dahej mukt mithila

(एकमात्र संकल्‍प ध्‍यान मे-मिथिला राज्‍य हो संविधान मे) अप्पन गाम घरक ढंग ,अप्पन रहन - सहन के संग,अप्पन गाम-अप्पन बात में अपनेक सब के स्वागत अछि!अपन गाम -अपन घरअप्पन ज्ञान आ अप्पन संस्कारक सँग किछु कहबाक एकटा छोटछिन प्रयास अछि! हरेक मिथिला वाशी ईहा कहैत अछि... छी मैथिल मिथिला करे शंतान, जत्य रही ओ छी मिथिले धाम, याद रखु बस अप्पन गाम - अप्पन बात ,अप्पन मान " जय मैथिल जय मिथिला धाम" "स्वर्ग सं सुन्दर अपन गाम" E-mail: apangaamghar@gmail.com,madankumarthakur@gmail.com mo-9312460150

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शनिवार, 19 नवंबर 2011

भूख:-


फुटपाथक कतमे पड़ल
छाओ मासक नेनाके
भूखसँ बेहाल पथियामे राखल आम दिस लपकैत देखि
कात करैत ओकर माय कहै अछि -

पियास लागल छह?
आनि देत छियह
चापाकल सऽ ठंढा पानि
भरि मोन पीबी लिहs
आ पिब हमहूँ
शान्त करब अपन लहरित पटकें
आ तोहर सेहो!

एक आमक दाम
बुझल छह तोरा?
नहि ने!
मात्र पाँच टाका आ महाजन सुदी
एक संझाक खोराक
आधा सेर मोटका चाऊरक दाम
चलह बना देत छियs मरसटका
ओहिमे तकियs बेटा!
मालदह आमक स्वाद!

2 टिप्‍पणियां:

अरुण कुमार निगम (mitanigoth2.blogspot.com) ने कहा…

तुमन के कबिता थोर-थोर समझ मा आईस हे.सबद के अरथ लिख देतेव ,नहि त हिंदी मा भावर्थ लिख देतेव त हमूँ पूरा मजा ले पातेन.आईस हमर टिपनी समझ मा ? छत्तीसगढ़ी मा लिखे हन.

madan kumar thakur ने कहा…

http://www.blogger.com/profile/11022098234559888734 chandan ji aap ko jarur hindi anuwad karke aapko padhane aur smaran krane ke liy shupurd karenge ,
dhanwad Nigam ji apnek k e koti koti naman