|| सामाक गीत ||
चिठ्ठीया लीखल बहिनों भैया केर हे
आहे भैया डोली दीय ने पठाय
सामा खेलय आयब हे ||
चिठ्ठीया पढ़ल भैया डोली लेल हे
आहे भौजी के कहल बुझाय
बहिन आनय जायब हे ||
अतबे बचन सुनि भोजी भेली हे
आहे भेली जे सरिसों के फूल
कि भुइयाँ भेली झामर हे ||
आयल में आयल भैया डोली लय हे
आहे ताही चढ़ि भेलौ असवार
नैहर हम आयल हे ||
पूछल में पूछल भोजी कहु कुसल हे
आहे भोजी लेलनि लुलुआय
कहाँ नन्दो आयल हे ||
जूनी कानू जूनि बाजू भोजी हमर हे
आहे खेली सामा सासुर जायव
बहुरि नञि आयब हे ||
सुनलनि में सुनलनि अतबे फल्लाँ भैया हे
आहे मारल मे मारल खसाय
कि फल्लाँ बहिनो पाहून हे ||
रचनाकार -
रेवती रमण झा "रमण "
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