dahej mukt mithila

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मंगलवार, 1 मई 2018

हम नै कतौ भागै छी यौ - गीतकार - रेवती रमण झा " रमण "

                   || हम नै कतौ भागै छी यौ ||
                                  " गीत "
                                       

लोक लाज दिश ताकू प्रियतम
देखू भ गेल भोर यौ ।
कतेक निहोरा कयने छी
कीय भेलौ अतेक कठोर यौ ।।

अधरामृत मधु पीवी ठोर के
अहाँ सुखयलौ लाली यौ ।
गुप्त भेद संकेत करैया
टूटल कानक बाली यौ ।।

निन्द सँ आँखि में दर्द भरैया
टपकि रहल अछि नोर यौ ।। कतेक....

कामातुर आवेश में परि कय
सगरो गात के तोरि देलौ ।
नवल उरोज सरोज कली दू
निर्दय जेकाँ मडोरि देलौ ।।

प्रीत घटा मन मीत सम्हारु
अपन हृदय हिलकोर यौ ।।  कतेक....

देखू लेभरल आँखिक काजर
फूजि केश छिरिआयल यौ ।
अनुपम कलरव चिडइक चहुँदिश
सुरुजक लालिमा लायल यौ ।।

"रमण" विलासक उचित नै बेला
सारि  मचौलक शोर यौ ।।   कतेक....
           
             गीतकार
  रेवती रमण झा " रमण "       
                
            
      

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