dahej mukt mithila

(एकमात्र संकल्‍प ध्‍यान मे-मिथिला राज्‍य हो संविधान मे) अप्पन गाम घरक ढंग ,अप्पन रहन - सहन के संग,अप्पन गाम-अप्पन बात में अपनेक सब के स्वागत अछि!अपन गाम -अपन घरअप्पन ज्ञान आ अप्पन संस्कारक सँग किछु कहबाक एकटा छोटछिन प्रयास अछि! हरेक मिथिला वाशी ईहा कहैत अछि... छी मैथिल मिथिला करे शंतान, जत्य रही ओ छी मिथिले धाम, याद रखु बस अप्पन गाम - अप्पन बात ,अप्पन मान " जय मैथिल जय मिथिला धाम" "स्वर्ग सं सुन्दर अपन गाम" E-mail: apangaamghar@gmail.com,madankumarthakur@gmail.com mo-9312460150

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मंगलवार, 30 जुलाई 2013

राजधानी में अक्टूबर में होगा मिथिला महोत्सव


 राजधानी में अक्टूबर में होगा मिथिला महोत्सव
  • नई दिल्ली। अखिल भारतीय मिथिला संघ की ओर से राजधानी दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों में आगामी अक्टूबर माह में मिथिला महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। अ. भा. मि. संघ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की रविवार को संपन्न बैठक में इस प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी गई। प्रस्ताव के अनुसार अक्टूबर माह में राजधानी के अलग अलग हिस्सों में अलग अलग दिनों में कार्यक्रम आयोजित होंगे और फिर वृहत पैमाने पर समापन कार्यक्रम का आयोजन होगा जिसमें सभी क्षेत्रों के प्रतिनिधि भाग लेंगे।

    मिथिला महोत्सव के दौरान आयोजन स्थलों पर मिथिलांचल की सांस्कृतिक-बौद्धिक और लोकजीवन की झांकी प्रस्तुत की जाएगी। इसमें मिथलांचल की प्रसिद्ध विभूतियों के जीवन और कर्म के अलावा लोक संस्कृति व लोकाचार की अनुपम प्रस्तुति रहेगी तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किये जाएंगे। मिथिलांचल की प्रसिद्ध मधुबनी पेंटिंग और क्षेत्र की विशिष्ट खान पान शैली की झलक भी इस दौरान देखने को मिलेगी।
    बैठक में उपस्थित प्रतिनिधियों ने मैथिली भाषा के लिए दिल्ली में अलग मैथिली अकादमी के गठन की मांग भी दोहरायी। प्रतिनिधियों ने वर्तमान मैथिली-भोजपुरी अकादमी के उपाध्यक्ष का पद किसी मैथिली विद्वान को नहीं दिए जाने पर रोष प्रकट किया। अ. भा. मि. संघ के अध्यक्ष श्री विजय चंद्र झा ने कहा कि मुख्यमंत्री श्रीमती शीला दीक्षित ने संघ के शिष्टमंडल से हुई पिछली भेंट के दौरान आश्वासन दिया था कि अकादमी के नए उपाध्यक्ष का पद मैथिली भाषा के किसी विद्वान को दिया जाएगा लेकिन उन्होंने वादा पूरा नहीं किया है।
    बैठक में हाल में संपन्न मिथिला विभूति स्मृति पर्व समारोह की समीक्षा भी की गई और संस्था के आय-व्यय का ब्यौरा प्रस्तुत किया गया। वक्ताओं ने राजधानी में मिथिला भवन के निर्माण की दिशा मेें प्रयास तेज करने की जरूरत पर भी जोर दिया। साथ ही प्रतिनिधियों ने विभिन्न राजनीतिक दलों से मांग की कि आगामी विधानसभा चुनाव में दिल्ली में निवास कर रहे बिहार के लोगों को उनकी जनसंख्या के अनुसार उचित प्रतिनिधित्व दिया जाए।

