मुजफ्फरपुर सुनसान लागि रहल ये जिम्हर देखियो उम्हरे शोक आ शंताप के माहौल ये। अनाथ भए गेल सोंसे देश कियाकि महाकवि आचार्य जानकीवल्लभ शाश्त्री जी के निधन भए गेल। शुक्रवार के हुनकर सम्मान में शोकसभाएं आयोजित कए के श्रदांजलि दए वाला के ताँता लागल रहय।साथ ही साथ सरकार से ओ महाकवि के देशरत्ना से विभूषित करय के मांग जोर पकड़य लागल ये।'ऊपर-ऊपर पी जाते हैं, जो पीने वाले होतें हैं जेइसन अमर पंक्ति से समाज के वंचित लोगेन के प्रति अपन वेदना के उड़ेलइ वाला महाकवि के निधन से भारतीय साहित्य के बहुत पैघ क्षति पहुंचल ये।
![[055[4].jpg]](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEh9KPriL0nlVEWaJBNt2OdDigaaDqB3onMGpBP2gjSyjkgmVKF1i7uYdjwYix4dTRtLPoGHnabRJ-1-VT5-BwNC4NLaPmjiUXlCXFBSMbmPSHQqMhmOyRISBKSq22xaaqgCwEPw-ka-GtHz/s1600/055%5B4%5D.jpg)
हिनकर रचना हिनकर प्रसिद्ध रचना मे मेघगीत,अवन्तिका,राधा,श्यामासंगीत,एक किरण: सौ झाइयां,दो तिनकों का घोंसला,इरावती,कालीदास,अशोक वन, सत्यकाम..आदि प्रसिद्ध अछि।
साहित्य जगत हुनकर निधन से अनाथ ते भए ही गेल ये साथ ही साथ हुनकर कमी के साहित्य जगत कहियो पूरा कए सकत की नै ई एकता सोचनिये विषय अछि।
4 टिप्पणियां:
साहित्य जगत की अपूरणीय क्षति है यह ! विनीत श्रद्धांजलि !
साहित्य जगत को यह कमी खलेगी....श्रद्धांजलि
विनम्र श्रद्धांजलि।
शास्त्री जी कए निधन सेय हम सब एकटा महान आत्मा सेय दूर भय गेलहुं..
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