|| दियावाती ||
Male - चारूकात चकमक दीप जरैया
जहिना पसरल भोर रे ।
लक्ष्मी ठारि हँसै छथि खल-खल
देखू अंगना मोर रे ।।
Female - एक वर्ष पर आयल पावनि
मनुआँ भेल विभोर रे
Male / female - लक्ष्मी ठारि हँसे छथि खल-खल
देखू अंगना मोर रे ।।
पसरल दिया कतारे सभतरि
परहित काज करैया ।
अपन गाते सतत जराकय
जग में ज्योति भरैया ।।
अधम-अन्हरिया भागल चटदय
धरमक भरल इजोर रे ।।
लक्ष्मी ठारि--देखू अंगना---
नीपल आँगन , अडिपन ढयौरल
चौमुख दीप कलश पर साजल ।
छितरल चहुँ दिश आमक पल्लव
सिन्दूर ठोप पिठारे लागल ।।
आँगन अनुपम रचि मिथिलानी
लाले पहिर पटोर रे ।।
लक्ष्मी ठारि--देखू अंगना---
एक दन्त मुख वक्रतुण्ड छवि
गौरी नन्दन आबू ।
दुख दारिद्रक हारणी हे माँ
ममता आबि देखाबू ।।
अति आनन्दक लहरि में टपटप
"रमणक" आँखि में नोर रे ।।
लक्ष्मी ठारि--देखू अंगना---
गीतकार
रेवती रमण झा "रमण"
Male - चारूकात चकमक दीप जरैया
जहिना पसरल भोर रे ।
लक्ष्मी ठारि हँसै छथि खल-खल
देखू अंगना मोर रे ।।
Female - एक वर्ष पर आयल पावनि
मनुआँ भेल विभोर रे
Male / female - लक्ष्मी ठारि हँसे छथि खल-खल
देखू अंगना मोर रे ।।
पसरल दिया कतारे सभतरि
परहित काज करैया ।
अपन गाते सतत जराकय
जग में ज्योति भरैया ।।
अधम-अन्हरिया भागल चटदय
धरमक भरल इजोर रे ।।
लक्ष्मी ठारि--देखू अंगना---
नीपल आँगन , अडिपन ढयौरल
चौमुख दीप कलश पर साजल ।
छितरल चहुँ दिश आमक पल्लव
सिन्दूर ठोप पिठारे लागल ।।
आँगन अनुपम रचि मिथिलानी
लाले पहिर पटोर रे ।।
लक्ष्मी ठारि--देखू अंगना---
एक दन्त मुख वक्रतुण्ड छवि
गौरी नन्दन आबू ।
दुख दारिद्रक हारणी हे माँ
ममता आबि देखाबू ।।
अति आनन्दक लहरि में टपटप
"रमणक" आँखि में नोर रे ।।
लक्ष्मी ठारि--देखू अंगना---
गीतकार
रेवती रमण झा "रमण"
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