dahej mukt mithila

(एकमात्र संकल्‍प ध्‍यान मे-मिथिला राज्‍य हो संविधान मे) अप्पन गाम घरक ढंग ,अप्पन रहन - सहन के संग,अप्पन गाम-अप्पन बात में अपनेक सब के स्वागत अछि!अपन गाम -अपन घरअप्पन ज्ञान आ अप्पन संस्कारक सँग किछु कहबाक एकटा छोटछिन प्रयास अछि! हरेक मिथिला वाशी ईहा कहैत अछि... छी मैथिल मिथिला करे शंतान, जत्य रही ओ छी मिथिले धाम, याद रखु बस अप्पन गाम - अप्पन बात ,अप्पन मान " जय मैथिल जय मिथिला धाम" "स्वर्ग सं सुन्दर अपन गाम" E-mail: apangaamghar@gmail.com,madankumarthakur@gmail.com mo-9312460150

गुरुवार, 2 फ़रवरी 2012

माथ झुकेने बाप ठाड़्ह छथि बेवश आ लाचार...

माथ झुकेने बाप ठाड़्ह छथि बेवश आ लाचार
माँगि रहल अछि बेटीके ससूर होण्डा सिटी कार
नगद सेहो देब संगहि ओकर देब अहाँ जेवरात
लऽ जायब नहि तऽ वापस अपनेक घरसँ बरियात!

पिता कहै छथि सुनू समधीजी, बुझू हमर हालात
सुन्दर अछि बेटी हमर, सुन्दर ओकर खयालात
घरके स्वर्ग बना के राखत खूब करत ओ सेवा
घरमें लक्ष्मी सदिखन बसती धन के भेटत मेवा!

गृहस्थीके समान में देब छै जै सब चीजक दरकार
नहि दय सकबै अपनेकेँ एखन होण्डा सिटी कार!

ससूर कहै छथि बियाहे तखन करब अछि बेकार
हमरा चाही हर हालतमें बियाह में एकटा कार!

तखनहि अन्दर सँ बेटी अपन बाप सँ कहय लगली
नहि भरियौ पूज्य पिताजी एहि भिखारी के झोली!
कतेक देबैक कहिया देबैक इ छथि भिखारी पक्के
दैत-दैत हाइरियो जायब एक दिन अहुँ थाइक के!
नहि करबैक बियाह एतय बरु करबै पूरा पढाई
कतेको लड़की जे पैढ के किस्मत अपन बनौली!
ठाड़्ह होयब पैरो पर अप्पन तखनहि करबै बियाह!
बिना बनल आत्मनिर्भर बियाह करब माने बर्बाद!

"दहेज़ मुक्त के लेल एक टा छोट कोसीसी
दहेज़ मुक्त मिथिला परिवार"
चन्दन झा "राधे"

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