dahej mukt mithila

(एकमात्र संकल्‍प ध्‍यान मे-मिथिला राज्‍य हो संविधान मे) अप्पन गाम घरक ढंग ,अप्पन रहन - सहन के संग,अप्पन गाम-अप्पन बात में अपनेक सब के स्वागत अछि!अपन गाम -अपन घरअप्पन ज्ञान आ अप्पन संस्कारक सँग किछु कहबाक एकटा छोटछिन प्रयास अछि! हरेक मिथिला वाशी ईहा कहैत अछि... छी मैथिल मिथिला करे शंतान, जत्य रही ओ छी मिथिले धाम, याद रखु बस अप्पन गाम - अप्पन बात ,अप्पन मान " जय मैथिल जय मिथिला धाम" "स्वर्ग सं सुन्दर अपन गाम" E-mail: apangaamghar@gmail.com,madankumarthakur@gmail.com mo-9312460150

सोमवार, 31 अक्तूबर 2011

एक नजर देल जाओ कुम्भ स्थली " सिमरिया " पर

एक नजर देल जाओ कुम्भ स्थली " सिमरिया " पर जतय करोरो श्रद्धालु अपन जीवन के सुखमय , और गौरव आनंदित करैत , अपन जिनगी के शर्थक और भक्ति लिन करैत , हर्षो उलाश सँ अपन पवन- पावन धरती मिथिला के गुण-गान करैत एक दोसर के , उदेश कोना देत अछि ,------


2 टिप्‍पणियां:

अरुण कुमार निगम (mitanigoth2.blogspot.com) ने कहा…

बंसी के गुरतुर (मीठी)धुन ले सुरु(प्रारम्भ) ,बतइया (उद्घोषक) के गुरतुर सुर-लहरी ह गंगा के पावनता धरे सिमरिया के बरनन अइसन करिस हे के हिरदे जुरा गे.

सुरेन्द्र सिंह " झंझट " ने कहा…

bahut manmohak...