गजल@प्रभात राय भट्ट
गजल
लुईटलेलक देसक माल, खाली पडल खजाना छै
देखू नेता सबहक कमाल,भ्रष्टाचारके जमाना छै
विन टाका रुपैया देने भैया,हएतो नै कोनो काज रे
बातक बातमे घुस मांगै छै,घूसखोरीके जमाना छै
टुईटगेल इमानक ताला,करै छै सभ घोटाला रे
धर्म इमानक बात नै पूछ,बेईमानक जमाना छै
दिन दहाड़े चौक चौराहा,होईत छै बम धमाका रे
बेकसूर मारल जाइत छै,देखही केहन जमाना छै
लूटपाट में लागल छै,देसक सभटा राजनेता रे
काला धन सं भरल पडल,स्वीश बैंक के खजाना छै
अन्न विनु मरै छै देसक जनता,नेता छै वेगाना रे
गरीबक खून पसीना सं भरल, एकर खजाना छै
नेता मंत्री हाकिम कर्मचारी,सभ छै भ्रष्टाचारी रे
गरीबक शोषण सभ करैछै,अत्याचारीके जमाना छै
भ्रष्टाचारीके दंभ देख "प्रभात" भS गेल छै तंग रे
भ्रष्टतंत्र में लिप्त छै सरकार,भ्रष्टाचारीके जमाना छै
...........................वर्ण:-२०.................................
रचनाकार:-प्रभात राय भट्ट
लुईटलेलक देसक माल, खाली पडल खजाना छै
देखू नेता सबहक कमाल,भ्रष्टाचारके जमाना छै
विन टाका रुपैया देने भैया,हएतो नै कोनो काज रे
बातक बातमे घुस मांगै छै,घूसखोरीके जमाना छै
टुईटगेल इमानक ताला,करै छै सभ घोटाला रे
धर्म इमानक बात नै पूछ,बेईमानक जमाना छै
दिन दहाड़े चौक चौराहा,होईत छै बम धमाका रे
बेकसूर मारल जाइत छै,देखही केहन जमाना छै
लूटपाट में लागल छै,देसक सभटा राजनेता रे
काला धन सं भरल पडल,स्वीश बैंक के खजाना छै
अन्न विनु मरै छै देसक जनता,नेता छै वेगाना रे
गरीबक खून पसीना सं भरल, एकर खजाना छै
नेता मंत्री हाकिम कर्मचारी,सभ छै भ्रष्टाचारी रे
गरीबक शोषण सभ करैछै,अत्याचारीके जमाना छै
भ्रष्टाचारीके दंभ देख "प्रभात" भS गेल छै तंग रे
भ्रष्टतंत्र में लिप्त छै सरकार,भ्रष्टाचारीके जमाना छै
...........................वर्ण:-२०.................................
रचनाकार:-प्रभात राय भट्ट
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