dahej mukt mithila

(एकमात्र संकल्‍प ध्‍यान मे-मिथिला राज्‍य हो संविधान मे) अप्पन गाम घरक ढंग ,अप्पन रहन - सहन के संग,अप्पन गाम-अप्पन बात में अपनेक सब के स्वागत अछि!अपन गाम -अपन घरअप्पन ज्ञान आ अप्पन संस्कारक सँग किछु कहबाक एकटा छोटछिन प्रयास अछि! हरेक मिथिला वाशी ईहा कहैत अछि... छी मैथिल मिथिला करे शंतान, जत्य रही ओ छी मिथिले धाम, याद रखु बस अप्पन गाम - अप्पन बात ,अप्पन मान " जय मैथिल जय मिथिला धाम" "स्वर्ग सं सुन्दर अपन गाम" E-mail: apangaamghar@gmail.com,madankumarthakur@gmail.com mo-9312460150

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शुक्रवार, 21 जून 2024

विद्यापति गौरव मंच के सानिंध्य में सम्पन्य भेल विश्वा योग दिवस -

  विद्यापति गौरव मंच के सानिंध्य  में सम्पन्य भेल  विश्वा योग दिवस - 

राष्ट्रीय स्वम सेवक   संघ के द्वारा संचालित  , विद्यापति नगर में , विद्यापति सखा , दुर्गा सखा , श्री राम सखा के स्वम  सेवक एवं  नगर वासी  समलित भेलाह  , एम्  झा  जी के अध्यक्षता में और विकास जी के मुख्य शिक्षक क  सहयोग

 सं नगर  वासी  योग दिवसक लाभ प्राप्त केला  , 

जाहि में मुख्य सहयोग , नीतीश जी , तपन जी , धर्मपाल जी , गोपाल जी , इतियादी  लोग  अहि  कार्य के सम्पन्य में अहम् दायुत्व  निभेला  , 













गुरुवार, 20 जून 2024

कान कटा गधा


एक बार की बात है शेर को भूख लगी तो उसने लोमड़ी से कहा - मेरे लिए कोई शिकार ढूंढकर लाओ अन्यथा ? मैं तुम्हें ही खा जाऊँगा.. 

        लोमड़ी एक गधे के पास गई और बोली - मेरे साथ शेर के समीप चलो क्योंकि वो तुम्हें जंगल का राजा बनाना चाहता है..  गधा लोमड़ी के साथ चला गया। शेर ने गधे को देखते ही उस पर हमला कर दिया और उसके कान काट लिए लेकिन गधा किसी प्रकार बच कर भागने में सफल रहा।  तब गधे ने लोमड़ी से कहा - तुमने मुझे धोखा दिया शेर ने तो मुझे मारने का प्रयास किया और तुम कह रही थी कि वह मुझे जंगल का राजा बनायेगा.. 

      लोमड़ी ने कहा - मूर्खता भरी बातें मत करो.. शेर ने तुम्हारे कान इसीलिए काट लिए ताकि तुम्हारे सिर पर ताज सुगमता पूर्वक पहनाया जा सके, समझे..आओ चलो लौट चलें शेर के पास.. गधे को यह बात ठीक लगी, इसलिए वह पुनः लोमड़ी के साथ चला गया..

शेर ने फिर गधे पर हमला किया तथा इस बार उसकी पूँछ काट ली..गधा फिर लोमड़ी से यह कहकर भाग चला - तुमने मुझसे फिर झूठ कहा, इस बार शेर ने तो मेरी पूँछ भी काट ली..

लोमड़ी ने कहा - शेर ने तो तुम्हारी पूँछ इसलिए काट ली ताकि तुम सिंहासन पर सहजता पूर्वक बैठ सको चलो पुनः उसके पास चलते हैं.. इस प्रकार लोमड़ी ने गधे को फिर से लौटने के लिए मना लिया..

इस बार सिंह गधे को पकड़ने में सफल रहा और उसे मार डाला..

        शेर ने लोमड़ी से कहा - जाओ, इसकी चमड़ी उतार कर इसका दिमाग फेफड़ा और हृदय मेरे पास ले आओ और बचा हुआ अंश तुम खा लो..

      लोमड़ी ने गधे की चमड़ी निकाली और गधे का दिमाग खा लिया और केवल फेफड़ा तथा हृदय सिंह के पास ले गई सिंह ने गुस्से में आकर पूछा - इसका दिमाग कहाँ गया?

लोमड़ी ने जवाब दिया - महाराज ! इसके पास तो दिमाग था ही नहीं..

यदि इसके पास दिमाग होता तो क्या कान और पूँछ कटने के उपरान्त भी आपके पास यह पुनः वापस आता..?

शेर बोला - हाँ, तुम पूर्णतया सत्य बोल रही हो..

यह कहानी हर उस हिंदू गधे की कहानी है जो 1000 वर्षों से अधिक समय से सभी हिंदुओं को खत्म करने के बारम्बार षड्यंत्र होने के बाद भी धर्मनिरपेक्षता में विश्वास करता है..

यह कहानी हर उस हिंदू गधे की कहानी है जो सन् 1990 में कश्मीरी पंडितों का कत्लेआम चुका है और फिर भी धर्मनिरपेक्षता में विश्वास करता है..

यह कहानी हर उस हिंदू गधे की कहानी है जो भारत के इन 7 राज्यों (लक्षद्वीप, जम्मू & कश्मीर, असम, पश्चिम बंगाल, केरल, उत्तर प्रदेश और बिहार) की तेजी से बदलती हुई डेमोग्राफी को अपनी खुली आंखों से देख रहा है किंतु फिर भी धर्मनिरपेक्षता में विश्वास करता है..

पता नहीं ये लोग उन नेताओं को बार बार वोट क्यों देते हैं जो भारत में रहकर भी भारत के दुश्मन देशों का गुणगान करते हैं, जिन्हें भारत में रहकर भी भारत माता की जय बोलने में शर्म आती है, जो हिन्दू होकर भी  सनातन और भारत का अपमान सरेआम करते है..

 बन्दे  - मातरम , भारत  माता की जय 

बुधवार, 19 जून 2024

मुस्लिमों के ग्रुप में ये चल रहा है* *हिन्दी अनुवाद नीचे पढें*

پیاری مسلمان .. ہمارا مقصد

 2040 تک ہندوستان کو اسلامی آئین بنانا ہے۔ اہم چیزیں جو ہمیں کرنے کی ضرورت ہے..

1) تمام ذات پات کے پیشوں کے کام میں ہمیں قریب سے داخل ہونا پڑتا ہے…. 

2) ہر چھوٹے کاروبار کو خود کو رکھنا چاہئے…

 3) ہندوؤں سے کچھ نہ خریدیں... 4) ہماری مسلمان لڑکیوں کو ہندو لڑکوں کے ساتھ زیادہ بات نہیں کرنی چاہیے۔

5) ہمیں اپنی لڑکیوں کے ساتھی ہندو لڑکیوں سے ملوانا چاہیے اور اچھی دوستی کرنی چاہیے اور ان کو اپنے گھر کے لڑکوں سے ملوانا چاہیے اور ان کے درمیان محبت کی ترغیب دلانا چاہیے اور انھیں اسلام قبول کر کے شادی کرنا چاہیے۔ اس سے ہندو آبادی کم ہو سکتی ہے۔

6) ہمیں اپنی دکانوں پر آنے والی ہندو لڑکیوں اور نوجوان ہندو خواتین سے رابطہ قائم کرنے کی کوشش کرنی چاہیے، ان کے درمیان محبت پیدا کرنا چاہیے اور انھیں اپنی طرف موڑنا چاہیے، انھیں آہستہ آہستہ ان کے خاندان سے دور کر دینا چاہیے، ان کی شادی ہم میں سے کسی سے کر کے بھیجنا چاہیے۔ کسی اور جگہ...

7) چونکہ ہمارے اکثر لوگوں کے پاس آٹوز ہیں، اس لیے ہمیں آٹوز میں سوار ہونے والوں کو بھی متعارف کروانا چاہیے اور ان کے فون نمبر لے کر آہستہ آہستہ ہماری طرف متوجہ ہو کر اسلام قبول کرنا چاہیے۔ 

8) ہمیں ہر میدان میں داخل ہونا چاہیے اور نوجوان ہندو خواتین کو شامل کرنا چاہیے... 

9) اگر مدد کی رقم کی ضرورت ہو تو ہم تنظیم سے اخراجات کے لیے بھیجیں گے...

10) خاص طور پر ہمارے مسلمان لڑکوں کو دیکھنے کے لیے پرکشش بنانے کی ضرورت ہے تبھی ہندو لڑکیاں ہمارے پاس آئیں گی۔ 

11) کسی ہندو لڑکی کو ہمارے پاس لانے کے لیے، ہماری مسلمان لڑکیوں کو زیادہ پیار ہونا چاہیے اور ان کے ساتھیوں کو زیادہ اکٹھا ہونا چاہیے... ہمیں ان سے دوستی کرنی چاہیے اور ان سے اس طرح رابطہ کرنا چاہیے کہ وہ ہمارے قریب ہوں۔ لڑکے...

12) ہمیں ہندو لڑکیوں کو فالو کرنے کی ضرورت ہے خاص طور پر واٹس ایپ فیس بک سوشل میڈیا کے ذریعے... ہمیں آپ کی تصاویر سے انہیں پرکشش بنانا چاہیے... ہمیں ان سے دوستی شروع کرنی چاہیے اور انہیں اپنا اسلام قبول کرنا چاہیے۔

13) ان کو ان کے گھر میں مت بتائیں کہ آپ ہم سے بات کر رہے ہیں... انہیں ان کے گھر میں ہمارے ساتھ گزرے لمحات کے بارے میں مت بتائیں۔ تب ہی وہ ہندو لڑکی ہم تک پہنچے گی۔

14) پھول، پھل، ہوٹل، چکن سینٹر، مٹن سینٹر جہاں بھی ہم اپنا کاروبار شروع کریں اور اسے ہندو لوگوں کے لیے پرکشش بنائیں، ہمیں ان سے رابطہ بڑھا کر ان جیسا بننا چاہیے، یہ ہمارا مقصد ہے۔ *آئیے کسی ہندو سے بات کرنا اپنا مقصد نہ بھولیں* *ہمیں اپنے بزرگوں کا مقصد پورا کرنا ہے* جب ہم یہ سب کریں گے تب ہی ہم اسلامی ہندوستان میں اسلامی ریاست قائم کر سکتے ہیں* *ہمارا 

ہمارا مشن اسلام کی بادشاہت ہے اور ہمارا مشن اسلام کو نہ ماننے والوں کو مارنا ہے۔

*مشن 2040*

ذاکر حسین مذہبی استاد کراچی پاکستان

 प्रिय मुस्लिम बहनों.. हमारा लक्ष्य 2040 तक भारत को एक इस्लामी संविधान बनाना है। महत्वपूर्ण चीजें जो हमें करने की आवश्यकता है.. 

1) सभी जाति पेशों के काम में हमें बारीकी से प्रवेश करना है... 

2) प्रत्येक छोटे व्यवसाय को अपना… 

3) हिंदुओं से कुछ मत खरीदो...

4) हमारी मुस्लिम लड़कियों को हिन्दू लड़कों से ज्यादा बात नहीं करनी चाहिए।

5) हमें अपनी लड़कियों को साथी हिंदू लड़कियों से मिलवाना चाहिए और अच्छी दोस्ती करके उन्हें अपने घर के लड़कों से मिलवाना चाहिए और उनके बीच प्यार को प्रोत्साहित करना चाहिए और उन्हें इस्लाम में परिवर्तित कर शादी करनी चाहिए। इससे हिंदू आबादी कम हो सकती है। 

6) हमारी दुकानों पर आने वाली हिंदू लड़कियों और युवा हिंदू महिलाओं से जुड़ने की कोशिश करनी चाहिए, उनके बीच प्यार पैदा करना चाहिए और उन्हें अपनी ओर मोड़ना चाहिए, धीरे-धीरे उन्हें अपने परिवारों से दूर कर देना चाहिए, हममें से किसी एक से शादी कर लेनी चाहिए। कहीं और... 

7) चूंकि हम में से अधिकांश के पास ऑटो हैं, इसलिए हमें ऑटो वालों से भी परिचय कराना चाहिए और उनके फोन नंबर लेकर धीरे-धीरे उन्हें इस्लाम में परिवर्तित करना चाहिए।

8) हमें हर क्षेत्र में प्रवेश करना चाहिए और युवा हिंदू महिलाओं को शामिल करना चाहिए...

