।। मैथिली श्रीराम - भजन ।।
हे रघुनंदन रविकुल चंदन , पुरूषोत्तम श्रीराम ।
कौशलेश दशरथ कें लाला , सिता के अभिमान ।
सुनु हे अबध बिहारी , हरू हे संकट भारी ।।
हे रघुनंदन ...............।
पतित पावन परमेश्वर , सुनु सियवर राम अहाँ यौ ।
कतेक अधम पापी कें तारलौं , रघुवर राम अहाँ यौ ।
प्रेम पाश बंघन में पड़ी क , केलौं प्रभु कल्याण ।
सुनु हे वीर धनुधारी , हरु हे संकट भारी ।।
हे रघुनंदन ...............।।
पग रज प्रभु महिमा , के नहि जग में जानै ।
गौतम नारी अहिल्या प्रभुजी , जन्म कृतारथ मानै ।
पग पखारत केवट तड़ि गेल , जाने सकल जहान ।
सुनु हे परम सुखारी , हरू हे संकट भारी ।।
हे रघुनंदन ..............।।
ऐंठल बैर सबरी के , प्रभु रूचि सँ भोग लगेलौं ।
अधम गीध जटायु कें स्वामी , मोक्ष के धाम पठेलौं ।
माँगत " माधव " करजोरी प्रभुजी , दियौ अभय वरदान।
सुनु हे संत हितकारी , हरू हे संकट भारी ।।
हे रघुनंदन ...........।।
----- गीतकार दिनेश झा " माधव "
सझुआर , बेनीपुर , दरभंगा , मिथिला
8369384585
हे रघुनंदन रविकुल चंदन , पुरूषोत्तम श्रीराम ।
कौशलेश दशरथ कें लाला , सिता के अभिमान ।
सुनु हे अबध बिहारी , हरू हे संकट भारी ।।
हे रघुनंदन ...............।
पतित पावन परमेश्वर , सुनु सियवर राम अहाँ यौ ।
कतेक अधम पापी कें तारलौं , रघुवर राम अहाँ यौ ।
प्रेम पाश बंघन में पड़ी क , केलौं प्रभु कल्याण ।
सुनु हे वीर धनुधारी , हरु हे संकट भारी ।।
हे रघुनंदन ...............।।
पग रज प्रभु महिमा , के नहि जग में जानै ।
गौतम नारी अहिल्या प्रभुजी , जन्म कृतारथ मानै ।
पग पखारत केवट तड़ि गेल , जाने सकल जहान ।
सुनु हे परम सुखारी , हरू हे संकट भारी ।।
हे रघुनंदन ..............।।
ऐंठल बैर सबरी के , प्रभु रूचि सँ भोग लगेलौं ।
अधम गीध जटायु कें स्वामी , मोक्ष के धाम पठेलौं ।
माँगत " माधव " करजोरी प्रभुजी , दियौ अभय वरदान।
सुनु हे संत हितकारी , हरू हे संकट भारी ।।
हे रघुनंदन ...........।।
----- गीतकार दिनेश झा " माधव "
सझुआर , बेनीपुर , दरभंगा , मिथिला
8369384585
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