dahej mukt mithila

(एकमात्र संकल्‍प ध्‍यान मे-मिथिला राज्‍य हो संविधान मे) अप्पन गाम घरक ढंग ,अप्पन रहन - सहन के संग,अप्पन गाम-अप्पन बात में अपनेक सब के स्वागत अछि!अपन गाम -अपन घरअप्पन ज्ञान आ अप्पन संस्कारक सँग किछु कहबाक एकटा छोटछिन प्रयास अछि! हरेक मिथिला वाशी ईहा कहैत अछि... छी मैथिल मिथिला करे शंतान, जत्य रही ओ छी मिथिले धाम, याद रखु बस अप्पन गाम - अप्पन बात ,अप्पन मान " जय मैथिल जय मिथिला धाम" "स्वर्ग सं सुन्दर अपन गाम" E-mail: apangaamghar@gmail.com,madankumarthakur@gmail.com mo-9312460150

AAP SABHI DESH WASHIYO KO SWATANTRAT DIWAS KI HARDIK SHUBH KAMNAE

बुधवार, 30 मार्च 2022

हिन्दु नव वर्ष के आयोजन पर आओ हम सब मिलकर आकाश को जगमग कर दें

                       

  जय श्री राम  

 02 अप्रैल 2022 को शाम 7.30 बजे अपने-अपने घरो के बाहर या जहाँ कही भी हो वहाँ 5 दीपक जो सामान्य रूप से हर घर मिल जाता है।   समय(दिनांक:-02-04-2022  समय:- 7.30 बजे ठीक शाम)में संजोकर अगर पुरे भारत की रात को दिन में बदलकर एक नयी मिशाल दे सकते है। जिससे पुरे विश्व में लोगो को पता चलेगा की हिन्दू नव वर्ष को मानने वाले लोगो ने रात को भी दिन में बदल सकते है।

              कृपया आप सभी से निवेदन है की इस नई पहल  में शामिल हो

सामान:- 5 दीपक 

दिनांक:-02/04/2022 

समय:- 7.30 बजे ठीक शाम

स्थान:- आपके निवास स्थान 

  🚩🚩🚩जय श्री राम 🚩🚩🚩

मंगलवार, 29 मार्च 2022

स्वर्ग का सुख : माँ-बाप के चरणों में

 *स्वर्ग का सुख : माँ-बाप के चरणों में* 


 एक आदमी अपने माँ-बाप को भिन्न-भिन्न तरह से बहुत प्रताड़ित करता रहता था। इस कुकृत्य में उसकी पत्नी भी उसका खूब साथ निभाती थी। हमेशा बेचारे सीधे-साधे माँ-बाप की आत्मा बहुत दुःखी रहती थी। जब भी वो अपने बेटे-वहू को कुछ भी समझाने सिखाने की बात करते, उन्हें उल्टे मुँह की खानी पड़ती थी और तमाम तरह की बेइज्जती सहनी पड़ती थी। यहाँ तक कि एक दिन बेटे-बहू दोनों मिलकर माँ-बाप को ही उनके घर से निकाल दिये। माँ-बाप रोते रहे, गिड़गिड़ाते रहे, यहाँ तक कि उल्टे माफ़ी मांगते रहे लेकिन बेटे-बहू एक नहीं सुने। माँ-बाप शर्म के मारे किसी को कुछ नहीं कहे और दूर दराज़ एक मंदिर में जाकर शरण ले लिये। खैर, समय बीतता गया। ईश्वर ने उसके माँ-बाप को उसी शहर में एक आलीशान व्यवस्था बना दी, जहाँ वो दोनों खुशी से रहने लगे। जब भी माँ-बाप को दिल में हूक सी उठती थी, वो परेशान हो उठते थे और अपने बेटे-बहू को फ़ोन कर बैठते थे। उधर बेटा-बहू या तो फ़ोन उठाते नहीं थे और कभी उठाते थे तो अनाप शनाप कुछ ऐसा बोल देते थे कि बूढ़े माँ-बाप का दिल और दुःख जाता था।