9) यदि सहायता राशि की आवश्यकता होगी, तो हम संस्था को खर्च के लिए भेजेंगे... 

10) खासकर हमारे मुस्लिम लड़कों को आकर्षक दिखने की जरूरत है तभी हिंदू लड़कियां हमारे पास आएंगी। 

11) एक हिंदू लड़की को अपने पास लाने के लिए हमारी मुस्लिम लड़कियों को अधिक स्नेही होना चाहिए और उनके साथी को अधिक एकजुट होना चाहिए... हमें उनसे दोस्ती करनी चाहिए और उनसे इस तरह पेश आना चाहिए कि वे हमारे करीब हों। 

12) हमें विशेष रूप से व्हाट्सएप फेसबुक सोशल मीडिया के माध्यम से हिंदू लड़कियों का अनुसरण करने की आवश्यकता है ... हमें उन्हें अपनी तस्वीरों से आकर्षक बनाना चाहिए ... हमें उनसे दोस्ती करनी चाहिए और उन्हें अपना इस्लाम कबूल करना चाहिए। 

13) उनके घर में मत बताना कि तुम हमसे बात कर रहे हो... उनके घर में हमारे साथ बिताए पलों के बारे में उन्हें मत बताओ। तभी वह हिंदू लड़की हम तक पहुंचेगी। 

14) फूल, फल, होटल, चिकन सेंटर, मटन सेंटर जहां भी हम अपना व्यवसाय शुरू करें और इसे हिंदू लोगों के लिए आकर्षक बनाएं, हमें उनसे संपर्क बढ़ाना चाहिए और उनके जैसा बनना चाहिए, यही हमारा उद्देश्य है। *एक हिंदू से बात करने के अपने लक्ष्य को न भूलें* *हमें अपने बड़ों के लक्ष्य को पूरा करना है* जब हम यह सब करते हैं तभी हम इस्लामी भारत में एक इस्लामी राज्य स्थापित कर सकते हैं* हमारा मिशन इस्लाम का राज्य है और हमारा मिशन उन लोगों को मारना है जो इस्लाम को नहीं मानते हैं। *मिशन 2040* जाकिर हुसैन धार्मिक शिक्षक कराची पाकिस्तान  तेलुगू अनुवाद... तेलुगू ترجمہ...: 

अच्छी जानकारी। अब हमें उन सभी बिंदुओं का उपयोग करना चाहिए और मुस्लिम लड़कियों को भी इसी तरह फंसाना चाहिए। वो हमारा एक लें तो हम उनका 10 ले लें। जागो हिंदू जागो...!

मंगलवार, 18 जून 2024

आत्म -कथाये


  एक बहुत बड़ा विशाल पेड़ था। उस पर बहुत सारे हंस रहते थे। 
उनमें एक बहुत बुजुर्ग हंस था, वह बुद्धिमान और बहुत दूरदर्शी। सब उसका आदर करते ‘ताऊ’ कहकर बुलाते थे

एक दिन उसने एक नन्ही सी बेल को पेड़ के तने पर बहुत नीचे लिपटते पाया। ताऊ ने दूसरे हंसों को बुलाकर कहा, "देखो, इस बेल को नष्ट कर दो। एक दिन यह बेल हम सबको मौत के मुंह में ले जाएगी।"

एक बेफिक्र युवा हंस हंसते हुए बोला, "ताऊ, यह छोटी सी बेल हमें कैसे मौत के मुंह में ले जाएगी?"

बुजुर्ग हंस ने समझाया, 

आज यह तुम्हें छोटी सी लग रही है। धीरे धीरे यह पेड़ के सारे तने को लपेटा मारकर ऊपर तक आएगी। फिर बेल का तना मोटा होने लगेगा और पेड़ से चिपक जाएगा, तब नीचे से ऊपर तक पेड़ पर चढ़ने के लिए सीढ़ी बन जाएगी। कोई भी शिकारी सीढ़ी के सहारे चढ़कर हम तक पहुंच जाएगा और हम मारे जाएंगे।

दूसरे धनपशु हंस को यकीन न आया, _एक छोटी सी बेल कैसे सीढ़ी बनेगी

तीसरा सेकुलर हंस बोला, "ताऊ, तू तो एक छोटी सी बेल को खींचकर ज्यादा ही लंबा कर रहा है।"

एक हंस बड़बड़ाया,  यह ताऊ अपनी अक्ल का रौब डालने के लिए अंट शंट कहानी बना रहा है

इस प्रकार किसी दूसरे हंस ने ताऊ की बात को गंभीरता से नहीं लिया। इतनी दूर तक देख पाने की उनमें अक्ल कहां थी?

     समय बीतता रहा बेल लिपटते लिपटते ऊपर शाखाओं तक पहुंच गई। 

बेल का तना मोटा होना शुरू हुआ और सचमुच ही पेड़ के तने पर सीढ़ी बन गई। जिस पर आसानी से चढ़ा जा सकता था।

सबको दूरंदेशी ताऊ की बात की सच्चाई सामने नजर आने लगी। पर अब कुछ नहीं किया जा सकता था क्योंकि बेल इतनी मजबूत हो गई थी कि उसे नष्ट करना हंसों के बस की बात नहीं थी।

एक दिन जब सब हंस दाना चुगने बाहर गए हुए थे तब एक बहेलिया उधर आ निकला।

पेड़ पर बनी सीढ़ी को देखते ही उसने पेड़ पर चढ़कर जाल बिछाया और चला गया।

सांझ को सारे हंस लौट आए और जब पेड़ से उतरे तो बहेलिए के जाल में बुरी तरह फंस गए।

जब वे जाल में फंस गए और फड़फड़ाने लगे, 

तब उन्हें ताऊ की बुद्धिमानी और दूरदर्शिता का पता लगा।

सब सेकुलर ताऊ की बात न मानने के लिए लज्जित थे और अपने आपको कोस रहे थे।

ताऊ सबसे रुष्ट था और चुप चाप बैठा था।

एक हंस ने हिम्मत करके कहा, _ताऊ, हम मूर्ख हैं, लेकिन अब हमसे मुंह मत फेरो।

दूसरा हंस बोला, इस संकट से निकालने की तरकीब तू ही हमें बता सकता हैं, आगे हम तेरी कोई बात नहीं टालेंगे।

सभी हंसों ने हामी भरी तब ताऊ ने उन्हें बताया, 

"मेरी बात ध्यान से सुनो  सुबह जब बहेलिया आएगा, तब मुर्दा होने का नाटक करना। 

बहेलिया तुम्हें मुर्दा समझकर जाल से निकालकर जमीन पर रखता जाएगा, वहां भी मरे समान पड़े रहना ,

जैसे ही वह अन्तिम हंस को नीचे रखेगा, 

मैं सीटी बजाऊंगा। मेरी सीटी सुनते ही सब उड़ जाना।"

 सुबह बहेलिया आया।

 हंसों ने वैसा ही किया, जैसा ताऊ ने समझाया था।

 सचमुच बहेलिया हंसों को मुर्दा समझकर जमीन पर पटकता गया, और सीटी की आवाज के साथ ही सारे हंस उड़ गए।

बहेलिया अवाक होकर देखता रह गया। 

वरिष्ठजन घर की धरोहर हैं। वे हमारे संरक्षक एवं मार्गदर्शक है। जिस तरह आंगन में पीपल का वृक्ष फल नहीं देता, परंतु छाया अवश्य देता है। 

उसी तरह हमारे घर के बुजुर्ग हमे भले ही आर्थिक रूप से सहयोग नहीं कर पाते है, परंतु उनसे हमे संस्कार एवं उनके अनुभव से कई बाते सीखने को मिलती है।

बड़े-बुजुर्ग परिवार की शान है वो कोई कूड़ा करकट नहीं हैं, जिसे कि परिवार से बाहर निकाल फेंका जाए। आधुनिक और वामपंथी विचारधारा से मुक्त होना हमारे धर्म समाज एवं संस्कृति के लिए एक श्रेष्ठ उपाय है।

हमारा भारतवर्ष एक वृक्ष है जो हमें आश्रय देता है देशद्रोही विपक्षियों के रचें षड्यंत्र ने जगह जगह पर हमारे ने आश्रय स्थान को ऐसी विषैली वेल ने जकड़ कर रखा है, उसे सुरक्षित रखना हमारा कर्तव्य है।

-प्रस्तुतिकरण-

पं. ऋषि राज मिश्रा

(ज्योतिष आचार्य)

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।।जय जय श्री राम।।

।।हर हर महादेव।।

शनिवार, 15 जून 2024

माँ का सम्मान


    एक मध्यम वर्गीय परिवार के एक लड़के गुर्वित ने 10वीं की परीक्षा में 90% अंक प्राप्त किए ।  
    पिता ने मार्कशीट देखकर खुशी-खुशी अपनी बीवी को कहा कि बना लीजिए मीठा दलिया, स्कूल की परीक्षा में आपके लाड़ले को 90% अंक मिले हैं ..!

  माँ किचन से दौड़ती हुई आई और बोली, "..मुझे भी बताइये, देखती हूँ...!

  इसी बीच लड़का फटाक से बोला...
  "बाबा उसे रिजल्ट कहाँ दिखा रहे हैं ?... क्या वह पढ़-लिख सकती है ? वह अनपढ़ है ...!"

 अश्रुपुर्ण आँखों को पल्लु से पोंछती हुई माँ दलिया बनाने चली गई ।

   ये बात  पिता ने तुरंत सुनी ...!  फिर उन्होंने लड़के के कहे हुए वाक्यों में जोड़ा, और कहा... "हां रे ! वो भी सच है...!

 जब तू गर्भ में था, तो उसे दूध बिल्कुल पसंद नहीं था,  उसने तुझे स्वस्थ बनाने के लिए हर दिन नौ महीने तक दूध पिया ...
 क्योंकि वो अनपढ़ थी ना ...!

     तुझे सुबह सात बजे स्कूल जाना होता था, इसलिए वह सुबह पांच बजे उठकर तुम्हारा मनपसंद नाश्ता और डिब्बा बनाती थी.....
 क्योंकि वो अनपढ़ थी ना ...!

 जब तुम रात को पढ़ते-पढ़ते सो जाते थे, तो वह आकर तुम्हारी कॉपी व किताब बस्ते में भरकर, फिर तुम्हारे शरीर पर ओढ़नी से ढँक देती थी और उसके बाद ही सोती थी...
 क्योकि अनपढ़ थी ना ...!

 बचपन में तुम ज्यादातर समय बीमार रहते थे... तब वो रात- रात भर जागकर सुबह जल्दी उठती थी और काम पर लग जाती थी....
 क्योंकि वो अनपढ़ थी ना...!
 
 तुम्हें, ब्रांडेड कपड़े लाने के लिये मेरे पीछे पड़ती थी, और खुद सालों तक एक ही साड़ी में रहती थी ।
 क्योंकि वो अनपढ़ थी ना....!

 बेटा .... पढ़े-लिखे लोग पहले अपना स्वार्थ और मतलब देखते हैं.. लेकिन तेरी माँ ने आज तक कभी नहीं देखा।
 क्योंकि अनपढ़ है  ना वो...!

  वो खाना बनाकर और हमें परोसकर, कभी-कभी खुद खाना भूल जाती थी... इसलिए मैं गर्व से कहता हूं कि तुम्हारी माँ अनपढ़ है...'

 यह सब सुनकर लड़का रोते रोते, और लिपटकर अपनी माँ से बोलता है.. "माँ, मुझे तो कागज पर 90% अंक ही मिले हैं। लेकिन आप मेरे जीवन को 100% बनाने वाली पहली शिक्षक हैं।
 माँ, मुझे आज 90% अंक मिले हैं, फिर भी मैं अशिक्षित हूँ और आपके पास पीएचडी के ऊपर की उच्च डिग्री है।  क्योंकि आज मैंने अपनी माँ के अंदर छुपे रूप में, डॉक्टर, शिक्षक, वकील, ड्रेस डिजाइनर, बेस्ट कुक, इन सभी के दर्शन कर लिये 

 * शिक्षा* -- प्रत्येक लड़का-लड़की जो अपने माता-पिता का अपमान करते हैं, उन्हें अपमानित करते हैं,छोटे- मोटे कारणों के लिए क्रोधित होते हैं।उन्हें सोचना चाहिए,उनके लिए क्या-क्या कष्ट सहा है,उनके माता पिता ने..!!