dahej mukt mithila

(एकमात्र संकल्‍प ध्‍यान मे-मिथिला राज्‍य हो संविधान मे) अप्पन गाम घरक ढंग ,अप्पन रहन - सहन के संग,अप्पन गाम-अप्पन बात में अपनेक सब के स्वागत अछि!अपन गाम -अपन घरअप्पन ज्ञान आ अप्पन संस्कारक सँग किछु कहबाक एकटा छोटछिन प्रयास अछि! हरेक मिथिला वाशी ईहा कहैत अछि... छी मैथिल मिथिला करे शंतान, जत्य रही ओ छी मिथिले धाम, याद रखु बस अप्पन गाम - अप्पन बात ,अप्पन मान " जय मैथिल जय मिथिला धाम" "स्वर्ग सं सुन्दर अपन गाम" E-mail: apangaamghar@gmail.com,madankumarthakur@gmail.com mo-9312460150

AAP SABHI DESH WASHIYO KO SWATANTRAT DIWAS KI HARDIK SHUBH KAMNAE

शुक्रवार, 31 दिसंबर 2021

मेरी उम्र क्या है ? Meri Age kya hia in hindi . Kaise Nikale ?

        यदी आप कोई सरकारी फॉर्म भरते है या फिर कोई LIC फॉर्म या कोई कोई बैंक अकाउंट खोलते है तो आपको आपने उम्र भरना परता है ।  आपको आपने उम्र निकलना परता है की आज की दिन में आपका उम्र कितना है ।  आज इस आर्टिकल में हम बात करेंगे की आपने उम्र कैसे निकले और मेरी उम्र क्या है बॉक्स में कितना age लिखना है। 
     बहुत सरे फॉर्म में आगे किसी तरीक के हिसाब से आपको उम्र लिखना होता है जैसे ३१. ०१. २०२२ के हिसाब से आपका उम्र कितना है । 
खास करके यदि आप एग्जाम का तैयारी कर रहे है तो आपको ये मेथड जान लेना बहुत जरुरी है । क्योकि बहुत सरे इसम के उम्र निकले का सवाल पूछा जाता है।  ये तरीका जानने के बाद आपको अपनी उम्र निकलने में कभी कोई दिकत नहीं होगा ।  ये तरीका बहुत ही आसान है और बहुत ही काम समय में अपनी उम्र निकल सकते है ।  तो चलिए शुरू करते है । 
      इस method को जानने के बाद आपको अपनी उम्र जानने के लिए कभी भी गुगल (GOOGLE ) करने की जरूरत नहीं पड़ेगी. 

मेरी उम्र क्या है पता करने का तरीका | How to calculate Age in Hindi 

     उम्र निकलने का ये तरीका बहुत ही आसान है । बस आपको घटना आना चाहिए ।  आपको समझने के लिए हम तीन अलग अलग तरीक को example के साथ समझने की कोशिश करुगा । तो चलिए पहला उदहारण से शुरू करता हु । 

१) आपको जिस तरीक पे आपने उम्र निकलना है उस तरीक को लिखिए ।  तरीक लिखने का तरीका , पहले दिन फिर महीना और अंत में साल लिखना है जैसे  31 . 12 . 2021 . इसके ठीक निचे आप अपना जन्म की तरीक लिखे ऊपर वाले तरीका से ही जैसे 02 . 06 . 1988 ।  बस अब आपको आजके तरीक से आपने जन्म की तरीक को घटाना है | बस ध्यान ये रखना है की पहले दिन को धटाना है उसके बाद महीना को घटाना है और सब से अंत में साल को घटाना है।  
 

2 ) मान लो की आज का तरीक आपके जन्म दिन से छोटा है जैसे आपका जन्म दिन 8 है और आज का तरीक 5 है ।  तब आपको बगल के महीने वाले कॉलम से 1 महीना (30 दिन के रूप में )हासील लेना होगा ।  तो हमरे case में १ महीना हासील ले कर आजके तरीक में जोर देते है तो 5 +30 = 35 हो गया , इसमें से अब आपने जन्म दिन ८ को घटाना है  (35 -8 =27 ) . हमने महीने में से एक हासील लिया था तो एक कम  करके उसको जन्म महीना से घटाना है (7 -3 = 4 ). साल की गणना (2020-1991 =29 वर्ष) होगी। नीचे का फोटो देखे ज्यादा समझा आएगी. 

3 ) अब मान लो की जन्म महीन आज के महीना से छोटा हो तो क्या करे ? अब हमे अगले साल वाले कॉलम से एक साल (12 महीना के रूप में ) हासील लेना है. मान लो की 5 महीना में आपको उम्र निकलना है और आपका जन्म महीना 11 है तो हमे साल वाले कॉलम से एक हासील लेना है और आज वाले महीना में 12 जोर देना है (5 +12 =17 ) अब आपने को17  में से  11 को घटना है (17-11 = 6 महीना ).  क्योकि हमने साल में से एक हासील लिया था तो साल में से एक कम हो जायेगा (2018-1=2017) और साल की गणना होगा (2017-1980= 37 वर्ष). 

      तो ये थी आज की तरीक में अपनी उम्र निकलने का आसान सा  तरीका (meri umra kya hai). मुझे उम्मीद है की आपको ये तारिक अच्छे  से समझा आ गया होगा।  यदि आपको आपने आगे निकलने में कोई समस्या महो रही हिअ तो हमे comment करे।  

      यदि आपको हमरा ये post अच्छा लगा हो तो आपने दोस्तों के साथ शेयर करे और हमरे वेबसाइट को आगे बढ़ने में मदत करे।  हम और भी ऐसे पोस्ट लेते रहेंगे आप लोगो के लिए. 

गुरुवार, 23 दिसंबर 2021

25 दिसम्बर 2021 को तुलसी पूजन दिवस है



25 दिसम्बर 2021 को तुलसी पूजन दिवस है ।*  तुलसी पूजन विधि 25th December 
         

सुबह अपने नैतिक कार्यों से निवृत होकर मां तुलसी की पूजा करनी चाहिए। पहले कुमकुम से उनका टीका करना चाहिए और उसके बाद उनकी आरती करके जल चढ़ाना चाहिए। जल चढ़ाते वक्त आपको निम्नलिखित मंत्र पढ़ने चाहिए।

महाप्रसादजननी सर्व सौभाग्यवर्धिनी।

आधि व्याधि हरा नित्यं तुलसी त्वं नमोस्तुते।।

इसके बाद आप तुलसी की परिक्रमा कीजिए, आप अपनी सुविधानुसार 7, 11, 21 या 111 परिक्रमा कर सकते हैं और उसके बाद मां तुलसी का ध्यान कीजिए। इसके बाद तुलसी के पत्ते डालकर प्रसाद वितरित करें। तुलसी पूजा सुबह ही नहीं आप आज कभी भी कर सकते हैं।

तुलसी के आठ नाम

वृंदा, वृंदावनी, विश्वपावनी, विश्वपूजिता, पुष्पसारा, नंदिनी, तुलसी और कृष्णजीवनी - ये तुलसी देवी के आठ नाम हैं। कहते हैं कि जो पुरुष तुलसी की पूजा करके इस नामाष्टक का पाठ करता है, उसे अश्वमेध यज्ञ का फल प्राप्त होता है।

 🌿 *· तुलसी के निकट जिस मंत्र-स्तोत्र आदि का जप-पाठ किया जाता है, वह सब अनंत गुना फल देनेवाला होता है |* 

🌿 *· प्रेत, पिशाच, ब्रह्मराक्षस, भूत, दैत्य आदि सब तुलसी के पौधे से दूर भागते है |*

🌿 *· ब्रह्महत्या आदि ताप तथा पाप और बुरे विचार से उत्पन्न होनेवाले रोग तुलसी के सामीप्य एवं सेवन से नष्ट हो जाते हैं |*

🌿 *तुलसी का पूजन, रोपण व धारण पाप को जलाता है और स्वर्ग एवं मोक्ष प्रदायक है |*

🌿 *· श्राद्ध और यज्ञ आदि कार्यों में तुलसी का एक पत्ता भी महान पुण्य देनेवाला है |*

🌿 *· जो चोटी में तुलसी स्थापित करके प्राणों का परित्याग करता है, वह पापराशि से मुक्त हो जाता है |*

🌿  *तुलसी के नाम-उच्चारण से मनुष्य के पाप नष्ट हो जाते हैं तथा अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है |*

🌿 *· तुलसी ग्रहण करके मनुष्य पातकों से मुक्त हो जाता है |*

🌿 *· तुलसी पत्ते से टपकता हुआ जल जो अपने सिर पर धारण करता है, उसे गंगास्नान और १० गोदान का फल प्राप्त होता hai ,

 *घर में सुख-शांति के लिए* 

🌿 *घर में सुख-शांति, कामधंधे में स्थिति चाहिये तो पर्वों के दिनों में तुलसी के १०८ परिक्रमा करें  |

                      *तुलसी मंत्र* 

🌿 *तुलसी माता पर जल चढ़ाते हुए इस मंत्र को बोलें*

*महाप्रसाद जननी सर्वसौभाग्यवर्धिनी*

*आधि व्याधि जरा मुक्तं तुलसी त्वाम् नमोस्तुते*

*इस मंत्र का अर्थ है*

🌿 *हे भक्ति का प्रसाद देने वाली माँ! सौभाग्य बढ़ाने वाली, मन के दुःख, और शरीर के रोग दूर करने वाली तुलसी माता को हम प्रणाम करते है 

25 दिसम्बर 2021 को तुलसी पूजन दिवस है ।*  तुलसी पूजन विधि 25th December 
         

सुबह अपने नैतिक कार्यों से निवृत होकर मां तुलसी की पूजा करनी चाहिए। पहले कुमकुम से उनका टीका करना चाहिए और उसके बाद उनकी आरती करके जल चढ़ाना चाहिए। जल चढ़ाते वक्त आपको निम्नलिखित मंत्र पढ़ने चाहिए।

महाप्रसादजननी सर्व सौभाग्यवर्धिनी।

आधि व्याधि हरा नित्यं तुलसी त्वं नमोस्तुते।।

इसके बाद आप तुलसी की परिक्रमा कीजिए, आप अपनी सुविधानुसार 7, 11, 21 या 111 परिक्रमा कर सकते हैं और उसके बाद मां तुलसी का ध्यान कीजिए। इसके बाद तुलसी के पत्ते डालकर प्रसाद वितरित करें। तुलसी पूजा सुबह ही नहीं आप आज कभी भी कर सकते हैं।

तुलसी के आठ नाम

वृंदा, वृंदावनी, विश्वपावनी, विश्वपूजिता, पुष्पसारा, नंदिनी, तुलसी और कृष्णजीवनी - ये तुलसी देवी के आठ नाम हैं। कहते हैं कि जो पुरुष तुलसी की पूजा करके इस नामाष्टक का पाठ करता है, उसे अश्वमेध यज्ञ का फल प्राप्त होता है।

 🌿 *· तुलसी के निकट जिस मंत्र-स्तोत्र आदि का जप-पाठ किया जाता है, वह सब अनंत गुना फल देनेवाला होता है |* 

🌿 *· प्रेत, पिशाच, ब्रह्मराक्षस, भूत, दैत्य आदि सब तुलसी के पौधे से दूर भागते है |*

🌿 *· ब्रह्महत्या आदि ताप तथा पाप और बुरे विचार से उत्पन्न होनेवाले रोग तुलसी के सामीप्य एवं सेवन से नष्ट हो जाते हैं |*

🌿 *तुलसी का पूजन, रोपण व धारण पाप को जलाता है और स्वर्ग एवं मोक्ष प्रदायक है |*

🌿 *· श्राद्ध और यज्ञ आदि कार्यों में तुलसी का एक पत्ता भी महान पुण्य देनेवाला है |*

🌿 *· जो चोटी में तुलसी स्थापित करके प्राणों का परित्याग करता है, वह पापराशि से मुक्त हो जाता है |*

🌿  *तुलसी के नाम-उच्चारण से मनुष्य के पाप नष्ट हो जाते हैं तथा अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है |*

🌿 *· तुलसी ग्रहण करके मनुष्य पातकों से मुक्त हो जाता है |*

🌿 *· तुलसी पत्ते से टपकता हुआ जल जो अपने सिर पर धारण करता है, उसे गंगास्नान और १० गोदान का फल प्राप्त होता hai ,

 *घर में सुख-शांति के लिए* 

🌿 *घर में सुख-शांति, कामधंधे में स्थिति चाहिये तो पर्वों के दिनों में तुलसी के १०८ परिक्रमा करें  |

                      *तुलसी मंत्र* 

🌿 *तुलसी माता पर जल चढ़ाते हुए इस मंत्र को बोलें*

*महाप्रसाद जननी सर्वसौभाग्यवर्धिनी*

*आधि व्याधि जरा मुक्तं तुलसी त्वाम् नमोस्तुते*

*इस मंत्र का अर्थ है*

🌿 *हे भक्ति का प्रसाद देने वाली माँ! सौभाग्य बढ़ाने वाली, मन के दुःख, और शरीर के रोग दूर करने वाली तुलसी माता को हम प्रणाम करते है 

सोमवार, 20 दिसंबर 2021

बथुआ साग नहीं एक औषधि है !

 बथुआ के गुणकारी लाभ-



सागों का सरदार है बथुआ, सबसे अच्छा आहार है बथुआ !

बथुआको अंग्रेजी में Lamb's Quarters कहते हैं  !

इसका वैज्ञानिक नाम Chenopodium album है  !

साग और रायता बना कर बथुआ अनादि काल से खाया जाता रहा है ! लेकिन क्या आपको पता है कि विश्व की सबसे पुरानी महल बनाने की पुस्तक शिल्प शास्त्र में लिखा है कि हमारे बुजुर्ग अपने घरों को हरा रंग करने के लिए पलस्तर में बथुआ मिलाते थे !

हमारी बुजुर्ग महिलायें सिर से ढेरे व फाँस (डैंड्रफ) साफ करने के लिए बथुए के पानी से बाल धोया करती थीं !

बथुआ गुणों की खान है और भारत में ऐसी ऐसी जड़ी बूटियां हैं तभी तो हमारा भारत महान है !

बथुए में क्या-क्या है ? मतलब कौन-कौन से विटामिन और मिनरल्स हैं ?

तो सुनें, बथुए में क्या नहीं है !

बथुआ विटामिन B1, B2, B3, B5, B6, B9 और C से भरपूर है तथा बथुए में कैल्शियम, लोहा , मैग्नीशियम, मैगनीज, फास्फोरस , पोटाशियम, सोडियम व जिंक आदि मिनरल्स हैं !

100 ग्राम कच्चे बथुवे यानि पत्तों में 7.3 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 4.2 ग्राम प्रोटीन व 4 ग्राम पोषक रेशे होते हैं ! कुल मिलाकर 43 Kcal होती है !

जब बथुआ मट्ठा, लस्सी या दही में मिला दिया जाता है तो यह किसी भी मांसाहार से ज्यादा प्रोटीन वाला व किसी भी अन्य खाद्य पदार्थ से ज्यादा सुपाच्य व पौष्टिक आहार बन जाता है ! साथ में बाजरे या मक्का की रोटी, मक्खन व गुड़ की डली हो तो इसे खाने के लिए देवता भी तरसते हैं !

