माछ, मखान आ पान के लेल प्रसिद्ध मिथिला आ कोसी के धरती पे आयोजित भेल कोसी महोत्सव में भी मैथिली भाषा उपेक्षित रही गेल। कोसी आ मिथिला के नामी गिरामी कलाकार भले ही दोसर प्रदेशों आ जिलों में अपन नाम कमा रहल हुए मुदा कोसी में ही उपेक्षा के शिकार बनल ये |
कोसी महोत्सव में मौजूद लोगेंन सब कहैत रहा जे मैथिली आंदोलन के दौरान 1965 में जखन दिल्ली में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के आवास पे आयोजित कार्यक्रम में सुपौल जिला के धीरेन्द्र झा धीर जी समदाउन की चाइरे पंक्ति में इंदिरा जी का मन मोह ललक रहे । ओही मैथिली के कोसी महोत्सव से बाहर खड़ी क देल गेल ये। कोसी क्षेत्र के कईकटा गायक आ अभिनेता ये जे वालीवुड में अपना नाम कमा रहल ये लेकिन, अपन एता भेल कार्यक्रम में ओ उपेक्षित रही गेल। मैथिली के गीतकार अशोक चंचल जी दूरभाष पर कहलखिन जे कोसी महोत्सव में मिथिला आ कोसी के कलाकार के उपेक्षित करल जाय रहल ये !जबकि गायक एश्वर्या निगम मैथिली कैसेट 'मिथिला में रफी' से ही चर्चित भेल रहे! ओ कहलखिन जे लोक संस्कृति को बढ़ावा दै के लेल स्थानीय स्तर पे भी लोग के जागरुक
होबाक चाही। दुःख ते बहुत भेल की आपन माटी पर आपन मैथिल की उपेक्षा भेल मुदा संघर्ष करैत छि जे आगाँ से एहन गलती नै होएत| याह कामना के साथ " जय मैथिल जय मिथिला" |
कोसी महोत्सव में मौजूद लोगेंन सब कहैत रहा जे मैथिली आंदोलन के दौरान 1965 में जखन दिल्ली में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के आवास पे आयोजित कार्यक्रम में सुपौल जिला के धीरेन्द्र झा धीर जी समदाउन की चाइरे पंक्ति में इंदिरा जी का मन मोह ललक रहे । ओही मैथिली के कोसी महोत्सव से बाहर खड़ी क देल गेल ये। कोसी क्षेत्र के कईकटा गायक आ अभिनेता ये जे वालीवुड में अपना नाम कमा रहल ये लेकिन, अपन एता भेल कार्यक्रम में ओ उपेक्षित रही गेल। मैथिली के गीतकार अशोक चंचल जी दूरभाष पर कहलखिन जे कोसी महोत्सव में मिथिला आ कोसी के कलाकार के उपेक्षित करल जाय रहल ये !जबकि गायक एश्वर्या निगम मैथिली कैसेट 'मिथिला में रफी' से ही चर्चित भेल रहे! ओ कहलखिन जे लोक संस्कृति को बढ़ावा दै के लेल स्थानीय स्तर पे भी लोग के जागरुक
होबाक चाही। दुःख ते बहुत भेल की आपन माटी पर आपन मैथिल की उपेक्षा भेल मुदा संघर्ष करैत छि जे आगाँ से एहन गलती नै होएत| याह कामना के साथ " जय मैथिल जय मिथिला" |
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