dahej mukt mithila

(एकमात्र संकल्‍प ध्‍यान मे-मिथिला राज्‍य हो संविधान मे) अप्पन गाम घरक ढंग ,अप्पन रहन - सहन के संग,अप्पन गाम-अप्पन बात में अपनेक सब के स्वागत अछि!अपन गाम -अपन घरअप्पन ज्ञान आ अप्पन संस्कारक सँग किछु कहबाक एकटा छोटछिन प्रयास अछि! हरेक मिथिला वाशी ईहा कहैत अछि... छी मैथिल मिथिला करे शंतान, जत्य रही ओ छी मिथिले धाम, याद रखु बस अप्पन गाम - अप्पन बात ,अप्पन मान " जय मैथिल जय मिथिला धाम" "स्वर्ग सं सुन्दर अपन गाम" E-mail: apangaamghar@gmail.com,madankumarthakur@gmail.com mo-9312460150

मंगलवार, 28 फ़रवरी 2012

सोमवार, 27 फरवरी 2012

गीत@प्रभात राय भट्ट

गीत:-
सजना सजना यौ हमर सजना
सुनु सुनु ने कने हमर कहना //२
सजनी सजनी ऐ हमर सजनी मुखड़ा //
कहू कहू ने जे किछु अछि कहना //२


सजना सजना यौ हमर सजना
सुनु सुनु ने कने हमर कहना
ह्रिदय में हमर अहिं बास करैतछि
हमर मोनक सभटा आस पुरबैछि
हमर नयनक अहिं तारा छि सजना
हमर जीवनक अहिं सहारा छि सजना //२

सजनी सजनी ऐ हमर सजनी
कहू कहू ने जे किछु अछि कहना
कहू ने कहू हम सभटा जनैतछि
अहाँक प्रेम पाबी हम हर्षित रहैतछि
अहाँ हमरा मोन में हुलास बढ़बैतछि
अप्पन प्रेम नै टुटत इ बिस्वास हम दैतछि//२


सजना सजना यौ हमर सजना
सुनु सुनु ने कने हमर कहना
जन्म जन्म के हम छि पियासल
अहिं सं जीवनक उत्कर्ष अछि बाँचल
अहींक नाम सं खनकैय हमर कंगना
हमर दिल में अहिं धरकै छि सजना//२


सजनी सजनी ऐ हमर सजनी
कहू कहू ने जे किछु अछि कहना
जन्म जन्म तक हम रहब अहींक संग संग
अहींक प्रीत सं भरल अछि हमर मोनउपवन
अहाँक प्रीतक डोर सं बान्हल रहब रजनी
जीव नै सकब हम अहाँ बिनु सजनी //२


रचनाकार:-प्रभात राय भट्ट

1 टिप्पणी:

virendra sharma ने कहा…

komal भाव की रचना प्रेम सरोवर में दुबकी लगवाती आश्वस्त करती tan man को .