जब हम बीमार होते हैं तो आजकल डाक्टर सबसे पहले विटामिन की गोली खाने की सलाह देते हैं ! गर्भवती महिला को खासतौर पर विटामिन बी, सी व आयरन की गोली बताई जाती है ! बथुए में वो सब कुछ है ! कहने का मतलब है कि बथुआ पहलवानों से लेकर गर्भवती महिलाओं तक , बच्चों से लेकर बूढों तक, सबके लिए अमृत समान है !

यह साग प्रतिदिन खाने से गुर्दों में पथरी नहीं होती ! बथुआ आमाशय को बलवान बनाता है, गर्मी से बढ़े हुए यकृत को ठीक करता है ! बथुए के साग का सही मात्रा में सेवन किया जाए तो निरोग रहने के लिए सबसे उत्तम औषधि है !

बथुए का सेवन कम से कम मसाले डालकर करें ! नमक न मिलाएँ तो अच्छा है , यदि स्वाद के लिए मिलाना पड़े तो काला नमक मिलाएँ और देशी गाय के घी से छौंक लगाएँ ! बथुए का उबला हुआ पानी अच्छा लगता है ! तथा दही में बनाया हुआ रायता स्वादिष्ट होता है !

किसी भी तरह बथुआ नित्य सेवन करें !

बथुए में जिंक होता है जो कि शुक्राणु वर्धक होता है ! मतलब किसी  को जिस्मानी  कमजोरी हो तो उसको भी दूर कर देता है बथुआ ! बथुआ कब्ज दूर करता है और अगर पेट साफ रहेगा तो कोई भी बीमारी शरीर में लगेगी ही नहीं, ताकत और स्फूर्ति बनी रहेगी ! कहने का मतलब है कि जब तक इस मौसम में बथुये का साग मिलता रहे नित्य इसकी सब्जी खाएँ !

बथुये का रस, उबाला हुआ पानी पियें तो यह खराब लीवर को भी ठीक कर देता है ! पथरी हो तो एक गिलास कच्चे बथुए के रस में शक्कर मिलाकर नित्य पिएँ तो पथरी टूटकर बाहर निकल आएगी ! मासिक धर्म रुका हुआ हो तो दो चम्मच बथुए के बीज एक गिलास पानी में उबालें , आधा रहने पर छानकर पी जाएँ , मासिक धर्म खुलकर आएगा ! आँखों में सूजन, लाली हो तो प्रतिदिन बथुए की सब्जी खाएँ ! पेशाब के रोगी बथुआ आधा किलो, पानी तीन गिलास, दोनों को उबालें और फिर पानी छान लें ! बथुए को निचोड़कर पानी निकाल कर यह भी छाने हुए पानी में मिला लें ! स्वाद के लिए नींबू , जीरा, जरा सी काली मिर्च और काला नमक डाल लें और पी जाएँ !

आप ने अपने दादा-दादी से ये कहते जरूर सुना होगा कि हमने तो सारी उम्र अंग्रेजी दवा की एक गोली भी नहीं ली उनके स्वास्थ्य व ताकत का राज यही बथुआ ही है ! मकान को रंगने से लेकर खाने व दवाई तक बथुआ काम आता है ! हाँ अगर सिर के बाल धोते हैं, क्या करेंगे शेम्पू इसके आगे !

लेकिन अफसोस !

हम ये बातें भूलते जा रहे हैं और इस दिव्य पौधे को नष्ट करने के लिए अपने-अपने खेतों में रासायनिक जहर डालते हैं ! तथाकथित कृषि वैज्ञानिकों (अंग्रेज व काले अंग्रेज) ने बथुए को भी कोंधरा, चौलाई, सांठी, भाँखड़ी आदि सैकड़ों आयुर्वेदिक औषधियों को खरपतवार की श्रेणी में डाल दिया है और हम भारतीय चूँ भी न कर पाये !

गुरुवार, 16 दिसंबर 2021

विजय दिवस (प्रहार महायज्ञ)



विजय दिवस *16 दिसम्बर को 1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर भारत की जीत के कारण मनाया जाता है।*

 *इस युद्ध के अंत के बाद 93,000 सशस्त्र पाकिस्तानी सेना ने आत्मसमर्पण कर दिया था। साल 1971 के युद्ध में भारत ने पाकिस्तान को करारी परास्त किया, जिसके बाद पूर्वी पाकिस्तान स्वतंत्र हो गया, जो आज बांग्लादेश के नाम से जाना जाता है।* यह युद्ध भारत के लिए ऐतिहासिक और हर देशवासी के हृदय में उमंग पैदा करने वाला साबित हुआ।

देश भर में 16 दिसम्बर को विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। 

वर्ष 1971 के युद्ध में करीब 3,900 भारतीय सैनिक वीरगति को प्राप्त हो गए थे, जबकि 9,851 घायल हो गए थे। पूर्वी पाकिस्तान में पाकिस्तानी बलों के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एएके नियाजी ने भारत के पूर्वी सैन्य कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया था, जिसके बाद 17 दिसंबर को 93,000 पाकिस्तानी सशस्त्र सैनिकों को युद्धबंदी बनाया गया।

युद्ध की पृष्‍ठभूमि साल 1971 की शुरुआत से ही बनने लगी थी। पाकिस्तान के सैनिक तानाशाह याहिया ख़ां ने 25 मार्च 1971 को पूर्वी पाकिस्तान की जन भावनाओं को सैनिक ताकत से कुचलने का आदेश दे दिया। इसके बाद शेख़ मुजीब को गिरफ़्तार कर लिया गया। तब वहां से कई शरणार्थी लगातार भारत आने लगे।

जब भारत में पाकिस्तानी सेना के दुर्व्यवहार की खबरें आईं, तब भारत पर यह दबाव पड़ने लगा कि वह वहाँ पर सेना के जरिए हस्तक्षेप करे। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी चाहती थीं कि अप्रैल में आक्रमण किया जाए। इस बारे में इंदिरा गांधी ने थल सेनाध्‍यक्ष जनरल मानेकशॉ की राय ली।

तब भारत के पास सिर्फ़ एक पर्वतीय डिवीजन था। इस डिवीजन के पास पुल बनाने की क्षमता नहीं थी। तब मानसून भी दस्तक देने ही वाला था। ऐसे समय में पूर्वी पाकिस्तान में प्रवेश करना मुसीबत मोल लेने जैसा था। मानेकशॉ ने सियासी दबाव में झुके बिना प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से स्पष्ट कह दिया कि वे पूरी तैयारी के साथ ही युद्ध के मैदान में उतरना चाहते हैं।

3 दिसंबर, 1971 को इंदिरा गांधी तत्कालीन कलकत्ता में एक जनसभा को संबोधित कर रही थीं। इसी दिन शाम के वक्‍त पाकिस्तानी वायुसेना के विमानों ने भारतीय वायुसीमा को पार करके पठानकोट, श्रीनगर, अमृतसर, जोधपुर, आगरा आदि सैनिक हवाई अड्डों पर बम गिराना शुरू कर दिया  उसी वक्‍त दिल्ली लौटकर मंत्रिमंडल की आपात बैठक बुलाई गई ।

युद्ध शुरू होने के बाद पूर्व में तेज़ी से आगे बढ़ते हुए भारतीय सेना ने जेसोर और खुलना पर कब्ज़ा कर लिया। भारतीय सेना की रणनीति थी कि अहम ठिकानों को छोड़ते हुए पहले आगे बढ़ा जाए। युद्ध में मानेकशॉ खुलना और चटगांव पर ही कब्ज़ा करने पर ज़ोर देते रहे। ढाका पर कब्ज़ा करने का लक्ष्य भारतीय सेना के सामने रखा ही नहीं गया।

14 दिसंबर को भारतीय सेना ने एक गुप्त संदेश को पकड़ा कि दोपहर ग्यारह बजे ढाका के गवर्नमेंट हाउस में एक महत्वपूर्ण बैठक होने वाली है, जिसमें पाकिस्तानी प्रशासन बड़े अधिकारी भाग लेने वाले हैं। भारतीय सेना ने तय किया कि इसी समय उस भवन पर बम गिराए जाएं। बैठक के दौरान ही मिग 21 विमानों ने भवन पर बम गिरा कर मुख्य हॉल की छत उड़ा दी। गवर्नर मलिक ने लगभग कांपते हाथों से अपना इस्तीफ़ा लिखा।

16 दिसंबर की सुबह जनरल जैकब को मानेकशॉ का संदेश मिला कि आत्मसमर्पण की तैयारी के लिए तुरंत ढाका पहुंचें। जैकब की हालत बिगड़ रही थी। नियाज़ी के पास ढाका में 26,400 सैनिक थे, जबकि भारत के पास सिर्फ़ 3,000 सैनिक और वे भी ढाका से 30 किलोमीटर दूर।

भारतीय सेना ने युद्ध पर पूरी तरह से अपनी पकड़ बना ली। अरोड़ा अपने दलबल समेत एक दो घंटे में ढाका लैंड करने वाले थे और युद्ध विराम भी जल्द समाप्त होने वाला था। जैकब के हाथ में कुछ भी नहीं था। जैकब जब नियाज़ी के कमरे में घुसे तो वहां सन्नाटा छाया हुआ था। आत्म-समर्पण का दस्तावेज़ मेज़ पर रखा हुआ था।

शाम के साढ़े चार बजे जनरल अरोड़ा हेलिकॉप्टर से ढाका हवाई अड्डे पर उतरे। अरोडा़ और नियाज़ी एक मेज़ के सामने बैठे और दोनों ने आत्म-समर्पण के दस्तवेज़ पर हस्ताक्षर किए। नियाज़ी ने अपने बिल्ले उतारे और अपना रिवॉल्वर जनरल अरोड़ा के हवाले कर दिया। नियाज़ी की आंखों में एक बार फिर आंसू आ गए।

अंधेरा घिरने के बाद स्‍थानीय लोग नियाज़ी की हत्‍या पर उतारू नजर आ रहे थे। भारतीय सेना के वरिष्ठ अफसरों ने नियाज़ी के चारों तरफ़ एक सुरक्षित घेरा बना दिया। बाद में नियाजी को बाहर निकाला गया।

 जनरल मानेक शॉ ने देश को बांग्लादेश में मिली शानदार जीत की ख़बर दी।

इस ऐतिहासिक जीत को खुशी आज भी हर देशवासी के मन को उमंग से भर देती है।

मंगलवार, 14 दिसंबर 2021

इस्लाम धर्म छोड़ने वाले अली अकबर कौन हैं ? अली अकबर क्यों बने रामसिम्हन

 इस्लाम धर्म छोड़ने वाले अली अकबर कौन हैं ? अली अकबर क्यों बने रामसिम्हन ? 

- अली अकबर केरल की मलयाली भाषा की फिल्मों के निर्देशक हैं 

-अली अकबर ने अपने फेसबुक से एक वीडियो अपलोड किया था जिसमें सीडीएस जनरल बिपिन रावत को श्रद्धांजलि दी गई थी

-लेकिन अली अकबर के उसी फेसबुक पोस्ट पर बहुत सारे मुसलमानों ने आकर लाफिंग इमोजी (हंसने वाला चेहरा) का बटन दबाया... यानी इन मुसलमानों ने अली अकबर और जनरल रावत का मजाक उड़ाया 

-इस वजह से अली अकबर काफी निराश हुए... उनकी भावनाएं आहत हुईं और उन्होंने इस्लाम धर्म छोड़ने का ऐलान कर दिया

-अली अकबर ने इसके बाद दोबारा फेसबुक पर लाइव किया और लाइव में आकर कहा कि वो इस्लाम का परित्याग कर रहे हैं 

-फेसबुक लाइव में अली अकबर ने कहा कि इस बात को कभी स्वीकार नहीं किया जा सकता है जिस जनरल ने देश के लिए अपना खून बहाया हो उसकी मौत पर मुसलमान मजाक उड़ाएं इसलिए मैं इस्लाम धर्म छोड़ रहा हूं 

- फिल्म निर्देशक अली अकबर (अब राम सिम्हन) ने कहा कि इस्लाम के सबसे ऊंचे धर्मगुरुओं और नेताओं ने भी जनरल रावत का अपमान करने वाले मुसलमानों का विरोध नहीं किया है इसलिए अब इस्लाम धर्म से उनका विश्वास उठ गया है ।

-आगे अली अकबर ने कहा कि आज मैं जन्म से मिले एक कपड़े (इस्लाम) को फेंक रहा हूं। आज से मैं मुसलमान नहीं हूं। मैं सिर्फ भारत का नागरिक हूं। मेरा ये फैसला उन लोगों को जवाब है, जिन्होंने भारत के महान जनरल के खिलाफ इमोजी पोस्ट किए थे ।

- अली अकबर का वो वीडियो जिसमें इस्लाम धर्म छोड़ने का ऐलान था... फेसबुक के द्वारा डिलीट कर दिया गया और अली अकबर का फेसबुक पेज भी सस्पेंड कर दिया गया है 

- टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में अली अकबर ने कहा कि बिपिन रावत की मौत की खबर पर हंसने वाले अधिकतर लोग मुस्लिम थे। मुसलमान इसलिए हंस रहे थे क्योंकि रावत ने पाकिस्तान और साथ ही कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ कड़े कदम उठाए थे। मैं ऐसे इस्लामी मजहब के साथ नहीं जुड़ा रह सकता हूं जो देश के खिलाफ हो ।

-अली अकबर की पत्नी लुसी अम्मा ने भी इस्लाम छोड़ दिया है

-गुजरात, कर्नाटक और यूपी की पुलिस ने सोशल मीडिया पर जनरल रावत का मजाक उड़ाने वालों को चिह्नित कर उन्हें कठोर दंड देने का फैसला किया है... अब हम सभी लोगों का ये कर्त्वय है कि हम जनरल रावत का मजाक उड़ाने वालों की शिकायत ट्विटर और दूसरे माध्यमों से... थानों पर भी जाकर करें । यही सीडीएस बिपिन रावत को सच्ची श्रद्धांजलि होगी

जनरल बिपिन रावत की वीरगति पर मुसलमान ठहाके क्यों लगा रहे हैं ? 

- सच हमारे सामने ही होता है लेकिन हम बार बार उससे आंखें चुरा लेते हैं । ये बात किसी महान लेखक ने नहीं लिखी है लेकिन बात एकदम सत्य है ।

-हम हिंदू हैं और हमारी आंखों के सामने से भी एक सच गुजर रहा है... वो सच ये है कि जब पाकिस्तान की जीत होती है पूरे भारत में मुसलमान पटाखे जलाकर जश्न मनाते हैं । जब रोहित सरदाना की कोरोना से मृत्यु होती है तब मुसलमान ठहाके लगाते हैं और अब जब जनरल बिपिन रावत वीरगति को प्राप्त हुए हैं तब भी मुसलमान ठहाके लगा रहे हैं

-इन ठहाकों को आप ट्विटर और फेसबुक के कमेंट्स में और इमोजी में देख सकते हैं... दरअसल जब भी कोई व्यक्ति ट्विटर या फेसबुक पर कोई पोस्ट करता है तब उस पोस्ट पर रिएक्शन देने के लिए विकल्प आते हैं उसमें दुख वाला चेहरा भी होता है और हंसने वाला चेहरा भी होता है लेकिन मुसमलानों ने उस पर लाफिंग इमोजी यानी हंसने और ठहाके लगाने वाला चेहरा लगाया

