dahej mukt mithila

(एकमात्र संकल्‍प ध्‍यान मे-मिथिला राज्‍य हो संविधान मे) अप्पन गाम घरक ढंग ,अप्पन रहन - सहन के संग,अप्पन गाम-अप्पन बात में अपनेक सब के स्वागत अछि!अपन गाम -अपन घरअप्पन ज्ञान आ अप्पन संस्कारक सँग किछु कहबाक एकटा छोटछिन प्रयास अछि! हरेक मिथिला वाशी ईहा कहैत अछि... छी मैथिल मिथिला करे शंतान, जत्य रही ओ छी मिथिले धाम, याद रखु बस अप्पन गाम - अप्पन बात ,अप्पन मान " जय मैथिल जय मिथिला धाम" "स्वर्ग सं सुन्दर अपन गाम" E-mail: apangaamghar@gmail.com,madankumarthakur@gmail.com mo-9312460150

गुरुवार, 19 अप्रैल 2012

गजल@प्रभात राय भट्ट



गजल

हमरा बिसैइर प्रीतम अहाँ जाएब कतय
एहन प्रगाढ़ प्रेम स्नेह अहाँ पाएब कतय

टुईट नै सकैय प्रीतम साँच प्रेमक बन्हन
चिर प्रेमक बन्हन तोड़ी अहाँ जाएब कतय

बिसैइर केर हमरा दिल लगाएब कतय
छोड़ी कें एसगर हमरा अहाँ जाएब कतय

अहाँक करेजक धड़कन में हम धड्कैत छि
कहू दिल से धड़कन निकाली जाएब कतय

"प्रभात"करेज में पसरल अछि हमर माया
अहाँक छाया हम छि छाया छोड़ी जाएब कतय
................वर्ण:-१८................
रचनाकार:-प्रभात राय भट्ट

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