इधर वो दोनों बेटा-बहू बहुत बीमार रहने लगे। दोनों हॉस्पिटल से वापस हो रहे थे की उसकी पापीन बहू की सड़क दुर्घटना में अकाल मृत्यु हो गयी। पापी बेटा भी मरते मरते बचा। लेकिन उसका ज़ख्म बहुत ही ज्यादा गहरा था जिससे वो बहुत पीड़ा भोग रहा था। वहाँ काफी संख्या में लोग इकट्ठे हो गये थे। उसी भीड़ में एक महापुरूष भी थे। लोगों ने महापुरूष से पूछा कि इसका पीड़ा देखा नहीं जा रहा है। इसलिए, कृपया आप इसका कोई उपाय बतायेँ जिससे यह पीड़ा से मुक्त होकर अपना प्राण त्याग दे और ज्यादा पीड़ा न भोगे। 

उस महापुरूष ने बताया कि अगर स्वर्ग की मिट्टी लाकर इसको तिलक किया जाये तो ये पीड़ा से मुक्त हो जायेगा। ये सुनकर सभी चुप हो गये और सोचने लगे कि "स्वर्ग कि मिट्टी" कहाँ से और कैसे लाया जाय, ये तो बिल्कुल ही नामुमकिन है? महापुरुष की बात सुनकर एक छोटा सा बच्चा दौड़ा-दौड़ा गया और थोड़ी देर बाद एक मुठ्ठी मिट्टी लेकर आया और बोला - "ये लीजिये, स्वर्ग की मिट्टी। इस मिट्टी से तिलक कर दीजिये, इनकी पीड़ा कम हो जाएगी।" बच्चे द्वारा लाये गये मिट्टी से दर्द से कराहते हुए उस आदमी को जैसे ही तिलक किया गया, कुछ ही क्षण में वो आदमी पीड़ा से एकदम मुक्त हो गया। ये चमत्कार देखकर सब हैरान थे, क्योंकि स्वर्ग की मिट्टी भला ये छोटा सा बच्चा कैसे ला सकता है? ऐसा हो ही नहीं सकता है।

महापुरूष ने बच्चे से पूछा - "बेटा, ये मिट्टी तुम कहाँ से लेकर आये हो? पृथ्वी लोक पर स्वर्ग कहाँ है, जहाँ से तुम कुछ ही पल में ये मिट्टी ले आये हो"? लड़का बोला - "बाबाजी, इस धरती पर माँ-बाप के चरणों में ही सबसे बड़ा स्वर्ग होता है। उनके चरणों की धूल से बढ़कर धरती पर दूसरा कोई स्वर्ग नहीं है। इसलिये मैं ये मिट्टी अपनी माँ-बाप के चरणों के नीचे से लेकर आया हूँ।" 

बच्चे के मुँह से ये बात सुनकर महापुरूष बोले - "बिल्कुल सही, माँ-बाप के चरणों से बढ़कर इस धरती पर दूसरा कोई स्वर्ग नहीँ है। कोई चाहे कितनी भी तरक्की कर ले, कितना भी रूपया-पैसा, धन-संपत्ति जमा कर ले, खूब पद-प्रतिष्ठा पा ले, आसमान की उच्चाईयोँ को छू ले, लेकिन जब तक माँ-बाप खुश नहीं हैं तब तक सबकुछ निरर्थक है। यहाँ तक कि ऐसे लोगों से भगवान भी खुश नहीं होते हैं और कोई भी दान, पुण्य, तीर्थ करने का फल नहीं मिलता है। जिस औलाद की वजह से माँ-बाप की आँखो में आँसू आये, ऐसी औलाद को इस धरती पर ही नरक का भोग भोगना पड़ता है।" 

छोटे बच्चे और महापुरुष की सारी बातें पापी बेटा सुन रहा था। उसके चेहरे पर आत्मग्लानि झलक रही थी, दोनों आँखों से लगातार आँसू बह रहा था और दोनों होंठ कांप रहे थे। वो अपने दोनों हाथों से अपने सर को जोर से पकड़े हुए था। बेटे ने मन ही मन सोचा कि कल माँ-बाप से क्षमा मांगेगा और अब खुद वहीं उनके साथ ही जीवन बितायेगा। दूसरे दिन शाम को बेटा मुँह लटकाए हुए अपने माँ-बाप से मिलने गया। डरते-डरते आहिस्ते से दरवाजा पर दस्तक दिया। अंदर से एक अधेड़ उम्र का आदमी आया और पूछा - "आप कौन"। पूछने पर पता चला कि वो बूढ़े इसके माँ-बाप थे। अधेड़ उम्र का आदमी घर के अंदर गया और "एक चुटकी भभूत" लेकर बाहर आया और बेटे के सर पर लगा दिया। बेटे ने पूछा - "ये कहाँ का भभूत है? मेरे माँ-बाप कहाँ हैं?" अधेड़ उम्र के आदमी ने कहा - "कल रात में क़रीब 9 बजे बूढ़ी माताजी को अचानक बड़े जोर से सीने में दर्द हुआ और तुरंत उनका देहांत हो गया। ठीक उसके आधा घंटा के बाद ही बूढ़े बाबा चक्कर खाकर गिर गए और उनका देहांत हो गया। आज सुबह उनका दाह संस्कार हुआ है, जिसका ये भभूत है। वो दोनों मुझे बोल गए थे कि मेरे बेटा-बहू बहुत ही समझदार है, अभी वो नाराज़ है। अगर मेरी मौत हो जाये और उसके बाद मेरा बेटा-बहू आये तो उनको मेरे आशीर्वाद स्वरूप मेरे अस्थि राख का तिलक लगा देना और मेरे तरफ से बोल देना - 'सदा सुखी रहो'..........।"                                                              अशोक कुमार मिश्रा 

गुरुवार, 24 मार्च 2022

आज फारुख अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती दहाड़े मार मार कर रो रहे हैं कि मोदी ने कश्मीर को बर्बाद कर दिया



आज फारुख अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती दहाड़े मार मार कर रो रहे हैं कि मोदी ने कश्मीर को बर्बाद कर दिया । कश्मीरी नोंजवानों पर सेना गोली बरसा रही है। हमारे लोगो को हिन्दू- मुस्लिम में बांटा जा रहा है । भाई चारा खत्म कर दिया इस सरकार ने ।

फारुख अब्दुल्ला जी दिलीप कुमार कौल वह शख्स हैं जिन्होंने बांदीपोरा,कश्मीर के एक चौराहे पर 25.6.1990 को गिरिजा टिक्कू की आरे से काटी गई सिर से लेकर 'नीचे' तक दो हिस्सों में बटी देह देखी थी । पोस्टमार्टम के बाद गिरिजा टिक्कू की देह को फिर से चमड़े के धागे से सिला गया था  उम्र थी सिर्फ 23 वर्ष ज़िंदा शरीर को दो हिस्सों में काटने से पहले गिरिजा को हिन्दू होने की सज़ा दी गई थी, दर्जनों जेहादियों ने उनके साथ बर्बर बलात्कार भी किया था ।

            कश्मीरी पंडितों को ''काफिर हिन्दू' जा रहा है'' कहकर राह चलते गालियां दी जाती थीं । सरला भट्ट नामक कश्मीरी हिन्दू नर्स के साथ मेडिकल कालेज में बर्बर बलात्कार हुआ था, फिर हत्या हुई शरीर पर सैकड़ों ज़ख्म थे । एक हिन्दू नारी देशभक्त होने की सज़ा दी गई थी । मृत शरीर के साथ अत्याचार लगभग हर हिन्दू को घाटी में 12-24 घंटे भीषणतम अत्याचार और सता कर मारा गया था । 

             1989 भारतीय जीवन निगम के बिहार से सम्बद्ध दो डायरेक्ट रिक्रूट ऑफिसर्स को निशात बाग,श्रीनगर में एक लकड़ी की हट में बंद कर आग लगा दी गई एक की हट में ही जलकर मृत्यु हो गई दूसरा बामुश्किल गंभीर हालत में बचाया जा सका लेकिन सुनते हैं कि वह मानसिक रूप से विक्षिप्त हो गए दोनों ने देशभक्त हिन्दू होने की सज़ा भुगती ।

                अनुपम खेर के मामा और मामी रैनाबाड़ी, श्रीनगर मोहल्ले में रहते थे मामा-मामी ने रिटायर होने के बाद शानदार घर बनवाया था । गृहप्रवेश की पूजा के चंद दिन बाद एक मौलाना प्रकट हुए अनुपम खेर की मामी से कहा कि "यह घर हम खरीदना चाहते हैं " अनुपम खेर की मामी हतप्रभ रह गईं  मौलाना को डांट लगाई कि एकदम नए घर को उन्होंने खरीदने ( कब्ज़ा) की इच्छा कैसे ज़ाहिर की मौलाना चला गया धमकी देकर ।

             अगले दिन ब्रह्ममहूर्त में जब खेर की मामी घर के पिछवाड़े में स्थित अपने घर के आंगन में तुलसी को पानी देने गईं तो वह बेहोश होकर गिर पड़ीं घर के आंगन के बीचों-बीच पड़ोसी कश्मीरी पंडित का कटा सिर पड़ा था मौलाना ने धमकी को कार्यरूप दे दिया था चंद रोज़ बाद मामा-मामी घर बन्द कर हमेशा के लिए जम्मू भाग आये । 

            सुरक्षाबलों पर 40 साल से जूते-चप्पल फेंकें जा रहे हैं आर्मी के जवान के मुंह पर कश्मीरी अलगाववादी बच्चा कहता है  "गाय तुम्हारी माता है.. हम उसको खाता है " । 70 साल से हमारे सुरक्षाबल खून का घूंट पीकर  घाटी में अपना खून बहा रहे हैं कब तक खून बहाएंगे कुछ पता नहीं । बिट्टा कराटे टीवी स्क्रीन पर कहता है कि 40 कश्मीरी पंडितों की हत्या के बाद उसने लाशें गिनना छोड़ दिया था ! यासीन मलिक ने एयरफोर्स के 4 अधिकारियों पर हैंडग्रेनेड फेंक कर हत्या की स्वीकारोक्ति एक विदेशी चैनल पर की थी । आज तक 1500 कश्मीरी पंडितों के हत्यारों पर एक भी FIR नहीं हुई कोई मुकदमा नहीं चला जेल की बात कौन करें ।

            कितने लोग जानते हैं कि भारतीय राजनयिक रवींद्र म्हात्रे की हत्या मकबूल बट्ट ने क्यों की थी । कश्मीरी पंडितों की हत्या होती रहीं सभी राजनीतिक पार्टियां क्यों खामोश रहीं श्रीनगर में स्थित संयुक्त राष्ट्र के पर्यवेक्षक और एमनेस्टी इंटरनेशनल कश्मीरी पंडितों की लाशों की ओर देखने तक से इनकार क्यों करते रहे ।

             दरअसल हिन्दू ने कभी किसी दूसरे हिन्दू को अपना भाई आत्मीय माना ही कब ? सैकड़ों सदियों का इतिहास है यह घाटी से हिन्दू भागता नहीं तो क्या करता ? जब सब साथ छोड़ चुके थे ।

खैर इन सब बातों को बंगाली हिन्दू अभी नही समझेगा, जब समझ आएगी तब तक बोरिया बिस्तर बाँध कर पलायन करना होगा ।

*कुछ कायर लोग शायद इस पोस्ट को भारतीय जनता पार्टी के आई टी सैल निकली पोस्ट कहकर पल्ला झाड़ लेंगे, और कुछ कार्यवाही करना तो दूर आगे फाॅर्वरड तक नहीं करेंगे।*

सोमवार, 21 मार्च 2022

विश्वविख्यात खगोलशास्त्री आर्यभट


विश्वविख्यात खगोलशास्त्री आर्यभट / जन्म दिवस - 21 मार्च

खगोलशास्त्र का अर्थ है ग्रह, नक्षत्रों की स्थिति एवं गति के आधार पर पँचांग का निर्माण, जिससे शुभ कार्यों के लिए उचित मुहूर्त निकाला जा सके। इस क्षेत्र में भारत का लोहा दुनिया को मनवाने वाले वैज्ञानिक आर्यभट के समय में अंग्रेजी तिथियाँ प्रचलित नहीं थीं।

अपने एक ग्रन्थ में उन्होंने कलियुग के 3,600 वर्ष बाद की मध्यम मेष संक्रान्ति को अपनी आयु 23 वर्ष बतायी है। इस आधार पर विद्वान् उनकी जन्मतिथि 21 मार्च, 476 ई. मानते हैं। उनके जन्मस्थान के बारे में भी विद्वानों एवं इतिहासकारों में मतभेद हैं। उन्होंने स्वयं अपना जन्म स्थान कुसुमपुर बताया है। कुसुमपुर का अर्थ है फूलों का नगर। इसे विद्वान् लोग आजकल पाटलिपुत्र या पटना बताते हैं। 973 ई0 में भारत आये पर्शिया के विद्वान अलबेरूनी ने भी अपने यात्रा वर्णन में ‘कुसुमपुर के आर्यभट’ की चर्चा अनेक स्थानों पर की है।

कुछ विद्वानों का मत है कि उनके पंचांगों का प्रचलन उत्तर की अपेक्षा दक्षिण में अधिक है, इसलिए कुसुमपुर कोई दक्षिण भारतीय नगर होगा। कुछ लोग इसे विन्ध्य पर्वत के दक्षिण में बहने वाली नर्मदा और गोदावरी के बीच का कोई स्थान बताते हैं। कुछ विद्वान आर्यभट को केरल निवासी मानते हैं।

यद्यपि आर्यभट गणित, खगोल या ज्योतिष के क्षेत्र में पहले भारतीय वैज्ञानिक नहीं थे; पर उनके समय तक पुरानी अधिकांश गणनाएँ एवं मान्यताएँ विफल हो चुकी थीं। पैतामह सिद्धान्त, सौर सिद्धान्त, वसिष्ठ सिद्धान्त, रोमक सिद्धान्त और पौलिष सिद्धान्त, यह पाँचों सिद्धान्त पुराने पड़ चुके थे। इनके आधार पर बतायी गयी ग्रहों की स्थिति तथा ग्रहण के समय आदि की प्रत्यक्ष स्थिति में काफी अन्तर मिलता था। इस कारण भारतीय ज्योतिष पर से लोगों का विश्वास उठ गया। ऐसे में लोग इन्हें अवैज्ञानिक एवं अपूर्ण मानकर विदेशी एवं विधर्मी पंचांगों की ओर झुकने लगे थे।

आर्यभट ने इस स्थिति का समझकर इस शास्त्र का गहन अध्ययन किया और उसकी कमियों को दूरकर नये प्रकार से जनता के सम्मुख प्रस्तुत किया। उन्होंने पृथ्वी तथा अन्य ग्रहों की अपनी धुरी तथा सूर्य के आसपास घूमने की गति के आधार पर अपनी गणनाएँ कीं।

इससे लोगों का विश्वास फिर से भारतीय खगोलविद्या एवं ज्योतिष पर जम गया। इसी कारण लोग उन्हें भारतीय खगोलशास्त्र का प्रवर्तक भी मानते हैं। उन्होंने एक स्थान पर स्वयं को 'कुलप आर्यभट' कहा है। इसका अर्थ कुछ विद्वान् यह लगाते हैं कि वे नालन्दा विश्वविद्यालय के कुलपति भी थे।

उनके ग्रन्थ ‘आर्यभटीयम्’ से हमें उनकी महत्वपूर्ण खोज एवं शोध की जानकारी मिलती है। इसमें कुल 121 श्लोक हैं, जिन्हें गीतिकापाद, गणितपाद, कालक्रियापाद और गोलापाद नामक चार भागों में बाँटा है।

वृत्त की परिधि और उसके व्यास के संबंध को ‘पाई’ कहते हैं। आर्यभट द्वारा बताये गये इसके मान को ही आज भी गणित में प्रयोग किया जाता है। इसके अतिरिक्त पृथ्वी, चन्द्रमा आदि ग्रहों के प्रकाश का रहस्य, छाया का मापन, कालगणना, बीजगणित, त्रिकोणमिति, व्यस्तविधि, मूल-ब्याज, सूर्योदय व सूर्यास्त के बारे में भी उन्होंने निश्चित सिद्धान्त बताये।

आर्यभट की इन खोजों से गणित एवं खगोल का परिदृश्य बदल गया। उनके योगदान को सदा स्मरण रखने के लिए 19 अपै्रल, 1975 को अन्तरिक्ष में स्थापित कियेे गये भारत में ही निर्मित प्रथम कृत्रिम उपग्रह का नाम ‘आर्यभट’ रखा गया।