-इस्लाम छोड़कर हिंदू धर्म अपना चुके स्वामी जितेंद्र नारायण त्यागी (वसीम रिजवी, पुराना नाम) बार बार यूट्यूब प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से ये कह रहे हैं कि भारत का मुसलमान एक मौका तलाश रहा है कि एक ना एक दिन भारत पर कब्जा कर लेना है और फिर इस्लाम की हुकूमत लाना है इस शरिया हुकूमत में वो इस्लामिक स्टेट के आतंकियों की तरह हिंदू औरतों की नीलामी कर सकेंगे... काफिर औरतों से जबरिया हमबिस्तरी कर सकेंगे और बच्चों को गिलम (लौंडा) बनाकर उनका शोषण (नवाबी शौक) कर सकेंगे... कुरान में वर्णित अल्लाह के हुक्म के मुताबिक काफिरों से नफरत करना मुसलमान अपना फर्ज मानता है और यही बात एक बार फिर साबित हुई है जब जनरल रावत की मौत पर मुसलमानों ने लाफिंग इमोजी बनाई है 

-आप अगर फेसबुक और ट्विटर को गौर से देखेंगे तो आपको ये पता चलेगा कि मुसलमान दुआएं मांग रहे हैं कि अब जल्द ही अल्लाह का अजाब अजित डोवाल पर भी टूटे.... ये भी हो सकता है कि ये पाकिस्तानी ट्विटर हैंडल हो लेकिन भारत में भी ट्विटर हैंडल्स से इस तरह के आपत्तिजनक ट्वीट किए जा रहे हैं

-मैं राजस्थान पुलिस को बधाई देना चाहता हूं कि उन्होंने जनरल रावत पर अपमान जनक टिप्पणी करने वाले टोंक के जव्वाद खान को गिरफ्तार कर लिया है । इसके साथ ही गुजरात की पुलिस ने भी अहमदाबाद के एक समाजवादी पार्टी के समर्थक को अरेस्ट कर लिया है 

-मेरा सभी पुलिस थानों से और स्थानीय नागरिकों से ये निवेदन है कि जिन लोगों ने जनरल रावत की मृत्यु पर लाफिंग इमोजी बनाई है उनके खिलाफ भावनाएं आहत करने का केस दर्ज करवाएं और इन सबको गिरफ्तार करवाएं... पुलिस अधिकारी भी स्वत: संज्ञान लेकर कार्रवाई करें

-मुझे बार बार पाकिस्तान के आतंकवादी सरगना हाफिज सईद का वो भाषण याद आ जाता है जिसमें वो कहता है इंशाल्लाह दिल्ली दुल्हन बनेगी... हम दिल्ली में आएंगे... दरअसल ये मुसलमान जो इस तरह से जनरल रावत की मौत का जश्न मना रहे हैं इन्हीं लोगों की मदद से हाफिज सईद जैसे देश के दुश्मन भारत को अपनी तलवारों के नीचे लाना चाहते हैं

-आखिर में हिंदुओं से निवेदन है... फिर वही बात रिपीट करता हूं...  सच हमारे सामने ही होता है लेकिन हम बार बार उससे आंखें चुरा लेते हैं । ये बात किसी महान लेखक ने नहीं लिखी है लेकिन बात एकदम सत्य है । और मैं आप सभी भाइयों से ये अपील करता हूं कि सच पर संज्ञान लें... 

धन्यवाद

गुरुवार, 9 दिसंबर 2021

जिवन संगिनी - धर्म पत्नी की विदाई

   *कृपया बिना रोए पढ़ें।  यह मेसेज मेरे दिल को छू गया है*

जिवन संगिनी - धर्म पत्नी की विदाई 


अगर पत्नी है तो दुनिया में सब कुछ है।  राजा की तरह जीने और आज दुनिया में अपना सिर ऊंचा रखने के लिए अपनी पत्नी का शुक्रिया।  आपकी सुविधा असुविधा आपके बिना कारण के क्रोध को संभालती है।  तुम्हारे सुख से सुखी है और तुम्हारे दुःख से दुःखी है।  आप रविवार को देर से बिस्तर पर रहते हैं लेकिन इसका कोई रविवार या त्योहार नहीं होता है।  चाय लाओ, पानी लाओ, खाना लाओ।  ये ऐसा है और वो ऐसा है।  कब अक्कल आएगी तुम्हे? ऐसे ताने मारते हो।  उसके पास बुद्धि है और केवल उसी के कारण तो आप जीवित है।  वरना दुनिया में आपको कोई भी  नहीं पूछेगा।  अब जरा इस स्थिति की सिर्फ कल्पना करें:

एक दिन *पत्नी* अचानक  रात को गुजर जाती है !

