कियो भेल अछि अवाद@प्रभात राय भट्ट
आईखक नोर घुईट घुई ट हम पिबैछी,
बेईमान सँ बैच क रहू दैतछि हम यी सम्वाद,
कियो भेल अछि अवाद करी कें हमरा बर्वाद,
फुल गुल सँ भरल बगीचा भगेल विराना
पतझर जीवन देख आब मरैय सब ताना
बात बात पैर नाक फुला देय सब उलहना
चोट पैर चोट मरैय देखू निठुर जमाना
कियोभेलअछिआबाद करीकें हमरा बर्वाद
कोना चिन्हु चेहरापैर सब लगौने अछि नकाब
कोना करू दोहरी चरित्र क मनुखक हिसाब,
आदमी की चिन्हैयमें धोखा खा जाईत छि
सभकिछु गामा क मोने मोन पचताईछि
गिरगिट जिका बहुरुपिया रंग फेरैत जाईय
पग पग हमर भरोषाके खून करैत जाईय
कियो भेल अछि अवाद करिकें हमरा बर्वाद
रचनाकार:-प्रभात राय भट्ट
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