dahej mukt mithila

(एकमात्र संकल्‍प ध्‍यान मे-मिथिला राज्‍य हो संविधान मे) अप्पन गाम घरक ढंग ,अप्पन रहन - सहन के संग,अप्पन गाम-अप्पन बात में अपनेक सब के स्वागत अछि!अपन गाम -अपन घरअप्पन ज्ञान आ अप्पन संस्कारक सँग किछु कहबाक एकटा छोटछिन प्रयास अछि! हरेक मिथिला वाशी ईहा कहैत अछि... छी मैथिल मिथिला करे शंतान, जत्य रही ओ छी मिथिले धाम, याद रखु बस अप्पन गाम - अप्पन बात ,अप्पन मान " जय मैथिल जय मिथिला धाम" "स्वर्ग सं सुन्दर अपन गाम" E-mail: apangaamghar@gmail.com,madankumarthakur@gmail.com mo-9312460150

apani bhasha me dekhe / Translate

गुरुवार, 4 जून 2020


       !! हनुमान - आरती !!

 आरती आहाँक उतारि रहल छी
 राम दूत हनुमान यौ ।
 महिमा ऋषि मुनि सदिखन गाबथि
 गाबथि वेद पुरान यौ ।।

 केसरी नंदन काल निकंदन
 टूटल विपति पहाड़ यौ ।
 पतवार सम्हारु,जीवन तारू
 नैया अछि मझधार यौ ।।

 अहिरावण के मारि , बचौलौ -
 राम लखन के प्राण यौ ।। आरती......

 सरसिज लोचन,जग दुख मोचन
 मुर्छित लखन बुटी लयलौ ।
 सुग्रीव उवारल,विभिषण तारल
 धर्मक काज सतत कयलौ ।।

 लंका जारि सिया सुधि लेलौं
 राखल रघुकुल मान यौ ।। आरती.....

 शिव सुत बलकारी , गगन बिहारी
 महिमा कते बखान करू ।
 "रमण" विपति में,अछि कोन गति में
  यौ बजरंगी ध्यान धरु ।।

  जग में कते मनोरथ पूरल
  हमरो किछु अरमान यौ ।। आरती.....

  गीतकार - रेवती रमण झा "रमण"




कोई टिप्पणी नहीं: