dahej mukt mithila

(एकमात्र संकल्‍प ध्‍यान मे-मिथिला राज्‍य हो संविधान मे) अप्पन गाम घरक ढंग ,अप्पन रहन - सहन के संग,अप्पन गाम-अप्पन बात में अपनेक सब के स्वागत अछि!अपन गाम -अपन घरअप्पन ज्ञान आ अप्पन संस्कारक सँग किछु कहबाक एकटा छोटछिन प्रयास अछि! हरेक मिथिला वाशी ईहा कहैत अछि... छी मैथिल मिथिला करे शंतान, जत्य रही ओ छी मिथिले धाम, याद रखु बस अप्पन गाम - अप्पन बात ,अप्पन मान " जय मैथिल जय मिथिला धाम" "स्वर्ग सं सुन्दर अपन गाम" E-mail: apangaamghar@gmail.com,madankumarthakur@gmail.com mo-9312460150

गुरुवार, 2 फ़रवरी 2012


गीत@ प्रभात राय भट्ट

गीत@ प्रभात राय भट्ट
 
सुन सुन रे  सुन पवन पुरबैया 
की लेने चल हमरो अप्पन गाम  
हमर जन्मभूमि वहि ठाम
जतय छै सुन्दर मिथिलाधाम //२
 
देश विदेश परदेश घुमलौं
मोन केर भेटल नहीं आराम
साग रोटी खैब रहब अप्पने गाम
जतय छै सुन्दर मिथिलाधाम //२
 
घर घर में छन्हि बहिन सीता
राजर्षि जनक सन पिता
सभ केर पाहून छथि राम
जतय छै सुन्दर मिथिलाधाम //२
 
काशी घुमलौं मथुरा घुमलौं
घुमलौं मका मदीना
सभ सँ पैघ विद्यापति केर गाम
जतय छै सुन्दर मिथिलाधाम //२
 
हिमगिरी कोख सँ बहैय कमला कोशी बल्हान
तिरभुक्ति तिरहुत छै जग में महान
दूधमति सँ दूध बहैय छै वैदेहीक गाम
जतय छै  सुन्दर  मिथिलाधाम //२
रचनाकार:-प्रभात राय भट्ट

कोई टिप्पणी नहीं: