|| आयल साजि चैत मधुमास ||
आयल साजि चैत मधुमास ।
आगत बनि ऋतुराज बसंतहुँ
पूरल कोकिल आश ।।
कुसुमित कुञ्ज विटप मधुआयल
अलि - कुल कर जेवनारे ।
विहग वृन्द कर कोमल कल-रव
सीतल मंद वयारे ।।
बट कचनार अनार फुलायल
छिंटल रंग अवीरे ।
सुमन सुवास विपुल वन राजित
पावन संगम तीरे ।।
आँचर सारि आइ बसुधा भल
निज अजवारल कोरा ।
ऋतुपति हमर पुत्र जे अयला
"रमण" चारु चितचोरा ।।
रचनाकार
रेवती रमण झा " रमण "
आयल साजि चैत मधुमास ।
आगत बनि ऋतुराज बसंतहुँ
पूरल कोकिल आश ।।
कुसुमित कुञ्ज विटप मधुआयल
अलि - कुल कर जेवनारे ।
विहग वृन्द कर कोमल कल-रव
सीतल मंद वयारे ।।
बट कचनार अनार फुलायल
छिंटल रंग अवीरे ।
सुमन सुवास विपुल वन राजित
पावन संगम तीरे ।।
आँचर सारि आइ बसुधा भल
निज अजवारल कोरा ।
ऋतुपति हमर पुत्र जे अयला
"रमण" चारु चितचोरा ।।
रचनाकार
रेवती रमण झा " रमण "
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