वरक - परिछन
आजु चलियौ यौ दूल्हा ससुर अंगना |
नव साजल सुमंगल मंडप अंगना ||
आजु चलियौ------
परिछन अयली सासू सुनयना |
आजु हियरा जुरायल निरखि नयना | |
आजु चलियौ -----
माथे मणि मौर , तन शोभे पिताम्बर |
छवि अवलोकू नवल बहिना ||
आजु चलियौ ------
जेहने धीया , ओहने वर सुन्दर |
आजु भेल हमरो सुफल सपना ||
आजु चलियौ ------
"रमण" सखी जन परीछन चलली |
कने धीरे - धीरे बाजा बजारे बजना
आजु चलियौ------
लेखक -
रेवती रमन झा "रमण "