
आहे विघ्न विनाशक स्वामी , पतित के पावन हे ।।
प्रथम पुजब तोहे गणपति...............।।
देहु अभय वरदान , हम तोहे शरणन हे ।
आहे बँदऊँ गौरी कुमार , करजोरी चरणन हे ।।
प्रथम पुजब तोहे गणपति...............।।
माँगत " माधव " दण्डवत , दियौ प्रभु दर्शन हे ।
आहे पार उतारू नैया , शिव पुत गजानन हे ।।
प्रथम पुजब तोहे गणपति............।।
------ गीतकार दिनेश झा " माधव "
सझुआर , बेनीपुर , दरभंगा , मिथिला
8369384585
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