dahej mukt mithila

(एकमात्र संकल्‍प ध्‍यान मे-मिथिला राज्‍य हो संविधान मे) अप्पन गाम घरक ढंग ,अप्पन रहन - सहन के संग,अप्पन गाम-अप्पन बात में अपनेक सब के स्वागत अछि!अपन गाम -अपन घरअप्पन ज्ञान आ अप्पन संस्कारक सँग किछु कहबाक एकटा छोटछिन प्रयास अछि! हरेक मिथिला वाशी ईहा कहैत अछि... छी मैथिल मिथिला करे शंतान, जत्य रही ओ छी मिथिले धाम, याद रखु बस अप्पन गाम - अप्पन बात ,अप्पन मान " जय मैथिल जय मिथिला धाम" "स्वर्ग सं सुन्दर अपन गाम" E-mail: apangaamghar@gmail.com,madankumarthakur@gmail.com mo-9312460150

शुक्रवार, 10 जनवरी 2020

एकटा प्रश्न ।। बद्रीनाथ राय "अमात्य"


                                                                                     किछु मैथिल विद्वानक कथन छनि जे माछ , मखान आओर पानक बिना
मैथिल - मिथिलाक परिकल्पना परिपूर्ण नञि भए सकैत अछि बात पूर्णरूपेण सत्य आओर तथ्य पूर्ण अछि मुदा पान,
मखान माधक उत्पादक लोकनि कें सेहो मैथिली मिथिला समाज द्वारा सामाजिक सम्मान भेटवाक चाही की नञि ,सेहो
एकटा गंभीर प्रश्न अछि ! यदि प्रश्नक उत्तर नकारात्मक अछि तँ किएक ? यदि सकारात्मक अछि तँ एखन धरि हुनका
लोकनि कें कोनो मैथिली - मिथिलाक मंच सँ की सम्मान भेटलनि ? ओना कोनो मैथिली - मिथिलाक मंच जाहि पर शब्द
- सागर में धोल पखारल आओर खराजल विचार प्रस्तुत केनिहार मैथिली - मिथिलाक सपूत ,मैथिलीक प्रेमचन्द वर्तमान
बाबा विद्यापति , श्री जगदीश प्रसाद मंडल प्रात स्मरणीय श्री रेवती रमण झा "रमण" जी , नन्दविलाश राय , दुर्गानन्द
मंडल , राजदेव मंडल , कपिलेश्वर राउत , नारायण यादव जी नञि रहता ओहि मंच के हम अधुरा मानैत छी आओर
ओ मंच मंच नञि प्रपंच मात्र थीक ! बातो वास्तविक अछि ! देखल जाईत अछि जे बेसी मैथिल मंच पर प्रपंच षड्यंत्र
पुष्पित - पल्लवित भए रहल अछि ! मैथिली - मिथिलाक विकासक नाम पर मैथिली - मिथिलाक मात्र चीर - हरण
कएल जाईत अछि ।।
- बद्रीनाथ राय " अमा

1 टिप्पणी:

सतीश अर्पित ने कहा…

बहुत जरूरी सवाल ...मुदा मिथिला के स्वनाम धन्य नीति नियंता लोकैन एही प्रशनक उत्तर देता ताहि में संदेह ....