शनिवार, 4 अप्रैल 2020

गौरी के नंदन हे ।। गीतकार - दिनेश झा "माधव"


वक्रतुण्ड महाकाय , कोटि सुर्य सम प्रभ : ।
निर्विघ्नं  कुरू मे देव , सर्व कार्येषु सर्वदा ।। 🙏🙏

           ।।  श्रीगणेश  वन्दना ।।
 

 प्रथम पुजब तोहे गणपति ,  गौरी के नंदन हे ।
आहे  शंकर सुत वरदायक ,  सुनु प्रभु वंदन हे ।।
     प्रथम पुजब तोहे गणपति...............।।
  मुसक  पीठ  पर  शोभित ,   सेनुर  के    चंदन   हे । 
  आहे  ऋधि सिद्धि केर स्वामी , सकल दुख भंजन हे ।।
       प्रथम पुजब तोहे गणपति...............।।
  मोदक  प्रिय  मुद  मंगल , गज मुख  आनन  हे ।  
  आहे   विघ्न विनाशक स्वामी , पतित के पावन हे ।।
         प्रथम पुजब तोहे गणपति...............।।
   देहु   अभय   वरदान  , हम  तोहे   शरणन   हे । 
   आहे  बँदऊँ  गौरी कुमार , करजोरी  चरणन  हे ।।
         प्रथम पुजब तोहे गणपति...............।।
   माँगत  " माधव "  दण्डवत ,  दियौ प्रभु दर्शन हे ।
   आहे पार उतारू  नैया ,  शिव पुत गजानन हे ।।
         प्रथम पुजब तोहे गणपति............।।

     ------ गीतकार दिनेश झा " माधव "
         सझुआर , बेनीपुर , दरभंगा , मिथिला 
             8369384585

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