|| भ्रात- दुतिया ||
उठि अन्हरौखे आँगना नीपलिअई
सब भरदुतिया के विध ओरिएलिअई
भैया अहन कठोर कीय भेलिअई यौ
नै एलिअई यौ ।।
भैया........
मंगितौ ने साड़ी, ने मंगितौ रुपैया
अबितौ, नयन भरि देखितौ यौ भैया
महल बुझै छी, ई टुटली मरैया के
की जानि आहाँ डेरेलिअई यौ
नै एलिअई यौ ।।
भैया..........
कत सिनेहे सॅ भानस केलिअई
छाल्ही भरल दूध छाँछ पौरलिअइ
तरल परोड़ , तरल पात कौआ
तिलकोरो आहाँ लय तरलिअइ यौ
नै एलिअइ यौ।।
भैया..............
भरि पोख कानि-कानि नोरे नेराओल
नहिरा वियोग कुदिन-दिन गाओल
उलहन भरैया ननदि सौतिनियाँ।
दियौरो के ताना सूनलिअई यौ।
नै एलिअइ यौ।।
भैया..............
किरण डूबैत धरि बाटे जोहलिअइ
सरिसो के फूल जेकाँ लोटि खसलिअइ
"रमण" मलान भेलौ यौ भैया
माय बिनु नैहर बुझलिअइ यौ
नै एलिअइ यौ।।
भैया...........
रचनाकार
रेवती रमण झा " रमण "
गाम- जोगियारा पतोंर दरभंगा ।
फोन - 09997313751.
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