dahej mukt mithila

(एकमात्र संकल्‍प ध्‍यान मे-मिथिला राज्‍य हो संविधान मे) अप्पन गाम घरक ढंग ,अप्पन रहन - सहन के संग,अप्पन गाम-अप्पन बात में अपनेक सब के स्वागत अछि!अपन गाम -अपन घरअप्पन ज्ञान आ अप्पन संस्कारक सँग किछु कहबाक एकटा छोटछिन प्रयास अछि! हरेक मिथिला वाशी ईहा कहैत अछि... छी मैथिल मिथिला करे शंतान, जत्य रही ओ छी मिथिले धाम, याद रखु बस अप्पन गाम - अप्पन बात ,अप्पन मान " जय मैथिल जय मिथिला धाम" "स्वर्ग सं सुन्दर अपन गाम" E-mail: apangaamghar@gmail.com,madankumarthakur@gmail.com mo-9312460150

शनिवार, 24 दिसंबर 2011


गजल@प्रभात राय भट्ट

                     गजल
छोड़ी कें हमरा पिया गेलौं बिदेशमें
विछोड़क पीड़ा  किया  देलौं संदेशमें

भूललछी अहाँ पिया डलर नोटमें
नैनाक  नोर हमरा देलौं  संदेशमें 

देखैछी पिया अहाँकें इंटरनेटमें
स्पर्शक भाव सं परैतछी कलेशमें

हम रहैतछी पिया विरहिन भेषमें
स्नेहक भूख हमरा देलौं संदेशमें

मिलनक प्यास कोना बुझत नेटमें
गाम आबू पिया रहू अपने देशमें

अहाँ रहबै सबदिन परदेशमें
किल्का कोना किलकतै  हमरा गोदमें

मर्म वियोग हमरा देलौं संदेशमें
पिया "प्रभात"किया गेलौं परदेशमें
.....................वर्ण १४....................
रचनाकार:-प्रभात राय भट्ट

कोई टिप्पणी नहीं: