हैंस दिय कनियाँ@प्रभात राय भट्ट
देखू लौनेछी कनियाँ अहांलेल पैरक पैजनिया
महफा में बैठ चलू कनिया आई हमरा अंगना
अहांके अईन्देव सजनी हम जयपुर के कंगना
कान दुनु सोन हम अहांके देव रे झुलनियाँ
नाकमें देव रे सजनी सानिया कट नथुनिया
छम छम बाजैय गोरी अहांक पैरक पैजनिया
लाखोमें एक अहां छि हमर सुनरी दुल्हनिया
खन खन खन्कैय अहांक हाथक चुरी कंगना
चलू चलू चलू कनियाँ यए आई हमरा अंगना
मोती जडल लहँगा पैर लाले लाल चुनरिया
लागैछी अहां धनि पूर्णिमाके चाँद सन दुतिया
हैंस दिय हैंस दिय कने हैंस दिय कनियाँ
देखू लौनेछी कनियाँ अहांलेल पैरक पैजनिया
अहाँ लेल मोन हमर कटैय दिन राईत अहुरिया
माईनजाऊ बात गोरी कहैय प्रभात जनकपुरिया
रचनाकार:-प्रभात राय भट्ट
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