dahej mukt mithila

(एकमात्र संकल्‍प ध्‍यान मे-मिथिला राज्‍य हो संविधान मे) अप्पन गाम घरक ढंग ,अप्पन रहन - सहन के संग,अप्पन गाम-अप्पन बात में अपनेक सब के स्वागत अछि!अपन गाम -अपन घरअप्पन ज्ञान आ अप्पन संस्कारक सँग किछु कहबाक एकटा छोटछिन प्रयास अछि! हरेक मिथिला वाशी ईहा कहैत अछि... छी मैथिल मिथिला करे शंतान, जत्य रही ओ छी मिथिले धाम, याद रखु बस अप्पन गाम - अप्पन बात ,अप्पन मान " जय मैथिल जय मिथिला धाम" "स्वर्ग सं सुन्दर अपन गाम" E-mail: apangaamghar@gmail.com,madankumarthakur@gmail.com mo-9312460150

AAP SABHI DESH WASHIYO KO SWATANTRAT DIWAS KI HARDIK SHUBH KAMNAE

बुधवार, 1 जुलाई 2020

इन बातों पर विचार कीजिये*


०  मातृनवमी थी तो मदर्स डे क्यों ?
० कौमुदी महोत्सव था तो वेलेंटाइन डे क्यों ?
०  गुरुपूर्णिमा थी तो टीचर्स डे क्यों ?
०  धन्वन्तरि जयन्ती थी तो डाक्टर्स डे क्यों ?
० विश्वकर्मा जयंती थी तो प्रद्यौगिकी दिवस क्यो?
० सन्तान सप्तमी एवं अहोय अष्टमी थी तो चिल्ड्रन्स डे क्यों ?
०  नवरात्रि और कंजिका भोज था तो डॉटर्स डे क्यों ?
० रक्षाबंधन है तो सिस्टर्स डे क्यों?
० भाईदूज है ब्रदर्स डे क्यों?
० आंवला नवमी, तुलसी विवाह मनाने वाले  को एनवायरमेंट डे की क्या आवश्यकता?
०  नारद जयन्ती ब्रह्माण्डीय पत्रकारिता दिवस है।
० पितृपक्ष 7 पीढ़ियों तक के पूर्वजों का पितृपर्व है तो फादर्स डे क्यों,,?
० नवरात्रि को स्त्री के नवरूप दिवस के रूप में स्मरण कीजिये।

० संस्कृति विस्मरण और रूपांतरण के लिए छोटी चीजें, अश्रेष्ठ संस्कृति लायी गयी।
० नव संवत्सर को अप्रैल फूल डे घोषित कर एक जनवरी हैप्पी न्यू ईयर कर दिया गया!
० उन्होंने अपनी नदियों, पहाड़ों, झीलों को बचाया, केवल भारत की नदियों को नष्ट करने के लिए ताकत झोंकी।

० पृथ्वी के सनातन भाव को स्वीकार करे। यदि हम समय रहते नहीं चेते तो वे ही हमें वेद, शास्त्र, संस्कृत भी पढ़ाने आ जाएंगे!

अपनी जड़ों की ओर लौटिए। अपने सनातन मूल की ओर लौटिए, व्रत, पर्व, त्यौहारों को मनाइए अपनी संस्कृति और सभ्यता को जीवंत कीजिये।

जीवन में भारतीय पंचांग जरूर अपनायें जिससे भारतीय पर्व, त्यौहार से लेकर मौसम संबंधित जानकारी एवं ज्ञान सहज रूप से प्राप्त हो सके।

*उत्सव और पर्व सनातन धर्म की शक्ति हैं। सनातन पर्वों को अवश्य मनाईये।*
#जय श्री राम#