शुक्रवार, 19 जुलाई 2013

मिथिला राज्य निर्माण यात्रा - २

मिथिला राज्य निर्माण यात्रा - २




२२ जुलाई सँ २६ जुलाई - सुलतानगंज (भागलपुर), तारापुर (मुंगेर), रामपुर (मुंगेर), कुमरसाइर (मुंगेर), धौरी (मुंगेर), जिलेबिया (मुंगेर), सुइया (बाँका), दण्डी आश्रम (बाँका), अभरक्खा (बाँका), कटोरिया (बाँका), इनारावरण (बाँका), गोरियारी (बाँका), दुम्मा (मोहनपुर), कलकतिया (मोहनपुर), भूत बंगला (देवघर), बाबाधाम (देवघर), वासुकीनाथधाम (जरमुंडी)।



जन-जागरणक दोसर मजबूत पहल लेल मिथिला राज्य निर्माण सेना द्वारा २२ जुलाई सँ शुरु भऽ रहल दुनियाक सभ सँ पैघ मेला आ मिथिलाक भंडार कोण कहाइवाला क्षेत्र: सुलतानगंज सँ देवघर होइत बाबा वासुकीनाथधाम धरिक यात्रा जेकरा "मिथिला राज्य निर्माण यात्रा - २" सँ संबोधित कैल जायत आ जेकरा माध्यम सँ आम मिथिलावासीमें अपन संवैधानिक अधिकार प्रति सचेतनशील बनबाक आह्वान करैत २०१४ केर चुनावमें केवल वैह नेता या दल केर समर्थन देल जाय जे अपन चुनावी घोषणा-पत्रमें मिथिला राज्यक माँगकेँ समर्थन करता - एहि तरहें धर्मयात्राक संग सत्याग्रह केर दोसर चरण आयोजन कैल जायत। एहि चरणमें पुन: मिरानिसे केर वीर अभियानी अनुप कुमार अगुवाई करता आ संगमें रहथिन दर्जनों मिरानिसे सदस्य व समर्थक। हरेक ५ किमी पर एक जनसभा तथा पर्चा-पम्पलेट वितरण करैत मेलामें पहुँचल लगभग सभ क्षेत्रक मिथिलावासी सँ अनुरोध कैल जायत जे आबो अपन अधिकार लेल सजग नहि बनब तऽ पहिचान बचेबाक दोसर कोनो उपाय नहि अछि।
जागू मैथिल! नहि तऽ पहिचान मेटि जायत।



बुधवार, 17 जुलाई 2013

सौराठ फेर चाही - किऐक?

 सौराठ फेर चाही - किऐक?

१. दहेज मुक्त विवाह प्रोत्साहन लेल, नहि कि अपन बेटा के बेचैत ओकर भविष्य के एक अहंकारी परिवारके अहंकारी कनियांके हाथ निलामी लेल।


२. मिथिला के महान्‌ परंपरा जाहिठाम नहि सिर्फ वैवाहिक सम्बन्ध आ अधिकार निरीक्षण वा पंजियन होइत छलैक, लोक स्वतन्त्र वातावरणमें वर के चुनाव करैत छलैक बल्कि मिथिलाके लेल नव विकास के अत्यन्त महत्त्वपूर्ण चर्चा-परिचर्चा सेहो होइत छलैक। आब विद्वत्‌ सभाके रूपमें एकर संरक्षण होइक चाही।

३. हर क्षेत्रके विकास में पर्यटन आ ऐतिहासिक महत्त्वके संरक्षण अत्यन्त आवश्यक छैक, तखनहि ताहि क्षेत्र के अस्मिता के जोगायल जा सकैत छैक। नहि तऽ क्रमशः सभ महत्त्व अपन महत्ता के मरैत छोड़ि देतैक आ तेकर बाद भविष्य में समुद्र के जगह हिमालय के कल्पना केवल आभास कैल जा सकैत छैक। अतः सौराठ पर्यटन के केन्द्र बनैक चाही आ एहि लेल समस्त मैथिलकेँ प्रण लेबाक चाही। मधुबनी सऽ सटल दरभंगा, सहरसा, मधेपुरा, अररिया, पुर्णियां, समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, सीतामढी, चंपारण आ समस्त मिथिला क्षेत्रमें नीक पर्यटन के विकास के संभावना छैक। एहि सभके लेल प्रथम विकास सौराठ सभके लेल दरबाजा खोलि सकैत छैक आ एहि लेल पुनः मिथिला के सशक्त समाज के प्रतिबद्ध बनबाक जरुरी अछि।

४. गुजरात में सोमनाथ महादेव स्वयं सौराठ में आबि बसलाह - एकर बहुत पैघ धार्मिक माहात्म्य सेहो छैक। लेकिन एहि लेल नहि तऽ कोनो चेतना क्षेत्रीय लोक में छन्हि जे एहि जगह के धार्मिक पर्यटन लेल विकास कैल जाय आ नहिये कोनो सरकारी पहल भऽ रहल छैक... आखिर सरकार बिना हमरा-अहाँके जगने किऐक जागत... ताहि हेतु सेहो सौराठ के सभागाछीके विकास अत्यन्त महत्त्वपूर्ण भूमिका निर्वहन करतैक।

५. दरभंगा राज क्षेत्र आ एहि संस्था द्वारा निर्मित अनेको जगह प्राचिन आ भव्य कलाकृति सभकेँ संरक्षण के संगहि अनेको एहेन महत्त्वपूर्ण धरोहर छैक जाहिके संरक्षण लेल स्वयं स्थानीय नागरिक पहिले जागैथ - प्रवासित भेल मैथिल आइ दुनिया में सगरो पसरल छथि आ क्रमशः अपन अतीत के सेहो ठुकराबैत छथि... एतेक तक जे गोसाउनि-कुलदेवता पूजन तक उठि गेल अछि... :( आ एहि सभसँ मिथिलाके गौरवमय अतीत स्वयं पिछड़ल जा रहल अछि। अतः सभागाछीके ताला खुलला सऽ एहि सभमें उल्लेखणीय परिवर्तन आ प्रवर्धन के गुंजाईश बढतैक आ मिथिलाके स्वरूप बदलतैक से विश्वास अछि।

अपने लोकनि सँ बेर-बेर निवेदन जे एहि विन्दुपर गंभीरतापूर्वक विचार करी आ मिथिलाके शुद्ध संस्करण निर्माण में सहायक बनी। विकास सेहो स्वतः पटरी पर आयत एहि विश्वास के संग समस्त जनमानसमें शुभकामना अछि।

सहयोगाकांक्षी:
दहेज मुक्त मिथिला परिवार
सौराठ सभागाछी, मधुबनी।







मंगलवार, 9 जुलाई 2013

अक्सर पूछल जायवाला प्रश्न आ उत्तर

  • अक्सर पूछल जायवाला प्रश्न आ उत्तर


    प्रिय द.मु.मि.के आगन्तुक!

    हम सभ अनुभव कयलहुँ अछि जे दहेज मुक्त मिथिला अपन स्थापना मार्च ३, २०११ सँ एखन धरिक अत्यन्त कम अवधिमें एक अन्तर्राष्ट्रीय समूह बनि गेल अछि; शनैः शनैः समयक माँग अनुरूप बहुत रास सुधार सेहो लाओल गेल अछि जाहिसँ सहभागीजनकेँ सुविधा हो। पहिले ई पूर्णतः मैथिल हेतु मात्र समर्पित छल, कालान्तरमें एतय अन्यके सहभागिता देखैत हम सभ हिन्दी आ अन्य भाषाके सेहो मिथिलाक भाषा मैथिलीके अतिरिक्त मान्यता देलहुँ।

    आब देखयमें आबि रहल अछि जे आगन्तुक एहि समूहके बारे आ एकर प्रतिबद्धता के बारे जानकारी रखबाक लेल बेसी रुचि लऽ रहल छथि। अतः आजुक आवश्यकता एक ‘अक्सर पूछऽ जायवाला प्रश्न आ उत्तर’ के अछि जाहिसँ सभक जिज्ञासा के पूर्ण समाधान हो, एतय तक जे सदस्यगण पहिले सऽ सहभागी बनल छथि हुनकहु जानकारी के अभाव देखल जाइछ, अतः ई कदम हुनकहु लेल हितकारी बनत।

    एखन एकरा अहिना छोड़ल जा रहल अछि बिना कोनो प्रश्नक - अपने अपन तरहें प्रश्न निर्माण कय सकी। या, यस्वतः संज्ञान सऽ सामान्यतया पूछल जायवाला प्रश्न हम सभ स्वयं रखैत अपने लोकनिक जानकारी लेल सभ बात राखब।

    हरिः हरः!

