( भास - नचारी )
अनुचित केहन करै छी यौ ।
सोन सनक बेटा जनमा कउ
मूल्य धरै छी यौ ----
अनुचित केहन -- सोन सनक - मूल्य ---
रावण एक कनोलक सीता
तकर दण्ड वो पौलक ।
तिलक - वाण सँ लाखो बेटीक
प्राण हरै छी यौ ----
अनुचित केहन -- सोन सनक - मूल्य ---
लाख करोड़ टाका गनबौलहुँ
जेवर लेलौं धराय ।
मोटर साइकिल चरपहिया लय -
नित झगड़ै छी यौ-----
अनुचित केहन -- सोन सनक - मूल्य ---
बेटीक जन्म हमर मिथिला में
भेल अछि अभिशाप ।
निर्धन कन्यागत केर जीवन -
ज्योति हरै छी यौ ॥
अनुचित केहन -- सोन सनक - मूल्य ---
"रमण" सब सँ हाथ जोरि कय
कहलक आई पुकारि
अप्पन माहुर अपनहि खा कय
सब मरै छी यौ ----
अनुचित केहन -- सोन सनक - मूल्य ---
रचैता -
रेवती रमण झा " रमण"
मो -9997313751
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जय मैथिल - जय ----