dahej mukt mithila

(एकमात्र संकल्‍प ध्‍यान मे-मिथिला राज्‍य हो संविधान मे) अप्पन गाम घरक ढंग ,अप्पन रहन - सहन के संग,अप्पन गाम-अप्पन बात में अपनेक सब के स्वागत अछि!अपन गाम -अपन घरअप्पन ज्ञान आ अप्पन संस्कारक सँग किछु कहबाक एकटा छोटछिन प्रयास अछि! हरेक मिथिला वाशी ईहा कहैत अछि... छी मैथिल मिथिला करे शंतान, जत्य रही ओ छी मिथिले धाम, याद रखु बस अप्पन गाम - अप्पन बात ,अप्पन मान " जय मैथिल जय मिथिला धाम" "स्वर्ग सं सुन्दर अपन गाम" E-mail: apangaamghar@gmail.com,madankumarthakur@gmail.com mo-9312460150

AAP SABHI DESH WASHIYO KO SWATANTRAT DIWAS KI HARDIK SHUBH KAMNAE

शनिवार, 11 जुलाई 2015

तैयारी छै जयबा लेल

तैयारी छै जयबा लेल।

वयस मारलक चारिम थापड़। आन्हर आँखि कान भेल पाथर।
नहि सूनी नहि देखी आब। करू नीक बा खून - ख़राब।
नेता लूटू, खाउ, पकाऊ। जाति - जाति कें खूब लड़ाऊ।
धर्मक ठेकेदार कहाऊ। खूब अधर्म के पाठ पढाऊ।
बेचू बेटा‚ लिए दहेज़। खाउ कन्यागतक करेज।
पुत्रवधू के आगि लगाउ ।राम राम सत चिता सजाउ।
पूर्वज के करिऔ गुणगान। हम छी मैथिल‚ हम महान।
भाई- भाई मे करू लड़ाई। घर घराड़ी बाँटू आई।
दीन हीन सँ खेत लिखाउ। संस्कार के पाठ पढ़ाउ।
माय बाप के करिऔ भिन्न। स्वयं पलंग पर सुखक निन्न।
एक दोसर के खींचू टांग। आगाँ बढ़य ने अपन समांग।
नहि भेटय जँ सहजहि भांग। करू विदेशी दारूक मांग।
उपजत सहजहिं गप्पक खेती। खूब बघारू अप्पन सेठी।
बना लिऔ मिथिला के नर्क। "विजय" के की पड़तै फर्क।
सकारात्मक "विजय" भेल। तैयारी छै जयबा लेल।

कोई टिप्पणी नहीं: