dahej mukt mithila

(एकमात्र संकल्‍प ध्‍यान मे-मिथिला राज्‍य हो संविधान मे) अप्पन गाम घरक ढंग ,अप्पन रहन - सहन के संग,अप्पन गाम-अप्पन बात में अपनेक सब के स्वागत अछि!अपन गाम -अपन घरअप्पन ज्ञान आ अप्पन संस्कारक सँग किछु कहबाक एकटा छोटछिन प्रयास अछि! हरेक मिथिला वाशी ईहा कहैत अछि... छी मैथिल मिथिला करे शंतान, जत्य रही ओ छी मिथिले धाम, याद रखु बस अप्पन गाम - अप्पन बात ,अप्पन मान " जय मैथिल जय मिथिला धाम" "स्वर्ग सं सुन्दर अपन गाम" E-mail: apangaamghar@gmail.com,madankumarthakur@gmail.com mo-9312460150

सोमवार, 27 जुलाई 2015

अपन मिथिला देश

घुइर चलू घुइर चलू मैथिल
अपन मिथिला देश
बाट जोहै छथि माए मिथिला,
आँचर मे लऽ स्नेहक सनेश।
उजइर पुजइर गेल छै ओकर
सभटा खेत पथार
गाम घर सभ भक्क पड़ल छै
डिबिया बाती नै जरै छै
देख ई दशा
माए मिथिला के फाटै छै कुहेश ।...
जाहि धरा पर बहैत अछि
सात सात धार
आई ओहि धरा के छाती अछि सुखाएल
खाए लेल काइन रहल अछि नेन्ना भुटका
माइर रहल छथि माए मिथिला चित्कार ।
देखू देखू हे मिथिलावाशी केहन आएल काल
देब भूमि तपोभूमि
आई बनल आतंकक अड्डा
जतऽ कहियो पशु पंछियोँ वाचैत छल शास्त्र
आई ओहि धरा सँ सुना रहल अछि बम बारुदक राग ।
हे मैथिल!
दोसरक नगरी रौशन केलौँ
छोइड़ अपन देश
आबो जँ नै आएब मिथिला
तऽ भऽ जाएत मिथिला डीह
कुहैर कुहैर क कहैथ माए मिथिला ई..
चलू चलू यौ मैथिल अपन मिथिला देश
फेर सँ बनेबै ओहने मिथिला
देखतै देश विदेश..जय मिथिला

कोई टिप्पणी नहीं: