इस्लाम धर्म छोड़ने वाले अली अकबर कौन हैं ? अली अकबर क्यों बने रामसिम्हन ?
- अली अकबर केरल की मलयाली भाषा की फिल्मों के निर्देशक हैं
-अली अकबर ने अपने फेसबुक से एक वीडियो अपलोड किया था जिसमें सीडीएस जनरल बिपिन रावत को श्रद्धांजलि दी गई थी
-लेकिन अली अकबर के उसी फेसबुक पोस्ट पर बहुत सारे मुसलमानों ने आकर लाफिंग इमोजी (हंसने वाला चेहरा) का बटन दबाया... यानी इन मुसलमानों ने अली अकबर और जनरल रावत का मजाक उड़ाया
-इस वजह से अली अकबर काफी निराश हुए... उनकी भावनाएं आहत हुईं और उन्होंने इस्लाम धर्म छोड़ने का ऐलान कर दिया
-अली अकबर ने इसके बाद दोबारा फेसबुक पर लाइव किया और लाइव में आकर कहा कि वो इस्लाम का परित्याग कर रहे हैं
-फेसबुक लाइव में अली अकबर ने कहा कि इस बात को कभी स्वीकार नहीं किया जा सकता है जिस जनरल ने देश के लिए अपना खून बहाया हो उसकी मौत पर मुसलमान मजाक उड़ाएं इसलिए मैं इस्लाम धर्म छोड़ रहा हूं
- फिल्म निर्देशक अली अकबर (अब राम सिम्हन) ने कहा कि इस्लाम के सबसे ऊंचे धर्मगुरुओं और नेताओं ने भी जनरल रावत का अपमान करने वाले मुसलमानों का विरोध नहीं किया है इसलिए अब इस्लाम धर्म से उनका विश्वास उठ गया है ।
-आगे अली अकबर ने कहा कि आज मैं जन्म से मिले एक कपड़े (इस्लाम) को फेंक रहा हूं। आज से मैं मुसलमान नहीं हूं। मैं सिर्फ भारत का नागरिक हूं। मेरा ये फैसला उन लोगों को जवाब है, जिन्होंने भारत के महान जनरल के खिलाफ इमोजी पोस्ट किए थे ।
- अली अकबर का वो वीडियो जिसमें इस्लाम धर्म छोड़ने का ऐलान था... फेसबुक के द्वारा डिलीट कर दिया गया और अली अकबर का फेसबुक पेज भी सस्पेंड कर दिया गया है
- टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में अली अकबर ने कहा कि बिपिन रावत की मौत की खबर पर हंसने वाले अधिकतर लोग मुस्लिम थे। मुसलमान इसलिए हंस रहे थे क्योंकि रावत ने पाकिस्तान और साथ ही कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ कड़े कदम उठाए थे। मैं ऐसे इस्लामी मजहब के साथ नहीं जुड़ा रह सकता हूं जो देश के खिलाफ हो ।
-अली अकबर की पत्नी लुसी अम्मा ने भी इस्लाम छोड़ दिया है
-गुजरात, कर्नाटक और यूपी की पुलिस ने सोशल मीडिया पर जनरल रावत का मजाक उड़ाने वालों को चिह्नित कर उन्हें कठोर दंड देने का फैसला किया है... अब हम सभी लोगों का ये कर्त्वय है कि हम जनरल रावत का मजाक उड़ाने वालों की शिकायत ट्विटर और दूसरे माध्यमों से... थानों पर भी जाकर करें । यही सीडीएस बिपिन रावत को सच्ची श्रद्धांजलि होगी
जनरल बिपिन रावत की वीरगति पर मुसलमान ठहाके क्यों लगा रहे हैं ?
- सच हमारे सामने ही होता है लेकिन हम बार बार उससे आंखें चुरा लेते हैं । ये बात किसी महान लेखक ने नहीं लिखी है लेकिन बात एकदम सत्य है ।
-हम हिंदू हैं और हमारी आंखों के सामने से भी एक सच गुजर रहा है... वो सच ये है कि जब पाकिस्तान की जीत होती है पूरे भारत में मुसलमान पटाखे जलाकर जश्न मनाते हैं । जब रोहित सरदाना की कोरोना से मृत्यु होती है तब मुसलमान ठहाके लगाते हैं और अब जब जनरल बिपिन रावत वीरगति को प्राप्त हुए हैं तब भी मुसलमान ठहाके लगा रहे हैं
-इन ठहाकों को आप ट्विटर और फेसबुक के कमेंट्स में और इमोजी में देख सकते हैं... दरअसल जब भी कोई व्यक्ति ट्विटर या फेसबुक पर कोई पोस्ट करता है तब उस पोस्ट पर रिएक्शन देने के लिए विकल्प आते हैं उसमें दुख वाला चेहरा भी होता है और हंसने वाला चेहरा भी होता है लेकिन मुसमलानों ने उस पर लाफिंग इमोजी यानी हंसने और ठहाके लगाने वाला चेहरा लगाया
-इस्लाम छोड़कर हिंदू धर्म अपना चुके स्वामी जितेंद्र नारायण त्यागी (वसीम रिजवी, पुराना नाम) बार बार यूट्यूब प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से ये कह रहे हैं कि भारत का मुसलमान एक मौका तलाश रहा है कि एक ना एक दिन भारत पर कब्जा कर लेना है और फिर इस्लाम की हुकूमत लाना है इस शरिया हुकूमत में वो इस्लामिक स्टेट के आतंकियों की तरह हिंदू औरतों की नीलामी कर सकेंगे... काफिर औरतों से जबरिया हमबिस्तरी कर सकेंगे और बच्चों को गिलम (लौंडा) बनाकर उनका शोषण (नवाबी शौक) कर सकेंगे... कुरान में वर्णित अल्लाह के हुक्म के मुताबिक काफिरों से नफरत करना मुसलमान अपना फर्ज मानता है और यही बात एक बार फिर साबित हुई है जब जनरल रावत की मौत पर मुसलमानों ने लाफिंग इमोजी बनाई है
-आप अगर फेसबुक और ट्विटर को गौर से देखेंगे तो आपको ये पता चलेगा कि मुसलमान दुआएं मांग रहे हैं कि अब जल्द ही अल्लाह का अजाब अजित डोवाल पर भी टूटे.... ये भी हो सकता है कि ये पाकिस्तानी ट्विटर हैंडल हो लेकिन भारत में भी ट्विटर हैंडल्स से इस तरह के आपत्तिजनक ट्वीट किए जा रहे हैं
-मैं राजस्थान पुलिस को बधाई देना चाहता हूं कि उन्होंने जनरल रावत पर अपमान जनक टिप्पणी करने वाले टोंक के जव्वाद खान को गिरफ्तार कर लिया है । इसके साथ ही गुजरात की पुलिस ने भी अहमदाबाद के एक समाजवादी पार्टी के समर्थक को अरेस्ट कर लिया है
-मेरा सभी पुलिस थानों से और स्थानीय नागरिकों से ये निवेदन है कि जिन लोगों ने जनरल रावत की मृत्यु पर लाफिंग इमोजी बनाई है उनके खिलाफ भावनाएं आहत करने का केस दर्ज करवाएं और इन सबको गिरफ्तार करवाएं... पुलिस अधिकारी भी स्वत: संज्ञान लेकर कार्रवाई करें
-मुझे बार बार पाकिस्तान के आतंकवादी सरगना हाफिज सईद का वो भाषण याद आ जाता है जिसमें वो कहता है इंशाल्लाह दिल्ली दुल्हन बनेगी... हम दिल्ली में आएंगे... दरअसल ये मुसलमान जो इस तरह से जनरल रावत की मौत का जश्न मना रहे हैं इन्हीं लोगों की मदद से हाफिज सईद जैसे देश के दुश्मन भारत को अपनी तलवारों के नीचे लाना चाहते हैं
-आखिर में हिंदुओं से निवेदन है... फिर वही बात रिपीट करता हूं... सच हमारे सामने ही होता है लेकिन हम बार बार उससे आंखें चुरा लेते हैं । ये बात किसी महान लेखक ने नहीं लिखी है लेकिन बात एकदम सत्य है । और मैं आप सभी भाइयों से ये अपील करता हूं कि सच पर संज्ञान लें...
धन्यवाद
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें