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सोमवार, 25 फ़रवरी 2019

सन्देश ।। गीतक चोर गबैया सं ।। रचनाकार - रेवती रमण झा "रमण"

                 सन्देश
                   || गीतक चोर गबैया सं ||
                                     
बहुत   विलक्षण    गीत  गाबि
  मन-वीणा  के  झनकार  देलौ ।
मिथिला   स्वर  के  ताज  सुनू
      यौ बुद्धि के कियक बेकार भेलौ ।।

  बड़ अनुचित अछि आनक कीर्ति
नै तोरि   मडोरि   कय    गाबि ।
साजू   सदिखन   अपने टा स्वर 
   बुद्धि      नै      बृहद     लगाबी ।।

कवि वर सीताराम झा कहलनि
जे  अपना  बुझने  बुधियार ।
थोर पाबि गुण अइंठल जुइठल
ओ बुडिवक बुधियारक सार ।।

जतबे टा गुण देलनि विधाता
ओतबे    पैर     पसारु    ने ।
       हाथ जोड़ि कय"रमण"कहै छथि
भाभट  अपन  सम्हारु  ने ।।

रचनाकार
रेवती रमण झा "रमण"



                                     


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