dahej mukt mithila

(एकमात्र संकल्‍प ध्‍यान मे-मिथिला राज्‍य हो संविधान मे) अप्पन गाम घरक ढंग ,अप्पन रहन - सहन के संग,अप्पन गाम-अप्पन बात में अपनेक सब के स्वागत अछि!अपन गाम -अपन घरअप्पन ज्ञान आ अप्पन संस्कारक सँग किछु कहबाक एकटा छोटछिन प्रयास अछि! हरेक मिथिला वाशी ईहा कहैत अछि... छी मैथिल मिथिला करे शंतान, जत्य रही ओ छी मिथिले धाम, याद रखु बस अप्पन गाम - अप्पन बात ,अप्पन मान " जय मैथिल जय मिथिला धाम" "स्वर्ग सं सुन्दर अपन गाम" E-mail: apangaamghar@gmail.com,madankumarthakur@gmail.com mo-9312460150

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मंगलवार, 15 नवंबर 2011

आएल पानी गेल पानी..

आएल पानी गेल पानीबाटही बिलाएल पानी
मेघक अछि खेल इ

लेनही पडायल पानी !


धरती पियाशल आ
धिपल आकाश अछि
बुत्रक बाजार लुटी
बाटही शुखायल पानी !

घास पात सरकैत
बारकैए खेत खेत
नदी नाला पोखरी में
लागाए हेराएल पानी!

धरती केर कोखी सोखी
कयलहूँ पटौनी
भाफ बनल उडल सकल
घर घर बटायल पानी !

गंगा आ यामुनके
भरल गदौस स
कोशिक किछेर तोड़ी
भागल छेकयल पानी !
आएल पानी गेल पानीबाटही बिलाएल पानी

2 टिप्‍पणियां:

virendra sharma ने कहा…

लोक भाषा का अपना रास रंग मिजाज़ है धड़कन है शिद्दत से महसूस हुआ .

प्रेम सरोवर ने कहा…

बहुत बढ़िया लगा ! बेहतरीन प्रस्तुती!