dahej mukt mithila

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रविवार, 21 जून 2020

।। पितृ - वन्दना ।। गीतकार दिनेश झा " माधव "



पितृ दिवस कें पावन सुअवसर पर हमहुँ किछु लिखबाक प्रयास कयलौं लिय प्रस्तुत अछि ,,,,,,

             ।। पितृ - वन्दना ।।
                 ***********
   हे पितुवर माफ करब हमरा ,
                 हम अहींकें  सरोवर के जल छी ।
    हम अहींकें सरोवर कें जल छी  -- 2 ,
      हे जीवन दाता  अहीं   बगियन कें ,
                      फुलल फरल सुन्नर फल छी ।।
           हे पितुवर माफ करब ...............।।
      ई जीवन अछि ऋणि अहीं कें ,
                          हम  कोना क  बिसरबै यौ ।
       अँगुरी पकड़िकें सहारा देलौं ,
                         कान्ह कोरा लय खेलेलौं यौ ।
       हे परम पिता अहाँ  मुँह नहि फेरबै ,
                        ई  साज अहींके साजल  छी ।।
           हे पितुवर माफ करब ...........।।
      एक माटिक पुतला कें गढिकें ,
                        इन्सान  अहीँ   बनेलौं यौ ।
      आई जे कियो जानै छै जग में ,
                       पहिचान अहीं सँ  भेलौ यौ ।
       हे जीवन धन के स्वामी पुज्यवर ,
                       चरण कमल में लोटायल छी ।।
          हे पितुवर माफ करब ..............।।
     नहि आखर ग्यान ओतेक हमरा ,
                       हम कोना क वर्णन गान करी ।
      सिर छ्त्र बनि छान्ह देबै हमरा ,
                      हम एतबे  अहाँ सँ माँग करी ।
      " माधव "  रचित  ई  पितु दिवस पर ,
                      पितु - वंदन हम गाओल छी ।।
         हे पितुवर माफ करब .............।।

   -----  गीतकार दिनेश झा " माधव "
       सझुआर , बेनीपुर , दरभंगा , मिथिला

शुक्रवार, 19 जून 2020

।। झूला रास गीत ।। - गीतकार दिनेश झा " माधव "


               ।। झूला रास गीत ।।

मधुवन मधुर मुरलिया बाजे ,  रसिया रास रचाबे ना ।
    हे रसिया रास रचाबे ना हे रसिया रास रचाबे ना ।।
          मधुवन मधुर मुरलिया बाजे .........।।
       कदम्ब डारि  पर ,   कंचन  झुला
          राधा ललिता.   सँग  ब्रजबाला
      झुलत कृष्ण सवरिया ना  ,
                   हे सखिया  बंशी बजैया ना ।
              मधुवन मधुर मुरलिया  बाजे ............।।
        साओन  मास केर , पावन  बेला ।
         वृन्दावन बिच ,  लागल  ई मेला  ।
      नाचत गोप गोपिया ना ,
                     हे सखिया नटवर छलिया ना ।
              मधुवन मधुर मुरलिया बाजे...........।।
        ब्रजमण्डल केर ,  महिमा  भारी ।
         गिरधर  सँग नाचे  भोले भंडारी । 
     रचाओल रास रचैया ना ,
                    हे सखिया मोहन मुररिया ना ।
             मधुवन मधुर मुरलिया बाजे ..........।।
          भाव भक्ति जे , मगन  मन  गाबै ।
          सकल मनोरथ , सिद्धि वो  पाबै ।
    लिखलनि "माधव" कजरिया ना
                     हे सखिया माधव कजरिया ना ।।
             मधुवन  मधुर मुरलिया बाजे .........।।

       -  गीतकार दिनेश झा " माधव "
            सझुआर , बेनीपुर , दरभंगा , मिथिला
                          

शुक्रवार, 5 जून 2020

*FACEMASK के खतरे*

 मास्क का उपयोग सीमित समय के लिए किया जाना चाहिए।  यदि आप इसे लंबे समय तक पहनते हैं:

 1. रक्त में ऑक्सीजन कम हो जाती है।

 2. मस्तिष्क को ऑक्सीजन कम मिलता है।

 3. आप कमजोर महसूस करने लगते हैं।

 4. मृत्यु तक ले जा सकता है।

 *सलाह*

 *a*- जब आप अकेले हों तो इसे हटा दें।  मैंने कार में बहुत से लोगों को अभी भी चेहरा MASK पहने हुए AC के साथ देखता हूं।  अज्ञान या अशिक्षा?

 *B* - इसे घर पर इस्तेमाल न करें।

 *C* - केवल इसका उपयोग भीड़ वाली जगह पर करें और जब एक या अधिक व्यक्तियों के साथ निकट संपर्क में हो।

 *D* -अपने आप को सबसे अधिक बार अलग करते हुए इसका उपयोग कम करें।
E- AC का इस्तेमाल कम से कम करे।

  *सुरक्षित रहें!!!*

 दवाएं जो आइसोलेशन अस्पतालों में ली जाती हैं

  1. विटामिन सी -1000
  2. विटामिन ई (ई)
  3. (10 से 11) घंटे तक, 15-20 मिनट धूप में बैठे।
  4. हम आराम करते हैं / कम से कम 7-8 घंटे सोते हैं
  5. हम रोजाना 2.5 लीटर पानी पीते हैं
  6. सभी भोजन गर्म (ठंडा नहीं) होना चाहिए।
  और यह सब हम अस्पताल में प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए करते हैं

  ध्यान दें कि कोरोनावायरस का पीएच 5.5 से 8.5 तक भिन्न होता है

  इसलिए, वायरस को खत्म करने के लिए हमें बस इतना करना है कि वायरस की अम्लता के स्तर से अधिक क्षारीय खाद्य पदार्थों का सेवन करें।
  जैसे कि :
  हरा नींबू - 9.9 पीएच
  पीला नींबू - 8.2 पीएच
  एवोकैडो - 15.6 पीएच
  * लहसुन - 13.2 पीएच
  * आम - 8.7 पीएच
  * कीनू - 8.5 पीएच
  * अनानास - 12.7 पीएच
  * वॉटरक्रेस - 22.7 पीएच
  * संतरे - 9.2 पीएच

  कैसे पता चलेगा कि आप कोरोना वायरस से संक्रमित हैं?

  1. गला
  2. सूखा गला
  3. सूखी खांसी
  4. उच्च तापमान
  5. सांस की तकलीफ
  6. गंध की कमी…।
  #गर्म पानी के साथ नींबू फेफड़ों तक पहुंचने से पहले वायरस को खत्म कर देता है ...
  इस जानकारी को खुद तक न रखें।  इसे अपने सभी परिवार और दोस्तों को प्रदान करें।

  हम आपके अच्छे स्वास्थ्य और लंबी उम्र की कामना करते है!

   🏥 *आर्मी मेडिकल कॉर्प्स* 🥼🩺

गुरुवार, 4 जून 2020

      !! लंका में डंका बजा दियो !!

 मेंहदी पुर का है बटुआ , बटुआ में बसे है बाला जी
 लंका में डंका बजा दियो , प्यारे अंजनी के लाला जी 
                हनुमंत लला जब जन्म लियो
                अंजनी का आँगन धन्य हुआ ।
                जय - जय  कार  हुआ भू पर
                कुल केसरी का श्री मन्य हुआ ।।
कपि रुद्र एकादस बजरंगी , है तेरा रूप निराला जी
 मेंहदी  पुर का है बटुआ ...............................
                हुए भट्ट महा भट्ट इस भू पर
                इतना ना कोई कमाल किया ।
                कोई राम भक्त ना हुआ एक
                जितना अंजनी का लाल किया ।।
पवन वेग से पवन पुत्र , पिया राम नाम का प्याला जी
  मेंहदी पुर का है बटुआ ...............................

                ज्ञान पुंज  ,  हे  गुण  निधान
                जग में तुम एक हो महाबली ।
                मंगल  मूरति  मारुति  नंदन
                हे जय-जय-जय बजरंगबली ।।
हे शंकर सुवन करूँ वन्दन , स्वर्ण सुमेरू मतबाला जी
  मेंहदी पुर का है बटुआ ...............................
                हे   बज्र  देह   पर्वता   कार
                तुमसे  विनती  है बार - बार ।
                तारा कितनो को कृपा-सिन्धु
                अब मेरी भी सुनलो पुकार ।।
फहरा के धर्म - ध्वज हनुमत , अब रमण का खोलो ताला जी
  मेंहदी पुर का है बटुआ ...............................
           
                                  गीतकार
                         रेवती रमण झा "रमण"





    

       !! हनुमान - आरती !!

 आरती आहाँक उतारि रहल छी
 राम दूत हनुमान यौ ।
 महिमा ऋषि मुनि सदिखन गाबथि
 गाबथि वेद पुरान यौ ।।

 केसरी नंदन काल निकंदन
 टूटल विपति पहाड़ यौ ।
 पतवार सम्हारु,जीवन तारू
 नैया अछि मझधार यौ ।।

 अहिरावण के मारि , बचौलौ -
 राम लखन के प्राण यौ ।। आरती......

 सरसिज लोचन,जग दुख मोचन
 मुर्छित लखन बुटी लयलौ ।
 सुग्रीव उवारल,विभिषण तारल
 धर्मक काज सतत कयलौ ।।

 लंका जारि सिया सुधि लेलौं
 राखल रघुकुल मान यौ ।। आरती.....

 शिव सुत बलकारी , गगन बिहारी
 महिमा कते बखान करू ।
 "रमण" विपति में,अछि कोन गति में
  यौ बजरंगी ध्यान धरु ।।

  जग में कते मनोरथ पूरल
  हमरो किछु अरमान यौ ।। आरती.....

  गीतकार - रेवती रमण झा "रमण"