dahej mukt mithila

(एकमात्र संकल्‍प ध्‍यान मे-मिथिला राज्‍य हो संविधान मे) अप्पन गाम घरक ढंग ,अप्पन रहन - सहन के संग,अप्पन गाम-अप्पन बात में अपनेक सब के स्वागत अछि!अपन गाम -अपन घरअप्पन ज्ञान आ अप्पन संस्कारक सँग किछु कहबाक एकटा छोटछिन प्रयास अछि! हरेक मिथिला वाशी ईहा कहैत अछि... छी मैथिल मिथिला करे शंतान, जत्य रही ओ छी मिथिले धाम, याद रखु बस अप्पन गाम - अप्पन बात ,अप्पन मान " जय मैथिल जय मिथिला धाम" "स्वर्ग सं सुन्दर अपन गाम" E-mail: apangaamghar@gmail.com,madankumarthakur@gmail.com mo-9312460150

मंगलवार, 7 फ़रवरी 2012

गजल


चलल बाण एहन इ नैनक अहाँक, मरलौं हम।
सुनगल इ करेज हमर सिनेह सँ बस जरलौं हम।

भिडत आबि हमरा सँ, औकाति ककरो कहाँ छै,
जखन-जखन लडलौं, हरदम अपने सँ लडलौं हम।

हम उजडल बस्ती बनल छी अहाँक इ सिनेह सँ,
सिनेहक नगर मे सदिखन बसि-बसि उजडलौं हम।

हम तँ देखबै छी अपन जोर मुँहदुब्बरे पर,
कियो जँ कमजोर छल, पीचि कऽ बहुत अकडलौं हम।

अहाँ डरि-डरि कऽ देखलौं जाहि धार दिस सुनि लिअ,
सब दिन उफनल एहने धार मे उतरलौं हम।
फऊलुन (ह्रस्व-दीर्घ-दीर्घ)--- ५ बेर प्रत्येक पाँति मे।

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