dahej mukt mithila

(एकमात्र संकल्‍प ध्‍यान मे-मिथिला राज्‍य हो संविधान मे) अप्पन गाम घरक ढंग ,अप्पन रहन - सहन के संग,अप्पन गाम-अप्पन बात में अपनेक सब के स्वागत अछि!अपन गाम -अपन घरअप्पन ज्ञान आ अप्पन संस्कारक सँग किछु कहबाक एकटा छोटछिन प्रयास अछि! हरेक मिथिला वाशी ईहा कहैत अछि... छी मैथिल मिथिला करे शंतान, जत्य रही ओ छी मिथिले धाम, याद रखु बस अप्पन गाम - अप्पन बात ,अप्पन मान " जय मैथिल जय मिथिला धाम" "स्वर्ग सं सुन्दर अपन गाम" E-mail: apangaamghar@gmail.com,madankumarthakur@gmail.com mo-9312460150

apani bhasha me dekhe / Translate

गुरुवार, 16 अप्रैल 2020

हर - हर हरियौ हमरो पीर ।। रचनाकार - बद्रीनाथ राय "अमात्य"




 हौ बाबा बयस बसन्तक वितलई खेतिबारी में
 फुटल लोटा थारी में ना...........
 हर - हर हरियौ हमरो पीर
 दुःख सँ बेधल सकल शरीर
 सब दिन रौदी दाही रहलई खेत पथारी में
 माया के फुलवारी में ना
 हर यौ जुरल ने हरदी नोन
 ने भरलई पापी पेटक कोन
 सबटा हमारे लेल छी भरने विपति बखारी में
 काँट भरल फुलवारी में
 घर मे लोटा नञि अछि थारी
 बाबा विपति परल अछि भारी
 बाबा समय कटै छी फाटल धोती सारी में
 खाली तेलक टारी में ना
 हमर अछि फुटल सन तकदीर
 बाबा लिखलौ केहन लकीर
 सब दिन व्यस्ते रहलौं पेटक मारा मारी में ।।

रचनाकार - बद्रीनाथ राय "अमात्य"

1 टिप्पणी:

Jyoti Singh ने कहा…

जय भोलेनाथ नमन ,प्रभु ही हरेंगे पीर सही बात है ,अति उत्तम ,बधाई हो