अभय कान्त झा दीपराज के मैथिली गीत
भगवती के गीत
जय माँ अम्बे , जय जगदम्बे , हमरा पर उपकार करू |
हम बालक भटकल - बौआयल , जीवन के उद्धार करू ||
हम कामी , लोलुप और पापी , अपराधी संसार के |
शरण अहाँ के अयलों माता आशा ल क प्यार के ||
चाहे दण्डित करू हे जननी , चाहे बेड़ा पार करू |
जय माँ अम्बे , जय जगदम्बे , हमरा पर उपकार करू || १
माता अंश अहीं के हम सब , अहीं क रूप अनेक अछि |
हम कपूत त दोष अहीं के , अहीं क देल विवेक अछि ||
अब चाहे अहाँ करू तामश , चाहे हमरा प्यार करू |
हम बालक भटकल - बौआयल , जीवन के उद्धार करू || २
नेहक आशा ल क जननी , शरण अहाँ के आयल छी |
अहीं उबारब त हम उबरब , अहीं के भटकायल छी ||
अहीं बनेलौं मूरख हमरा , अहीं बुद्धि आगार करू |
जय माँ अम्बे , जय जगदम्बे, हमरा पर उपकार करू || ३
जग में हे जगदम्बे अहीं स्नेहक भण्डार छी |
बुद्धि, ज्ञान, बल, विद्या के अहाँ, सागर छी , संसार छी ||
हाथ कृपा के राखि माथ पर , हमरो नीक कपार करू |
हम बालक भटकल - बौआयल , जीवन के उद्धार करू || ४
स्वस्थ, सुखी, संपन्न, धर्म - युत जीवन के आशीष दिअ |
परमारथ और पर सेवा में झुकल रहय ओ रहय ओ शीश दिअ||
बसि क हमर आत्मा में माँ , पापक अहाँ संहार करू |
जय माँ अम्बे, जय जगदम्बे, हमरा पर उपकार करू ||५ ||
रचनाकार - अभय दीपराज
4 टिप्पणियां:
स्वस्थ, सुखी, संपन्न, धर्म - युत जीवन के आशीष दिअ |
परमारथ और पर सेवा में झुकल रहय ओ रहय ओ शीश दिअ||
bhaut nik
abhay babu ahank bhagbati geet bahut sundar lagal aur hum okra gabi rahal chi.ahan s nivedan achi je maithili mai aur geet likh k tarj ke sath humra mail karu.
bhagyanarayan jha b.s.f jalandhar.
bahut badhiya achi....
ehi Bhagwatee geet ke saundaryaa aatmaa ke bhaktiras san saraabore kay delak. Jon kyon maithil artist ekraa gabikay ekar casset nikaalathi ta maithil samaaj par hunkar e bahut badkaa upkaar hetanhin. Chetan......
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