dahej mukt mithila

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शुक्रवार, 23 फ़रवरी 2024

उच्चैठ भगवती - KIRTI NARAYAN JHA

"या देवी सर्व भूतेषु मातृ रूपेण संस्थिता                              नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ।।.                                                                                                             


  उच्चैठ मधुबनी जिलाक बेनीपट्टी थाना मे अछि । एतय माँ भगवती के एकटा पुरान आ पैघ मंदिर अछि । ई स्थान कमतौल रेलवे स्टेशन सँ २४ कि०मी० उत्तर आ दरभंगा सँ बस सँ सीधा जूडल अछि । एहि दुर्गा मंदिरक अपन खास ऐतिहासिक महत्व अछि । एकटा पौराणिक कथाक हिसाब सँ एतय कालीदास रहैत छलाह । कालीदास पहिने महामूर्ख छलाह ।

      ओहि समय सदानंद नामक एकटा प्रसिद्ध राजा छलाह । हुनक बेटी विद्योतमा सुंदर आ गुणवती छ्लीह । विद्योतमा वियाहक लेल आयल अनेको राजा सँ वियाह करबा सँ मना दऽ देलनि आ प्रण केलनि जे ओ हुनके सँ वियाह करतीह जे हुनका सँ बेसी गुणवान हुअए । एहि सँ अपमानित भेल राजाक पंडित लोकनि बदला लेबाक लेल सोचलथि आ एकटा महामूर्खक खोज मे लागि गेलाह ।                                                                एक दिन हुनका लोकनिक नजरि कालीदास पर पड़ल, जे एकटा गाछक डारि पर बैसल छलाह आ ओकरहि काटि रहल छलाह । विद्वान लभ सोचलाह जे एहि सँ पैघ मूर्ख कतय भेटत । ओ कालीदास कें राजा सदानंदक दरबार मे लऽ गेलाह आ विद्योत्मा सँ हुनक वियाहक प्रस्ताव केलनि । पंडित लोकनि इहो कहलाह जे एखन ई मौन व्रत धाराण केने छथि आ तें इशारा मे गप्प करैत छथि ।

        विद्योत्मा दरवार मे उपस्थित भेलीह आ मौन रूप सँ प्रश्न पूछैत एकटा आँगुर उठेलीह, जेकर अर्थ भेल - ईश्वर एक छथि । कालीदास सोचलाह जे ई हमर एकटा आँखि फोड़य चाहैत अछि तँ हम हिनक दुनू फोड़ि देब आ तें ओ अपन दूटा आँगुर उठा देलनि । विद्योत्मा बुझलीह जे ई ईश्वरक दू रूप बतबैत छथि आ तें दूटा आँगुर उठेलनि अछि ।                                 पुन: दोसर प्रश्न मे विद्योत्मा अपन पाँचो आँगुर उठेलनि जेकर अर्थ भेल _ मूल तत्व ५ अछि । कालीदास सोचलाह जे ई हमरा थापड़ मारत तँ हम एकरा मुक्का मारब आ ओ पाँचों आँगुर बान्हि मुक्का देखेलनि । विद्योत्मा सोचलीह जे हिनक आशय ५ तत्व सँ मीलि कें बनल शरीर सँ अछि आ विद्योत्मा हारि मानि लेलनि ।      एवं प्रकारे कालीदास आ विद्योत्माक वियाह भेल । परंतु बाद मे वास्तविक स्थितिक ज्ञान भेला पर विद्योत्मा कालीदास कें अपमानित कऽ घर सँ निकालि देलनि ।

तत्पश्चात कालीदास विद्याध्ययनक लेल उच्चैठ पहुँचलाह आ एहिठाम रहि सभ शास्त्रक ज्ञाता भऽ गेलाह । आइयो लोक एहिठामक माँटि अपन घर लऽ जाईत अछि आ विश्वास करैत अछि जे दुर्गाक कृपा सँ हुनको घर मे कालीदास सन विद्वान जन्म लेथिन । माँ उच्चैठ भगवती सभक कल्याण करैथि एहि मंगलकामना केर संग जय माँ जगतजननी जगदम्बा 🙏

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