    प्र. १. दहेज मुक्त मिथिला के परिचय संछिप्तमें?

    उ. एक जागृति अभियान! युवा के जागरण हेतु दहेज प्रथा के बढैत प्रकोप पर चर्चा के प्रोत्साहन! दहेज नहि लेब, नहि देब... धिया-पुता में सेहो नहि लेब-देब आ ने एहेन कोनो विवाह में सहभागी बनब जतय लेन-देन भेल हो।

    प्र. २. दहेज के परिभाषा?

    उ. सब किछु पसिन पड़ल, विवाह लेल तैयार छी... मुदा स्वेच्छाचार के विरुद्ध एक-दोसर पर माँग थोपैत छी। माँग कैल कोनो वस्तुके दहेज कहल जैछ। विवाह के पूर्व-शर्तमें एहेन माँग के मात्र दहेज कहल जाइछ जे सामान्य आवश्यक माँग - जेना नीक घर-वर, नीक बोल-वचन, नीक पढल-लिखल, नीक खानदान, सुन्दर आदर्श... ई सभ माँग मानवता के पोषक माँग थीक, एकरा दहेज नहि कहल जा सकैत छैक। ई सभ भावना के माँग भेल जे हर प्राणीमें नीक प्रति आकर्षण रखैछ। वस्तुतः माँग ओ भेल जे हमर बेटी लेल हमरा चान चाही, हमरा २ गो तारा आ वृहस्पति समान गन्धर्व-राजकुमार चाही... ओम्हर जे हमरा अलखचान स्वर्गक परी पुतोहु चाही, ग्रेजुएट आ विदुषी विद्योतमा चाही.. से सभ चाही आ चाह के युद्ध में अन्त के माँग जे मुद्रा एतेक चाही... बरियाती के स्वागत एना चाही... विवाह शहरे में हो... होटल में बरियाती के ठहराव हो... आ अनेको तरहक माँग जे वास्तवमें सामनेवाला के स्वेच्छा सऽ आ क्षमता सऽ बहुत दूर के वा कर्जा करय लेल बाध्यकर हो। एहेन माँग के हम सभ दहेज मानी। अर्थात माँगरूपी द्रव्य वा वस्तु वा थोपुआ भावना के हम सभ दहेज मानी। ओ दहेज नहि भेल जे दुनू पक्ष मनमर्जी सँ अपन सन्तानके विवाह उपलक्ष्य लेन-देन करय लेल तैयार छथि, करैत छथि वा करबाक इच्छा रखैत छथि।

    प्र.३ दहेजक विरोध किया? 
    उ. दहेजक विरोध के मूल कारण जे आइ के विकसित युग में हमर समाज में अखनो बेटा आ बेटी में असमानता मानल जा रहल अछि। बेटा अगर शिक्षित आ रोजगार सँ जुरल अछि तऽ पुतोहु चाही गुणी, शिक्षित, खानदानी आ तेकर संग दहेज़ के मोट रकम आ साज-समान आधुनिक युग मुताबिक। भले बेटा डॉ. अईछ आ पुतहु सेहो डॉ. तैयो बेटा बाला लेबे करता। एकटा गरीब बाप के बेटी जे सर्वगुण संपन्न अछि, मुदा पिता के पास पाई नहि छैन तांइ ओकरा मजबूरन बेमेल वियाह के लेल बाध्य होबय परैत छैक। लोक दहेज़ के प्रतिष्ठा सऽ जोरने जा रहल छैथ। फलाँ के बेटा के एतेक देलकैक तऽ हमर बेटा कि ओकरा सऽ कम अछि? ई प्रश्न दिन ब दिन एहि दहेज़ रूपी दानव के काया बढा रहल अछि। साधारण लोक आजुक एहि आर्थिक संकट के समय में अपन निर्वहन करय में असमर्थ भऽ रहल अछि, तइ पर ई दहेजक चिंता बहुतो के जीवन के सुख-चैन के बरबाद केने अछि। आब समय आइब गेल जे समाज के सब वर्ग एहि विकराल समस्या पर चिंतन करी.   

    प्र.४ दहेज अभिशाप कोना?

    उ. दहेज के शुद्ध स्वरूप तऽ परंपरा सँ केवल आशीर्वाद आ स्वेच्छाके प्रतीक रहल, मुदा कालान्तर में लोभ, लालच आ सौदागरी के कारण आब ई माँगरूप में परिणत भऽ गेल अछि। एकर दूरगामी प्रभाव एतेक खतरनाक जे लोक बेटी पैदा तक करय में डेराइत छथि, आधुनिक विज्ञानक विध्वंसक गति सँ कोइखमें बेटीके भ्रूण केर हत्या होवय लागल अछि। एकर दोसर दुष्प्रभाव ई जे लोक सस्ता-सुभिस्ता निबटय के चक्करमें बेटीके समुचित पढाइ सँ सेहो वंचित रखैत छथि। बेटी जातिकेँ समाजिक दुत्कार के कारण मनोबल गिरल जा रहल छैक आ लिंगभेदके सभ दुष्प्रभाव सऽ समाज पिछड़ल जा रहल अछि। समाजिक सौहार्द्र आ समग्र विकास के जगह विध्वंसक विचारधारा आ अनाचार-कदाचार बढल जा रहल अछि। कतेको बेटी उपेक्षित रहलाके कारण आत्महत्या सनक कलंकी कदम तक उठा लैछ। कतेको गरीबके बेटी अपन देह के बाजार में निलाम तक करय लगैछ। हर तरहें दहेज के चलते विकास ठमैक गेल अछि आ नित्य हिंसा-अत्याचार के चलते समाजक एक सशक्त अंग नारी अवहेलना के शिकार बनि रहल छथि। एकर बुराई तऽ हम किछु मात्र गना सकल होयब, एकर बर्बरता के सीमा नहि छैक जेना बुझा रहल अछि।

    प्र.५ दहेज मुक्त मिथिला कि दहेज मुक्त विवाह लेल आवश्यक कार्य करैत छैक?

    नहि! विवाह नितान्त व्यक्तिगत विचार आ रुचिके बात थीक। एहिमें भला कोनो संस्था कोना के प्रयस करतैक! बस, ई एक मुहिम थीक जे दहेज मुक्त विवाह लेल सभ सँ अपील करत। दहेज मुक्त विवाह करनिहार के सम्मान देत। दहेज के बुराई सभ के लोकक समक्ष राखत। आजुक नव पीढी के संग चर्चा करत जे आखिर कोनो परंपरा के रूप यदि बिगैड़ जाइत छैक तखन बोझ कतेक दिन तऽ उठायल जाय! दहेज के स्वच्छ परंपरा आब मरल लाश जेकाँ वातावरण प्रदूषित केने जा रहल छैक। एहि सँ महामारी पसैर रहल छैक। एहि लाश के संस्कार करब जरुरी छैक नहि कि एकरा लऽ के राजनीति वा समाजिक सम्मानके प्रतीक ठाड़्ह करब! एहि लेल आजुक पीढी जागैथ आ अपन बड़-बुजुर्गके बुझाबैथ। बस यैह सभ तरहक जागृति पसारबाक अभियानके नाम थीक दहेज मुक्त मिथिला। जी! यदि युवा एकत्र होइत छथि तऽ स्वयंसेवाके तर्ज पर किछु कार्य जरुर करैथ। जेना महत्त्वपूर्ण परंपरा के संरक्षण! एहि में वर्तमान समय सौराठ सभा के शुद्ध स्वरूप के संरक्षण लेल प्रयास करैत छैक। देश-विदेश पसरल समस्त मैथिल आइ इहो समस्या सऽ जूझि रहल छथि, अत: एहि लेल एवं मिथिलाक सम-सामयिक समस्या पर सामूहिक चर्चा लेल सेहो एक सांस्कृतिक पर्यटन केन्द्रके रूपमें लोकवर्गकें जमा होयब जरुरी।

    प्र.  हमर बेटी/ बहिन के विवाह मे दहेज देवय परल ताइ हमहूँ दहेज लेब। ई कतेक उचित?

    उ. किछू गोटे के कहब छैन जे हमार बहिन/ बेटी के विवाह मे दहेज देवय परल ताइ दहेज लेब। आब काहू जे जदी आई हमर घर मे चोरी भ जाई त की हमहूँ दोषर के घर चोरी करी। ई की उचित? आहाँ किया दहेज गननौ? एक बेर विरोध त करू। मानाई छि दिकत होयत मुदा दहेज रूपी दानव स लड़े त परबे करत। मात्र आरोपित कय आपण जिम्मेदारी स भगव की उचित?    


शनिवार, 6 जुलाई 2013

मिथिलाके दोकान पर

हेलउ हेलउ! 
 आउ मिथिलाके दोकान पर!                                                                                                       मैथिल के मचान पर!

एतय हिन्दी के माल भेटत!
अंग्रेजिया कमाल भेटत!
परदेशिया वयार भेटत!
जीबैय के कपार भेटत!
हेलउ हेलउ! आउ मिथिलाके दोकान पर!
बाबा जडला बाबु जडला!
बाबी माय सेहो जडली!
काका-मामा छूटिये गेला!
नानी-मौसी रुडिये गेली!
अंकल-आन्टी फूल भेटत!
ब्रदर-सिस्टर कूल भेटत!!
हेलउ हेलउ! आउ मिथिला के दोकान पर!
मैथिल छप्पर उडिये गेल!
धोती-पाग बुयिरिये गेल!
कुम्हर-कदिमा चार सडेल!
सजमैन-बतिया कीडा लगेल!
टटका-टटका टोमैटो भेटत!
अगबे आब पोटैटो भेटत!
हेलउ हेलउ! आउ मिथिला के दोकान पर!
मेल-मिलाप बलाने बहल!
लोक-लोकके आँखि गडल!
जाति-कूजाति दलाने छूटल!
देह कि आब तऽ मने छूवल!
ऐँठ हाथ पोछय लेल भेटत!
पैनछूआके पोछ-पेपर भेटत!
हेलउ हेलउ! आउ मिथिला के दोकान पर!
गोलही काँटी मारा पोठी,
भौंड बुआर भून्ना मोठी,
बाढिक पानिमें नवका माछ,
सभ परायल जेना काउछ,
विकासी विकेट भेटत,
मुँहफूल्लाके सेट भेटत,
हेलउ हेलउ! आउ मिथिला के दोकान पर!
गौँआँ मैनजन बिकिये गेल!
सरपंचक आब नहिये ठेल!
जनसेवक आ विडियोक रेल!
मुखिया सबटा खाएये गेल!
चमचा-बेलचा कमाल भेटत!
भरुवा-दलालक जाल भेटत!
हेलउ हेलउ! आउ मिथिला के दलान पर!
पुरना मिथिला आब कतय?
अपन संस्कार आब कतय?
लिपि-भाषा मरिये गेल!
कुतबा बच्चा हिन्दी खेल!
जाबत रहत बिहारी राज!
आयत कोना मिथिलाके राज!
हेलउ हेलउ! आउ मिथिला के दोकान पर!

शुक्रवार, 5 जुलाई 2013

आखिर कहिया तक सफल होयत दहेज़ मुक्त मिथिला अभियान - ?

आखिर कहिया तक  सफल होयत  दहेज़ मुक्त  मिथिला अभियान - ?

दहेजक कारण युवती प्रताडित
दिनेश शर्मा
राजविराज, सप्तरी (नेपाल) 


माग अनुसारके दहेज निह लाबैके कारणसँ एक युवती अपने सासु, ससुर आ पतिके यातनासँ पीडित भेल अछि । महिला हिंसा न्यूनिकरणके लेल सब नागरिकमे सचेतना अभिबृद्धि करैके लेल विभिनन संघ संस्था क्रियाशील रहल बखत भेल अखनका घटनासँ समाज कोन दिशा तर्फ जा रहल अछि स्पष्ट संकत करैत अछि । 
सदरमुकाम राजविराज २ रहनिहार २६ बरिसके राखी झा दहेजके कारण सासु, ससुर आ पतिके यातना नहि सह सक्लाबाद बाध्य भऽ बुधदिन पत्रकार सम्मेलनके आयोजना करि घटना सार्वजनिक करैत न्यायके लेल पहल कैर दैके लेल आग्रह केलक अछि ।

        सप्तरीके बरही विरपुर लैहजार भेल राखीके डेढ बर्ष पहिनहि राजविराज २ निवासी राधाकान्त झाके बेटा प्रविण संगे हिन्दु रिती रिवाज अनुसार बिआह सम्पन्न भेल छल । बिआहमे कनिया पक्षके क्षमता अनुसारके दजहे देने छल । “आर्थिक अवस्था कम्जोर भेलोपर क्षमतासँ भेल धरि बाबु दहेज देने छल ।”
        बुधदिन आयोजना कएल गेल पत्रकार सम्मेलनमे राखी कहलैन –“ओसभ दहेजमे बेसी अपेक्षा राखैके कारण दुःख तक्लीप दै छल आ नहि मानलाबाद शारीरिक आ मानसिक यातना दैके साथ मारिपीट करै छल ओ कानैत सुनौलक । पति बैदेशीकर रोजगारीके शिलशिलामे विदेशमे रहलोपर घर आएल समयमे दाइजोके कारण दुःख तक्लीप दैत आविरहल पीडितके कथन अछि ।   
           
        विदेशसँ कहियोकाल आएल पति माया ममताके बादसँ बेसी दारु पि के “दहेज नहि आन्लौं” कहैत कुटपिट केलक आ प्रतिकार करैके खोजलाके कारण गुण्डा लगाके जान माकरैके धम्की दैत आविरहल ओ सुनौलक । अहि बेर टोलके किछ साथीसभ मार्फत हमर उपर आक्रमण करौलक आ बचाबैके लेल खेजलापर पडोसी नागेन्द्र झा, घनश्याम झा, ललित झा, परन्धर झा, दिवाकर झा लगायतके समेत मरनासन्न करि कुटपिट कैर घायल बनौलक बतौलक अछि ।

        पत्रकार सम्मेलने उपस्थित घायल नागेन्द्र झा राखीके सौस, ससुर आ पतिके निर्देशनमे टोलके सल्लाउद्दीन, प्रवेज, रजिद, सजाद आ अकबर मिया लगायतके समूह राखी उपर अचानक आक्रमण केलक आ बचाबैके लेल गेलापर हमरा सहितके घायल बनौलक बतौलक ।   
     
        हुनकर माथपर अखन ८ टा टाका लागल अछि । आक्रमणकारी टोलके अखिलेश झाके को२प ५२६८ तथा बसन्त झाके स२प ७७५४ नम्बरके मोटरसाईकल समेत तोडफोड केलक ओ बतौलक । घटना बाद प्रहरी प्रशासनद्वारा सामाजिक सद्भाव भंग होएत कहैत पीडकके पक्राउ नहि केलक पीडितके आरोप अछि । घटनामे संलग्न विरुद्ध प्रहरीके जानकारी देलोपर कार्वाही नहि केलक ओसभ बतौलक । पत्रकार सम्मेलनमे उपस्थित गामबासीसभ दाइजोके कारण राखीके यातना दैबाला सौस, सासुर आ पति तथा आक्रमणमे संलग्नसभके २४ घण्टा भितर पकैरके कार्वाही नहि केलापर आन्दोलन करैके घोषणा केलक अछि ।

        अहिके बारेमे सप्तरीके निमित्त प्रहरी प्रमुख डिएसपी श्यामसिंह चौधरी कहलैन कुटपिटमे संलगन रहैबाला विरुद्ध मुद्दा दर्ता कएल गेल कहैत ओ सभ जिल्ला बाहार फरार रहल आ ओसभके कोजी काम भरहल जनौलक अछि ।

    अहि बीच बुधदिन दहेजमुक्त मिथिलाके नेपालक अध्यक्ष करुणा झा अहि घटनाके घोर निन्दा आ भत्र्सना करैत दोषी उपर कार्वाही क २४ घण्टा के भितर कानूनी दायरामे लाबैके प्रेस विज्ञप्ती मार्फत माग केने अछि ।


दहेज़ मुक्त  मिथिला  ----
जनहित  में  जारी --