dahej mukt mithila

(एकमात्र संकल्‍प ध्‍यान मे-मिथिला राज्‍य हो संविधान मे) अप्पन गाम घरक ढंग ,अप्पन रहन - सहन के संग,अप्पन गाम-अप्पन बात में अपनेक सब के स्वागत अछि!अपन गाम -अपन घरअप्पन ज्ञान आ अप्पन संस्कारक सँग किछु कहबाक एकटा छोटछिन प्रयास अछि! हरेक मिथिला वाशी ईहा कहैत अछि... छी मैथिल मिथिला करे शंतान, जत्य रही ओ छी मिथिले धाम, याद रखु बस अप्पन गाम - अप्पन बात ,अप्पन मान " जय मैथिल जय मिथिला धाम" "स्वर्ग सं सुन्दर अपन गाम" E-mail: apangaamghar@gmail.com,madankumarthakur@gmail.com mo-9312460150

AAP SABHI DESH WASHIYO KO SWATANTRAT DIWAS KI HARDIK SHUBH KAMNAE

गुरुवार, 24 फ़रवरी 2011

गीत:-माहासंग्राम@प्रभात राय भट्ट


संग्राम संग्राम ई अछि मधेस मुक्ति केर महासंग्राम !!
विना हक हित अधिकार पौने हम नए लेब आब विश्राम !!
अईधैर हम सहित गेलौ दुस्त शासक केर अन्याय !!
मुदा आब नई हम सहब लक हम रहब अपन न्याय !!
निरंकुश शासक शासन करईय घर में हमरा घुईस !!
मेहनत मजदूरी हम करैतछि, खून पसीना ललक हमार चुईस !!

अढाईसय वरखक बाद आई भेलई मधेस में भोर हौ !!
गाऊ गाऊ गली गली में आजादी क नारा लागल छै जोर हौ !!
निरंकुश शासक कहैया हम छि बड़ा बलबंत !!
मुदा आई हेतई दुष्ट निरंकुश शासक केरअंत !!
संग्राम संग्राम यी अछि मधेस मुक्ति केर महासंग्राम !!
विना हक हित अधिकार पौने आब नई हम लेब विश्राम !!

अईधैर हम सहैत गेलौ उ बुझलक हमरा कांतर !!
तन मन धन सब कब्जा कौलक हमरा बुझलक बांतर !!
आब हम मांगब नई छीन क लेब अपन अधिकार हौ !!
उतैर गेलौ हम रणभूमि में करैला दुष्ट शासक केर प्रतिकार हौ !!
मेची स महाकाली चुरेभावर स तराई,समग्र भूमि अछि मधेस माई !!
हिन्दू मुश्लिम यादव ब्राम्हिन थारू सतार संथाल हम सब एक भाई !!
जातपात कोनो नई हमर हम सब छि एक मधेसी हौ !!
अपन भाषा भेष संस्कृति नया संविधान में हम करब समावेशी हौ !!

रचनाकार :-प्रभात राय भट्ट

कोई टिप्पणी नहीं: