dahej mukt mithila

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शुक्रवार, 3 नवंबर 2017

सामाक गीत

 || सामाक गीत || 


चिठ्ठीया लीखल  बहिनों  भैया केर हे 
आहे भैया डोली दीय ने पठाय  
सामा  खेलय  आयब  हे  || 
चिठ्ठीया  पढ़ल भैया  डोली लेल हे 
आहे भौजी के कहल  बुझाय 
बहिन  आनय  जायब हे  || 
अतबे  बचन सुनि  भोजी भेली हे 
आहे भेली जे सरिसों  के फूल 
कि  भुइयाँ  भेली झामर हे || 
आयल  में  आयल भैया  डोली लय हे 
आहे ताही  चढ़ि  भेलौ  असवार  
नैहर  हम  आयल  हे || 
पूछल  में पूछल  भोजी कहु कुसल हे 
आहे भोजी  लेलनि  लुलुआय 
कहाँ  नन्दो  आयल  हे || 
जूनी  कानू  जूनि  बाजू  भोजी हमर हे 
आहे खेली सामा  सासुर  जायव  
बहुरि  नञि  आयब   हे  || 
सुनलनि में सुनलनि अतबे फल्लाँ भैया हे 
आहे  मारल मे  मारल खसाय 
कि  फल्लाँ  बहिनो  पाहून हे || 

रचनाकार -
रेवती रमण झा "रमण "

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