!! वर परिछन !!
चलू आइ परिछन , वर अयला अली ।
श्याम सुन्दर के नयना निरेखू भली ।।
अधर विम्ब लाली कमल के कली ।
वर पयलौ धिया मोर जेहने छली ।।
गे डनियाँ योगिनियाँ योगिनियाँ सम्हारै टोना
बिनु हँकारे के अयली हम बाजू कोना ।।
राति अनुपम सखी चान्द देखू भली ।
आजु मिथिलानी मिथिला "रमण" कय गेली ।।
गीतकार
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