dahej mukt mithila

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सोमवार, 6 अप्रैल 2020

केकरा लग जा कानी हे मईया ।। गीतकार - निशान्त झा "बटोही"


           !! जिनगी भेल अन्हार !!

    केकरा लग जा कानी हे मईया
    पूरा जिनगी भेल अन्हार ...
    हे मईया पूरा जिनगी भेल अन्हार ।।

    वयस बीतेलौ माँ काटैत अहुरिया
    कियौ ने पकड़लक माँ गे अंगुरिया ।
    ठुकरायल जग सँ शरण मे आयल
    भवानी लिखले इ केहन कपार ।।

    पूरा जिनगी भेल अन्हार ...
    हे मईया पूरा जिनगी भेल अन्हार ।।

    दर दर ठोकरे माँ खुबे खेलौ
    अपमानित भय समय बीतेलौ ।
    आश विश्वाश तोहरे भवानी
    सम्हार गे माँ हम्मर पतवार।।

    पूरा जिनगी भेल अन्हार ...
    हे मईया पूरा जिनगी भेल अन्हार ।।

    गीतकार -
    निशान्त झा "बटोही"

    

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