|| प्रियतम आई अयथिन की मोर ||
कखन सं कौआ कुचड़ि रहल अइ
देखहिन भोरे भोर ।
गै प्रियतम आइ अयथिन की मोर ।।
प्रतिपल पंथ निहारि रहल छी
रहि - रहि सगुन उचारि रहल छी
बहुतो बात बिचारि रहल छी
नाचि रहल मनमोर । गै प्रियतम.......
गाइक गोवर नीपल अंगना
रुनझुन - रुनझुन बाजल कंगना
पायल के झनकार झनाझन
खूब मचावय शोर ।। गै प्रियतम........
वर व्यंजन बहु विधि रचि साजल
अनुपम प्रवल प्रेम चित जागल
कौआँ तरल पड़ोरे सजनी
आर तरल तिलकोर ।। गै प्रियतम.......
रचि सोलह श्रृंगार केने छी
बत्तिस अभरन धारि लेने छी
रंजित नयन अधर पुट पाँडरि
लाले पहिर पटोर ।। गै प्रियतम......
रचयिता
रेवती रमण झा " रमण "
कखन सं कौआ कुचड़ि रहल अइ
देखहिन भोरे भोर ।
गै प्रियतम आइ अयथिन की मोर ।।
प्रतिपल पंथ निहारि रहल छी
रहि - रहि सगुन उचारि रहल छी
बहुतो बात बिचारि रहल छी
नाचि रहल मनमोर । गै प्रियतम.......
गाइक गोवर नीपल अंगना
रुनझुन - रुनझुन बाजल कंगना
पायल के झनकार झनाझन
खूब मचावय शोर ।। गै प्रियतम........
वर व्यंजन बहु विधि रचि साजल
अनुपम प्रवल प्रेम चित जागल
कौआँ तरल पड़ोरे सजनी
आर तरल तिलकोर ।। गै प्रियतम.......
रचि सोलह श्रृंगार केने छी
बत्तिस अभरन धारि लेने छी
रंजित नयन अधर पुट पाँडरि
लाले पहिर पटोर ।। गै प्रियतम......
रचयिता
रेवती रमण झा " रमण "
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