मंगलवार, 15 मार्च 2022

कश्मीर में लाखो हिन्दुओं के नरसंहार और कत्लेआम के दौरान क्या क्या हुआ था उनके साथ उसकी छोटी से झलक नीचे दे रहे हैं,



 

 मुस्लिम कोई इंसानी कौम नहीं नरपिशाचों का झुंड हैं विश्वास नहीं होता तो नीचे दिए गए कुछ घटना क्रम पढ़ लो, और नृशंसता की पराकाष्ठा स्वयं अनुभव कर लो।

    कश्मीर में लाखो हिन्दुओं के नरसंहार और कत्लेआम के दौरान क्या क्या हुआ था उनके साथ उसकी छोटी से झलक नीचे दे रहे हैं, पढ़ लो हिन्दुओं...

(1) हिन्दू माथे पर जहां तिलक लगाते हैं, हज़ारों हिन्दुओं के माथे से उस जगह को चाकू से काट काटकर निकाला गया था कश्मीर में,

 उदाहरण - सरवानंद कौल,, गिरिजा टिककु,, बी. के. गंजऊ आदि आदि.... इनके बारे में पढ़ लो रूह कांप जाएगी जो इनके और हज़ारों हिन्दुओं के साथ हुआ।

(2) गिरिजा टिक्कू : गिरजा जी कश्मीर में एक स्कूल की लैब असिस्टेंट थी। जिहादियों ने इनको अगवा करके इनका सामुहिक बलात्कार किया था और बाद में जिंदा रहते हुए इनको मशीन से दो टुकड़ों में काट दिया था। इस तरह हज़ारों हिंदू औरतों की दर्दनाक मौत हुई थी।

बी  के गंजू : यह कश्मीर घाटी के एक इंजीनियर थे। जिहादियों ने इनको घर में घुसकर गोलियों से भून दिया और इनकी खून से सना हुआ चावल इनकी पत्नी को जोर जबरदस्ती से खिला दिया गया था।

इन दोनों का सिर्फ एक ही गलती था और वह है इन लोगों का हिंदू -धर्म 

(3) नदीमार्ग हत्याकांड में मुस्लिमों ने 83 हिन्दू बच्चों के सरों और आंखों में गोली मारी लाइन लगाकर।

(4) हज़ारों हिंदू औरतों,, ल़डकियों,, बेटियों के साथ खुलेआम बलात्कार किए गए और उनके स्तन काटकर उनको पेड़ों पर लटका दिया गया और कई हज़ारों हिंदू औरतों को बलात्कार के बाद जिंदा जला दिया गया और कई हिन्दू औरतों को acid के टैंकों मे डालकर मार दिया गया।

(5) हज़ारों हिंदू मंदिरों को तोड़कर उनपर मस्जिदें बनाई गई और हज़ारों हिंदू मंदिरों को बंद कर दिया गया और उन बंद मंदिरों की दीवारों पर लिखा गया कि " यहाँ रुकें और पेशाब करके जाएं।

(6) हज़ारों हिंदू औरतों और हिन्दू पुरूषों को उनके बच्चों के खून से सने चावल खिलाये गए।

(7) 4 नवंबर को ⚖ जस्टिस नीलकंठ ganjuu को दिन दहाड़े हाई कोर्ट के सामने मुस्लिमों ने मार दिया क्युकी उन्होंने एक खुंखार इस्लामी आतंकवादी को सजा सुनाई थी।

(8)  7 may को प्रोफेसर k L ganjoo और उनकी पत्नी को मार दिया गया और उनकी पत्नी का सामुहिक बलात्कार किया गया और फिर acid डालकर मार दिया गया।

(9) 22 मार्च को अनंतनाग के एक दुकानदार P N कौल की चमड़ी जीवित अवस्था में शरीर से उतार दी गई और मरने के लिए छोड़ दिया गया।

(10) टेलीकॉम इंजीनियर pk ganju को पीछा करके जिहादी मुस्लिम उनके घर आए लेकिन pk ganju एक चावल के container में छुप गए थे... इसलिए जिहादी मुस्लिम उनको ढूंढ नहीं पाये और वापिस जाने लगे,, लेकिन pk ganju के मुस्लिम पड़ोसियों ने उन जिहादी इस्लामी मुस्लिमों को बुलाकर बताया कि pk ganju और उनकी family कहाँ छुपी है उसके बाद pk ganju को उन्हीं container मे गोलियों से भूज़ दिया गया और जाते जाते उन जिहादी मुस्लिमों ने कहा कि इस खून को चावलों में मिल जाने दो और अपने बच्चों को खाने देना कितना स्वादिष्ट भोजन होगा वो उनके लिए,

(11) 12 फरवरी को तेज कृष्ण राजदान को उनके ही एक मुस्लिम दोस्त ने बस में सीधे राजदान के सीने में गोली उतार दी उसके बाद राजदान की लाश को बस से उतारकर गली में घसीटा गया और लोगों से बोला गया कि उनके पार्थिव शरीर को लातों से मारें और उनकी लाश को पास की ही मस्जिद के आगे डाल दिया गया जिससे कि लोग देखें कि हिन्दुओं का क्या हश्र होगा।

(12)  24 फरवरी को अशोक कुमार काजी की घुटनों में गोली मारी गई... बालों को उखाड़ा गया,, थूका गया, और उनके ऊपर पेशाब भी किया कई मुस्लिमों ने और फिर एक घंटे के बाद उनको जिंदा जला दिया गया।

(13)  29 फरवरी को नवीन sapru को भी इसी तरह से दर्दनाक मौत दी मुस्लिमों ने और उसके बाद मुस्लिमों ने जश्न मनाया नाचते और गाते हुये।

(14) कश्मीरी कवि सर्वानंद कौल और उनके बेटे वीरेंद्र कौल की बहुत-बहुत भयानक तरीके से हत्या करी मुस्लिमों ने, तिलक करने की जगह को छीलकर चमड़ी हटा दी गई थी,, पिता और पुत्र की आंखें निकाल ली गई थी और हड्डियां तोड़ दी गई थीं और इसके बाद रस्सी से एक टांग पर लटका दिया गया था।

(15) मंजू और 9 अन्य लोगों को kidnap करके उनका खून तब तक निकाला गया जब तक वो मर नहीं गये।

(16)  9 जुलाई को हृदयनाथ और ram भंडारी के सरों को लाल चौक पर सबके सामने काटा गया।

(17) 26 जून को Bl रैना को घेरकर पहले उनके हांथ पैर काटे और फिर उनको तब तक घसीटा जब तक वो मर नहीं गए,

(18) दामोदर रैना को बीच चौराहे पर जिंदा जला दिया गया था।

(19) अशोक सूरी और उनके भाई की मंदिर में घुसकर गला रेतकर मारा था।

(20) सोपोर के चुन्नीलाल challa एक inspector थे उनको तो उनके ही एक मुस्लिम सिपाही ने आंखें निकालकर और फिर गला रेतकर नराशंस हत्या कर दी,

(21)28 अप्रैल को भूषण रैना के सर में पिन ghusedeगए और फिर उनके कपड़े उतारकर उनको एक पेड़ पर कीलों से लटकाया गया और फिर उनको तड़पा-तड़पाकर मारा गया।

(22) 23 जनवरी को vandhama गाँव में 73 हिंदू पुरुषों और 69 हिन्दू औरतों की गला काटकर हत्या की गई और उनके 76 छोटे छोटे बच्चों की आंखों में गोली मारके हत्या करी गई।

(23)इसके बाद हज़ारों हिंदुओं के घरों में आग लगा दी गई और ऐसे ही क्रूर तरीके से हज़ारों हिन्दुओं को मारा गया।

(24)  ये तो सिर्फ कुछ घटनायें हैं जिसमें हिन्दुओं को मारा,, काटा और भगाया गया, ऐसे ना जाने कितने हज़ारों नरसंहार और कत्लेआम और बलात्कार हुये थे कश्मीर में 

*फिर भी हिन्दू इन मुस्लिमों को अभी भी इस देश में रहने कैसे दे रहा है???

सोमवार, 14 मार्च 2022

तीखे सवाल सुनकर, सुप्रीम कोर्ट के "जजों" का माथा ठनका--.11 मई से, "तीन तलाक" के "मुद्दे

   


अभिनेता अनुपम खेर के तीखे सवाल सुनकर, सुप्रीम कोर्ट के "जजों" का माथा ठनका--.11 मई से, "तीन तलाक" के "मुद्दे" की, "सुनवाई" के लिए, "5 जज़ों की टीम बैठी थीं".......!सुनवाई के "पहले ही दिन" "कोर्ट" नें कहा था, कि :----अगर, "तीन तलाक" का "मामला" इस्लाम धर्म" का हुआ .....तो, उसमें हम दखल नही देंगे....इसपर बॉलीवुड "अभिनेता अनुपम खेर" नें "तीखे शब्दों का इस्तेमाल" करते हुए, कहा :--ठीक है, माई लॉर्ड, अगर आप- "धर्म" के मामले में "दखल" नही देना चाहते, तो :--जलीकट्टू, दही हांड़ी, गो हत्या, राम मंदिर जैसे :--- कई "हिंदुओ" के "मामले" हैं, जिसमें "आप" "बेझिझक दखल देते हैं".....।क्या - "हिंदू धर्म" आपको "धर्म नही लगता" ????? या फिर, "आप" मुसलमानों" की "धमकियों से डरते हैं"?????अगर आप "कुरान" में लिखे होनें से,"तीन तलाक" को मानते हैं ......तो :--- "पुराण" में लिखे, "राम के अयोध्या में पैदा होनें को" क्यों नही मानते????हमें भी बताइए, यह सिर्फ मैं, नही ......"पूरा देश" जानना" चाहता है।!!"गाय का मांस खाना" या ,"ना खाना" उनकी" मर्जी" पर छोङ देना चाहिये ....लेकिन, "सुअर" का "मांस" वो नही खायेगें ....क्योंकि, ये "उनके धर्म के खिलाफ" है ????"शनि शिंगनापुर मंदिर" में, "महिलाओं" काे, "प्रवेश ना देना महिलाओं पर अत्याचार है ".....जबकि, "हाजी अली दरगाह" में "महिलाओं" को "प्रवेश देना, या ना देना, "उनके धर्म का आंतरिक मामला" है ???"पर्दा प्रथा" एक "सामाजिक बुराई" है .....लेकिन, "बुर्का उनके "धर्म का हिस्सा" है ????"जल्लीकट्टू" में, "जानवरों पर अत्याचार" होता है....लेकिन, "बकरीद" की "कुर्बानी", "इस्लाम की शान"है ????"दही हांडी" एक "खतरनाक खेल" है ....जबकि, इमाम हुसैन: की याद में, "तलवारबाजी" उनके "धर्म का मामला" है ????"शिवजी पर दूध चढाना"... "दूध की बर्बादी" है ....लेकिन मजारों" पर "चादर चढाने से मन्नतें पूरी होती है" ????"हम दो हमारे दो"... हमारा "परिवार नियोजन" है ....लेकिन, उनका- "कीङे-मकौङों" की तरह, "बच्चे पैदा करना अल्लाह की नियामत" है ???"भारत तेरे टुकङे होगें", ये कहना -"अभिव्यक्ति" की "आजादी" है ...और इस बात से "देश" को कोई "खतरा" नही है....और "वंदे मातरम" कहने से, "इस्लाम खतरे" में, आ जाता है ????सैनिकों पर "पत्थर" फैंकने वाले, "भटके हुऐ नौजवान" है .और अपने बचाव में, "एक्शन" लेने वाले "सैनिक" "मानवाधिकारों के दुश्मन" हैं????एक दरगाह पर विस्फोट से "हिन्दु आंतकवाद" शब्द गढ दिया गया और जो "रोजाना" जगह जगह बम फोङतें है, उन "आंतकवादियों" का कोई "धर्म" ही नही है ????.क्या हाल कर दिया है, "दलाल मीडिया" और "सेकुलर जजों" ने, हमारे "देश" का, .......यदि समाज से असमानता दूर करनी होतो समान भाव से देखना चाहिये । यदि आपको ये सही लगता हे तो कृपया इसे आगे पंहुचा दें अन्यथा डिलीट कर दें ।

 जय हिन्द, जय भारत.......