dahej mukt mithila

(एकमात्र संकल्‍प ध्‍यान मे-मिथिला राज्‍य हो संविधान मे) अप्पन गाम घरक ढंग ,अप्पन रहन - सहन के संग,अप्पन गाम-अप्पन बात में अपनेक सब के स्वागत अछि!अपन गाम -अपन घरअप्पन ज्ञान आ अप्पन संस्कारक सँग किछु कहबाक एकटा छोटछिन प्रयास अछि! हरेक मिथिला वाशी ईहा कहैत अछि... छी मैथिल मिथिला करे शंतान, जत्य रही ओ छी मिथिले धाम, याद रखु बस अप्पन गाम - अप्पन बात ,अप्पन मान " जय मैथिल जय मिथिला धाम" "स्वर्ग सं सुन्दर अपन गाम" E-mail: apangaamghar@gmail.com,madankumarthakur@gmail.com mo-9312460150

शुक्रवार, 23 दिसंबर 2011


गजल @प्रभात राय भट्ट

                  गजल
चिठ्ठीमें अहाँक रूप हम देखैतछी
हर्फ़ हर्फ में अहाँक स्नेह पबैतछी
 
अक्षर अक्षर में बाजब  सुनैतछी
शब्द शब्द में अहाँक प्रीत पबैतछी
 
एसगर में हम इ चिठ्ठी पढैतछी 
चूमी चूमी कें करेजा सँ सटबैतछी
 
अप्रतिम सुन्दर शब्द कें रटैतछी
प्रेम परागक अनुराग पबैतछी
 
चिठ्ठी में अहाँक रूपरंग देखैतछी
पूर्णमासिक पूनम अहाँ लागैतछी
 
प्रेमक प्यासी हम तृष्णा मेट्बैतछी
अहाँक चिठ्ठी पढ़ी पढ़ी कें झुमैतछी
 
कागज कलम कें संयोग करैतछी
"प्रभात"क मोनमे प्रेम बढ़बैतछी
..............वर्ण:-१४..................
रचनाकार:-प्रभात राय भट्ट

कोई टिप्पणी नहीं: