dahej mukt mithila

(एकमात्र संकल्‍प ध्‍यान मे-मिथिला राज्‍य हो संविधान मे) अप्पन गाम घरक ढंग ,अप्पन रहन - सहन के संग,अप्पन गाम-अप्पन बात में अपनेक सब के स्वागत अछि!अपन गाम -अपन घरअप्पन ज्ञान आ अप्पन संस्कारक सँग किछु कहबाक एकटा छोटछिन प्रयास अछि! हरेक मिथिला वाशी ईहा कहैत अछि... छी मैथिल मिथिला करे शंतान, जत्य रही ओ छी मिथिले धाम, याद रखु बस अप्पन गाम - अप्पन बात ,अप्पन मान " जय मैथिल जय मिथिला धाम" "स्वर्ग सं सुन्दर अपन गाम" E-mail: apangaamghar@gmail.com,madankumarthakur@gmail.com mo-9312460150

मंगलवार, 24 अप्रैल 2012

गजल@प्रभात राय भट्ट



गजल

सुन्दर शांत मिथिला में मचल बबाल छै
जातपात भेदभावक उठल सबाल छै

नहि जानी किएक कियो करैय भेदभाव
सदभाव सृजना केर उठल सबाल छै

मनुख केर मनुख बुझैय छुतहा घैल
उंच नीच छुवाछुतक उठल सबाल छै

डोम घर में राम जी केनेछ्ल जलपान
ओहू पर कहियो कोनो उठल सबाल छै

सबरी क जूठ बैर सेहो खेलैथ राम जी
ओहू पर कहाँ कहियो उठल सबाल छै
............वर्ण-१६..........
रचनाकार:-प्रभात राय भट्ट

कोई टिप्पणी नहीं: