अहमदाबाद बम ब्लास्ट में सजा पाए लोग ...
38 को फाँसी - ११ को उम्र कैद ... इन 38 सजा पाए लोगों में 11 वो लोग हैं जो आजमगढ़, उत्तर प्रदेश से सम्बन्ध सख्ते हैं ... इस पूरे कांड का सबसे बड़ा अपराधी यानी लीडर - सरगना जिसने पूरा काण्ड रचा उसका नाम है .... अबू बशर ... ये आज़मगढ़ के सरायमीर का है ... सोनिया गाँधी के आदेश पर कांग्रेस के नेता दिग्विजय सिंह का पसंदीदा पर्यटन स्थल था सरायमीर में अबू बशर का घर ...
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दूसरा एक है मोहम्मद सैफ ... ये वो है जिसको दिल्ली के बाटला हाउस मुठभेड़ जिसमे इंस्पेक्टर मोहन शर्मा वीर गति को प्राप्त हुए थे, इसको वहां से दिल्ली पुलिस ने जिन्दा पकड़ा था - ये वो आतंकी है जिसके लिए सोनिया गाँधी रोइ थी, जिसके संजरपुर, आजमगढ़ घर जाकर दिग्विजय सिंह तलवे चाट के आया था कई बार .... जिसके समर्थन में देश के पूर्व राष्ट्रपति का नाती, पूर्व राज्यपाल का बेटा और स्वयं केंद्रीय मंत्री रहा सलमान खुर्शीद अभियान छेड़े हुए था ...... जिसके लिए पूरे लुटियन मीडिया ने एक अभियान चलाया था ... जिसके लिए सेक्युलर हरामखोरों ने बहुत बड़ा अभियान चलाया था ... उन दिनों TV ऑन करते ही NDTV, आज तक और ABP (तब स्टार न्यूज़) रोज छाती पीटते हुए रुदाली करते थे .... इसको दो बम काण्ड में दो बार फाँसी हुई है ... पहली 13 मई 2008 को जयपुर में हुए सीरियल ब्लास्ट में पहली फांसी और दूसरी अहमदाबाद के ब्लास्ट में ....
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इस मुहम्मद सैफ का अब्बा समाजवादी पार्टी का प्रचार कर रहा है ...
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एक अन्य सजा पाए आदमी का नाम है आरिज खान उर्फ़ जुनैद ... ये भी बाटला हाउस एनकाउंटर से बच कर भागा हुआ था .. ये भाग के नेपाल चला गया था जहाँ ISI और भारत से जाकर भारत नेपाल सीमा पर बसे अनेकों मदरसों और Isलामी संगठनों ने उसकी सहायता किया .. उसका फर्ज़ी पासपोर्ट आदि बनवाया, उसका न केवल व्यवसाय शुरू कराया बल्कि मदरसे का टीचर भी बनाकर पहचान छिपाने का कोशिश किया ... लेकिन सुरक्षा एजेंसी के आँखों से बच नहीं पाया ... ये न केवल अहमदाबाद परन्तु जयपुर, दिल्ली के करोल बाग, कनाट प्लेस और ग्रेटर कैलाश में हुए बम ब्लास्ट का सजिशकर्ता भी है ...
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अगर आप सजा पाए एक एक अपराधी के बारे में जानेंगे तो पता चलेगा .... इनमे से वो आतंकी भी हैं जिसका अखिलेश की असमाजवादी सरकार ने मुकदमे वापस लेने का असफल प्रयास भी किया था ...
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अहमदाबाद ब्लास्ट कितना बड़ा देश के विरुद्ध षड्यंत्र था वो उसके बारे में पढ़ने से पता चलेगा .... पहले राउंड के ब्लास्ट के बाद दुसरे राउंड में हस्पतालों में जब अधिक से अधिक घायल आ जाएं और खूब भींड़ हो जाए .... तत्कालीन गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी जब हस्पताल आएं तब ब्लास्ट करने की प्लानिंग थी ... गुजरात पुलिस ने समय रहते 21 जगहों के बम निष्क्रीय किये थे ....
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इन 38 को फाँसी और 11 को उम्र कैद मात्र एक समाचार नहीं रहना चाहिए .... सबको इन सब दुर्दांत आतंकियों और उनके मददगार कौम के बारे में पूरा बताने का कार्यक्रम चलते रहना चाहिए ... ISI पोषित भारत की सेक्युलर, लिबरल भांड मीडिया नहीं करेगी ... ये सोशल मीडिया को करना है ... तो करिये ... अधिक से अधिक लोगों को पता चले कि जब आम लोग अपने रोज के जीवन के आपाधापी में लगा है, वही एक कौम है जो पूरे भारत को तबाह और उनके गैर मजहबी को मार डालने के लिए ताने बाने तैयार कर रही है ....
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