गाँव के इलेक्शन पर हाइकू के कविता बनाबै के प्रयास केलो ये देखल जाओं...
मुखिया -:
चुनाव लेल
पहिरे लागल ये
खादी कुरता
सरपंच-:
बुझायल जों
महिमा चुनाव के
गेल बोराय
पंच-:
दारु,टका सों
ख़रीदे रहल ये
सबटा वोट
वार्ड-सदस्य -:
चुनावी नैया
पार करय लेल
जोड़ैत हाथ
जनता-:
पाँच साल के
निकालैत छिकार
ये बुधियार
मुखिया -:
चुनाव लेल
पहिरे लागल ये
खादी कुरता
सरपंच-:
बुझायल जों
महिमा चुनाव के
गेल बोराय
पंच-:
दारु,टका सों
ख़रीदे रहल ये
सबटा वोट
वार्ड-सदस्य -:
चुनावी नैया
पार करय लेल
जोड़ैत हाथ
जनता-:
पाँच साल के
निकालैत छिकार
ये बुधियार
1 टिप्पणी:
लेकिन ऐ कुल में हमनियों के ओतने भागीदारी बा भैया..
बिके खातिर सब जानी तैयार बनी त उ कुल खरीद ताने..
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