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सोमवार, 6 अप्रैल 2020

गीतकार - दिनेश झा "माधव"

मनोजवं मारूत तुल्य वेगं , जितेन्द्रीयं बुद्धिमतां बरिष्ठं ।
 वातात्मजं वानरयुथ मुख्यं ,  श्रीरामदुतं शरणं प्रपद्ये ।।

            ।। हनुमान भजन ।।


    हे शंकर सुवन वीर हनुमान ,
               हरू संकट प्रभु हे दयानिधान।
    हरू संकट प्रभु हे दयानिधान  -- 3
          हे शंकर सुवन वीर .................।।
    अहाँ अंजनी नैनक तारा छी , 
              प्रभु जनकसुता कें दुलारा छी।
    छथि हृदय विराजीत सीताराम , 
                 हरू संकट प्रभु हे दयानिधान ।।
        हे शंकर सुवन वीर .............।।
   हे संकटमोचन पवन कुमार ,
                देखु विपदा में अछि आई संसार ।
    करू दुष्टक नाश हे वीर बलवान ,
                 हरू संकट प्रभु हे दयानिधान ।।
        हे  शंकर सुवन वीर ..............।।
    हम घोर विपत्ति में छी डुबल ,
              अहाँ जाय कतय  प्रभु छी सुतल ।
    छी अतुलितबल कें अहाँ बलधाम ,
                हरू संकट प्रभु हे दयानिधान  ।।
        हे शंकर सुवन वीर ................।।
    हे रघुवर पद प्रभु अनुगामी ,
                  छी शरण अहाँ कें हम स्वामी ।
    करू " माधव " कें प्रभु  भव सँ त्राण ,
                 हरू संकट प्रभु हे दयानिधान ।।
       हे शंकर सुवन वीर ..............।।

    ------   गीतकार दिनेश झा " माधव "
        सझुआर , बेनीपुर , दरभंगा , मिथिला 
                 8369384585

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