घर में रोने की आवाज आ रही है।  पत्नी का *अंतिम दर्शन* चल रहा था।

उस वक्त पत्नी की आत्मा जाते जाते जो कह रही है उसका वर्णन:

में अभी जा रही हूँ अब फिर कभी नहीं मिलेंगे

तो मैं जा रही हूँ।

जिस दिन शादी के फेरे लिए थे उस वक्त साथ साथ जियेंगे ऐसा वचन दिया था पर इस   अचानक अकेले जाना पड़ेगा ये मुज को पता नहीं था।

मुझे जाने दो।

अपने आंगन में अपना शरीर छोड़ कर जा रही हूँ।  

बहुत दर्द हो रहा है मुझे।

लेकिन मैं मजबूर हूँ अब मैं जा रही हूँ। मेरा मन नही मान रहा पर अब में कुछ नहीं कर सकती।

मुझे जाने दो

बेटा और बहु रो रहे है देखो। 

मैं ऐसा नहीं देख सकती और उनको दिलासा भी नही दे सकती हूँ। पोता  बा  बा बा कर रहा है उसे शांत करो, बिल्कुल ध्यान नही दे रहे है।  हाँ और आप भी मन मजबूत रखना और बिल्कुल ढीले न हों।

मुझे जाने दो

अभी बेटी ससुराल से आएगी और मेरा मृत  शरीर देखकर बहुत रोएगी तब उसे संभालना और शांत करना। और आपभी  बिल्कुल नही रोना।

मुझे जाने दो

जिसका जन्म हुआ है उसकी मृत्यु निश्चित है। जो भी इस दुनिया में आया है वो यहाँ से ऊपर गया है। धीरे धीरे मुझे भूल जाना, मुझे बहुत याद नही करना। और इस जीवन में फिर से काम मे डूब जाना। अब मेरे बिना जीवन जीने की आदत  जल्दी से डाल देना।

मुझे जाने दो

आप ने इस जीवन में मेरा कहा कभी नही माना है। अब जिद्द छोड़कर वयवहार में विनम्र रहना। आपको अकेला छोड़ कर जाते मुझे बहुत चिंता हो रही है। लेकिन मैं मजबूर हूं।

मुझे जाने दो

आपको BP और डायबिटीज है। गलती से भी मिठा नही कहना अन्यथा परेशानी होगी।  

सुबह उठते ही तो दवा लेना न भूलना। चाय अगर आपको देर से मिलती है तो बहु पर गुस्सा न करना। अब में नहीं हूं यह समझ कर जीना सीख लेना।

मुझे जाने दो

बेटा और बहू कुछ बोले तो

चुपचाप सब सुन लेना। कभी गुस्सा नही करना। हमेशा मुस्कुराते रहना कभी उदास नही होना। 

मुझे जाने दो

अपने बेटे के बेटे के साथ खेलना। अपने दोस्तों  के साथ समय बिताना।  अब थोड़ा धार्मिक जीवन जिएं ताकि जीवन को संयमित किया जा सके।  अगर मेरी याद आये  चुपचाप रो लेना लेकिन कभी कमजोर नही होना।

मुझे जाने दो

मेरा रूमाल कहां है, मेरी चाबी कहां है अब ऐसे चिल्लाना नही। सब कुछ दचयन से रखने और याद रखने की आदत करना। सुबह और शाम नियमित रूप से दवा ले लेना। अगर बहु भूल जाय तो सामने से याद कर लेना। जो भी खाने को मिले प्यार से खा लेना और गुस्सा नही करना।

मेरी अनुपस्थिति खलेगी पर कमजोर नहीं होना।

मुझे जाने दो

बुढ़ापे की छड़ी भूलना नही और  धीरे धीरे से चलना।

यदि बीमार हो गए और बिस्तर में लेट गए तो किसी को भी सेवा  करना पसंद नहीं आएगा।

मुझे जाने दो

शाम को बिस्तर पर जाने से पहले एक लोटा पानी माँग लेना।  प्यास लगे तभी पानी पी लेना।

अगर आपको रात को उठना पड़े तो अंधेरे में कुछ लगे नही उसका ध्यान रखना।

मुझे जाने दो

शादी के बाद हम बहुत प्यार से साथ रहे। परिवार में फूल जैसे बच्चे दिए। अब उस फूलों की सुगंध मुजे नही मिलेगी।

मुझे जाने दो

उठो सुबह हो गई अब ऐसा कोई नहीं कहेगा। अब अपने आप उठने की आदत डाल देना किसी की प्रतीक्षा नही करना।

मुझे जाने दो

और हाँ .... एक बात तुमसे छिपाई है मुझे माफ कर देना।

आपको बिना बताए बाजू की पोस्ट ऑफिस में बचत खाता खुलवाकर 14 लाख रुपये जमा किये है। मेरी दादी ने सिखाया था। एक एक रुपया जमा कर के कोने में रख दिया। इसमें से पाँच पाँच लाख बहु और बेटी को देना और अपने खाते में चार लाख रखना आपके लिए।

मुझे जाने दो

भगवान की भक्ति और पूजा करना भूलना नही। अब  फिर कभी नहीं मिलेंगे !!

मुझसे कोईभी गलती हुई हो तो मुजे माफ कर देना।

 *मुझे जाने दो*

 *मुझे जाने दो*

        🌹🌹 *रचना* 🌹🌹

 *संजीव कृष्ण श्याम सखा*

         *संस्थापक*

*श्री बृज रस धारा धर्मार्थ सेवा संस्थान*श्री धाम वृंदावन*

   *9997807846* *8218507043*