dahej mukt mithila

(एकमात्र संकल्‍प ध्‍यान मे-मिथिला राज्‍य हो संविधान मे) अप्पन गाम घरक ढंग ,अप्पन रहन - सहन के संग,अप्पन गाम-अप्पन बात में अपनेक सब के स्वागत अछि!अपन गाम -अपन घरअप्पन ज्ञान आ अप्पन संस्कारक सँग किछु कहबाक एकटा छोटछिन प्रयास अछि! हरेक मिथिला वाशी ईहा कहैत अछि... छी मैथिल मिथिला करे शंतान, जत्य रही ओ छी मिथिले धाम, याद रखु बस अप्पन गाम - अप्पन बात ,अप्पन मान " जय मैथिल जय मिथिला धाम" "स्वर्ग सं सुन्दर अपन गाम" E-mail: apangaamghar@gmail.com,madankumarthakur@gmail.com mo-9312460150

AAP SABHI DESH WASHIYO KO SWATANTRAT DIWAS KI HARDIK SHUBH KAMNAE

गुरुवार, 9 जुलाई 2015

कठजीब

कठजीब

मोन मे माया, भारी काया,
आहां सदखन ओझरायल छी।
कहै छी संगी किछ अधलाहे,
आहां बहुत भरमायल छी।
घोर अनथ॔ भ रहल अहिठाम,
आहां तैयौ ऊंधायल छी।
लुट खसोट बबाल मचल या,
आहां तैयौ अलसायल छी।
दुल्हा बनि आहां बिका रहल छी,
किछु पैसा क लोभ मे।
तैयौ आत्म सम्मान नय जागेऽ,
केहन आहां कठजीब छी।
मै बहिनक सम्मान लुटैया,
अहिठाम आंखिक आगु मे।
तैयौ बनि निरजीब रहैछी, 
नय बल आहां केर बाजु मे।
नय जागब त और धकियाअत,
गिरब गत॔ के सागर मे।
कहाऽ पवन सुनू यौ संगी,
नय आहां ऐना कठजीब बनु।
हार मांसक देह बनल या,
आऽबो आहां अधीर बनु।
भागि पराय मरैय सब पापी,
आहां एहेन हुंकार भरु।

 C A  PAWAN KUMAR JHA 

कोई टिप्पणी नहीं: