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शुक्रवार, 10 अप्रैल 2020

यौ सजना कहु अहाँ , कोना हम रहबै ।। गीतकार - दिनेश झा "माधव"

                      ।। प्रेम विरहगीत।।
       


यौ सजना  कहु अहाँ  , कोना हम रहबै  अहाँ के बिना ।
       यौ सजना.......
 भेलै कोन चुक यौ हमरा सँ , किया नैन मुनि बैसि रहलौं ।
कहबै ककरा मोनक बतिया , किया  चण्ठ बनि रूसि रहलौं।
   आबु आबु प्राण प्रितम , जियब हम  आब कोना ।।
        यौ सजना............।।
  दीप प्रेमक जराके अहाँ    किया विरह अगन में झोंकि देलौं
 धहधह धधकै जिया हमरयौ पिया पीड़ हृदय में भौंकि देलौं
  बाजु बाजु सजन सिनेहिया , तड़पै मन छै कंत बिना ।।
           यौ सजना............।।
 खनकै चुड़ी खनकै कंगना , रहि रहि टीस उठै छै यौ सजना
 भेलौं पाथर हे यौ माधव ,  बुझि हमरा  यौ अहाँ अदना 
   बाजु बाजु प्रेमी प्रियवर , देलौं किया यौ पीर वेदना ।।
           यौ सजना.......... ।।

        ---  गीतकार दिनेश झा " माधव "
           सझुआर , बेनीपुर , दरभंगा, मिथिला
                     83693845

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